अपने सहयोगियों और कई अन्य संगठनों के साथ DMK ने सोमवार को चेन्नई में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में एक रैली निकाली। इस रैली का नेतृत्व डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन द्वारा किया जा रहा है। पुलिस ने रैली के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था, इसके बाद रविवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने रैली को रोकने के लिए मना कर दिया।
अदालत इजाजत देते हुए कहा था कि इस पूरी रैली को ड्रोन का उपयोग करके दर्ज किया जाना चाहिए और साथ ही कानून-व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। 18 दिसंबर को स्टालिन की अध्यक्षता में सभी पार्टी की बैठक में यह कहा गया था कि CAA (Citizenship amendement act) को रद्द कर दिया जाना चाहिए। साथ ही ये भी फैसला किया गया कि 23 दिसंबर को यहां एक जुलूस निकाला जाएगा।
नागपुर में रैली निकालकर किया गया समर्थन
बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर देशभर में जमकर हंगामा किया जा रहा है। इसी बीच नागपुर में हाल ही में इस कानून का समर्थन में रैली निकाली गई। नागपुर में कानून के समर्थन में विशाल तिरंगा यात्रा निकालकर बिल का समर्थन किया गया था। इसमें भाजपा, लोक अधिकार मंच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, समेत कई संगठन शामिल हुए थे।
हिंसक प्रदर्शन में कई लोगों की मौत
नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में कई दिनों से हिंसक प्रदर्शन हुए। हिंसा में करीब 18 लोगों की मौत हो गई है। करीब 15 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था।इसी के साथ कई टीएमसी के नेता लखनऊ जाने वाले थे। जिन्हें राज्य में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।
इसके अलावा देशभर के करीब 1100 शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों ने पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आए बौद्ध, इसाइ, सिख हिंदु और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। 1100 हस्ताक्षर के साथ बयान में भारतीय संसद और सरकार को बधाई दी गई। इन सभी में भी उन ही लोगों को नागरिकता मिलेगी जिन्होंने 2014 से पहले देश में प्रवेश किया है।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal