परिणिति चोपड़ा पर गरमाई सियासत,कांग्रेस पर भाजपा का पलटवार, ये है मामला…

हरियाणा में बॉलीवुड अदाकारा परिणिति चोपड़ा (Parineeti Chopra) को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की Brand Ambassador पद से हटाने को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस की प्रदेश प्रधान कुमारी सैलजा और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जहां इसे बेटियों की प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए सवाल उठाए हैं, वहीं सरकार और भाजपा संगठन ने पलटवार करते हुए कहा कि मई 2016 में परिणिति चोपड़ा के साथ हुआ समझौता ज्ञापन सिर्फ एक साल के लिए था। MOU को जब कभी नवीनीकृत नहीं किया गया तो उन्हें हटाने का सवाल कहां उठता है।

महिला एवं बाल कल्याण विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि मामले में कांग्रेस राजनीति कर रही है। तथ्यों के सत्यापन के बिना कोई भी बात कहने से सभी को बचना चाहिए। प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिये महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रही है, जबकि राजनीतिक रूप से प्रेरित झूठे बयान इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम को चोट पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि परिणिति के साथ प्रदेश सरकार का MOU अप्रैल 2017 तक था। इसके पश्चात MOU को कभी रिन्यू नहीं किया गया।

दरअसल, विवाद की शुरुआत जामिया के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में परिणिति के Tweet से हुई थी। परिणिति ने कहा कि ‘जब लोग अपने विचार व्यक्त करते हैं तब ऐसा ही होता है। नागरिकता कानून को भूल जाइए। हमें एक बिल पास करना चाहिए और अपने देश को लोकतंत्र नहीं कहना चाहिए। अपने मन की बात कहने पर निर्दोष लोगों की पिटाई असभ्य तरीका है।’ इस Tweet को सियासी गलियारों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की Brand Ambassador के रूप में देखा गया जो नागरिकता संशोधन बिल के विरोध और प्रदर्शनकारियों के समर्थन में है। इसके बाद सरकार ने सफाई दी थी कि अब परिणिति हरियाणा की Brand Ambassador नहीं हैं।

ऐसे छिड़ा Tweet वार

कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा ने Tweet किया था कि ‘सत्तारूढ़ पार्टी इस तरह की निचले स्तर की रणनीति से हमारी बेटियों की आवाज नहीं दबा पाएगी ।’ इसी तरह कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने Tweet किया कि ‘हरियाणा की बेटियां पढ़ी-लिखी भी हैं, समझदार भी और अपने विचार व्यक्त करने का साहस रखने वाली भी। आप उन्हें Brand Ambassador से हटाकर उनकी आवाज को दबा नहीं सकते।’ भाजपा प्रवक्ता रमन मलिक ने कहा कि Brand Ambassador कोई स्थायी नियुक्ति नहीं है। यह संभव है कि गांधी परिवार कांग्रेस का स्थायी Brand Ambassador हो। जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं, वे कांग्रेस के बेरोजगार लोग हैं।

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