चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ननकाना साहिब भेजेगा एसजीपीसी
नई दिल्ली : सिखों के प्रमुख तीर्थस्थल पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर बहुसंख्यक समुदाय के हमले, पथराव और हिंसा के विरोध में शनिवार को भारत में गुस्सा दिखा। सिख समुदाय सड़कों पर उतरा। राजधानी दिल्ली, पंजाब और बिहार समेत देश के तमाम हिस्सों में प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए। दिल्ली में सिखों के प्रदर्शन में मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हुए। इस गुस्से के बीच सिखों के शीर्ष संगठन ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी’ (एसजीपीसी) ने अपना चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल लाहौर स्थित ननकाना साहिब भेजने का फैसला किया है। नई दिल्ली के शांति पथ स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने एसजीपीसी, सिख यूथ सेवा फ्रंट, शिरोमणि अकाली दल (बादल), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस समेत अनेक राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नारेबाजी भी की।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने पथराव की कड़ी निंदा की। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करने वालों से कहा कि उन्हें इस घटना से ज्यादा और क्या सबूत चाहिए? पुरी ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि अब उन सभी लोगों की आंखे खुल जानी चाहिए, जो पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न से इंकार कर रहे हैं और सीएए की जरूरतों से मुंह मोड़ रहे हैं। इस घटनाक्रम से जाहिर है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को किस तरह मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस घटना पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा ने कहा है कि ननकाना साहिब में जो कुछ हुआ है, वह निंदनीय है। ननकाना साहिब का नाम बदलने की धमकी को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पाकिस्तानी उच्चायोग को सौंपे ज्ञापन में चेताया है कि जब तक पाकिस्तान सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal

