सुजीत पांडेय लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर
आलोक सिंह को मिली नोयडा की जिम्मेदारी
लखनऊ : प्रदेश की योगी सरकार की ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक में सोमवार को पुलिस आयुक्त प्रणाली पर मुहर लगा दी गई है। लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में पुलिस कमिश्नर प्रणाली पर मुहर लगाई गई। यह प्रणाली दोनों जनपदों में 14 जनवरी से लागू हो जाएगी। फिलहाल लखनऊ के 40 थानों में इस प्रणाली को लागू किया गया है, जबकि पांच थानों में पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी। पांच थानों पर एक एसपी होगा। दोनों कमिश्नरी का सुपरविजन डीजीपी करेंगे। दोनों जनपदों में एडीजी रैंक का अधिकारी कमिश्नर होगा। लखनऊ और मेरठ के आईजी और एडीजी का रोल घटा दिया गया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस प्रणाली को बेहतर करने के लिए सबसे बड़ा कदम उठाया है। पुलिस की ओर से कमिश्नरी की मांग की जा रही थी। यह बेहतर स्मार्ट पुलिसिंग का उठाया गया बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ की आबादी 30 लाख है, जबकि नोएडा की आबादी 25 लाख है। इस प्रणाली के तहत पुलिस निर्णय करने में स्वतंत्र होगी। अब जिलाधिकारी से अनुमति नहीं लेनी होगी। सिर्फ विकास कार्यों में जिलाधिकारी का दखल होगा। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद जिलाधिकारी के अधिकारी क्षेत्र में कटौती की गई है। जिलाधिकारी के 14 अधिकार अब पुलिस आयुक्त को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री की प्रेस ब्रीफिंग में द्वय उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, डीजीपी ओमप्रकाश सिंह, मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकान्त शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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