मुरादाबाद : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने शनिवार को कहा कि हमारा उद्देश्य शक्ति संपन्न कार्यकर्ताओं को हर मोहल्ले और प्रत्येक गांव में खड़ा करना है। उन्होंने यह विचार मकर संक्रांति उत्सव में व्यक्त किए। संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने कहा कि हम संविधान को प्रमाणिकता से मानकर चलते हैं। नागरिक अधिकार का प्रकरण पढ़िए। नागरिक कर्तव्यों का प्रकरण पढ़िए। मार्गदर्शक तत्व पढ़िए। ये बदलते नहीं हैं। ये संविधान के आधार हैं। उस आधार को लेकर हम चल रहे हैं। भारत के हर नागरिक का कल्याण हो ऐसी सद्भावना से संघ काम करता है। इसके लिए रोज साधना होती है।
उन्होंने कहा कि निर्भय बनो। शक्ति संपन्न बनो। संघ का यही संदेश हर हिन्दू के लिए है। संघ लोगों की भलाई पर विश्वास करता है। शांति के रास्ते पर चलता है। सरसंघचालक ने कहा कि शांति के रास्ते पर हमें दुनिया तब चलने देगी जब हम ताकतवर होंगे। इसलिए शक्ति संपन्ना कार्यकर्ताओं को हर मोहल्ले और हर गांव में खड़ा करना संघ का उद्देश्य है। डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि बिना सरकारी सहायताा के संघ के एक लाख 30 हजार से ऊपर सेवा कार्य चलते हैं। इसमें कोई भेदभाव नहीं होता। हम हिन्दुओं को संगठित करते हैं लेकिन सेवाकार्य में गैर हिंदू जरूरतमंद भी आ जाय तो संघ उसको पराया नहीं मानता। उन्होंने कहा कि ‘तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें न रहें। हम प्रसिद्धि के पीछे नहीं भागते।
उन्होंने कहा कि संगठन लगातार बड़ा हो रहा है। जब कार्य बढ़ता है तो किसी को बिना कारण दर्द होता है। किसी का बड़ा होना सज्जनों को आनंद देता है लेकिन दुष्टों को कष्ट होता है। वह दुष्प्रचार शुरू कर देते हैं। उससे स्वयंसेवक भलीभांति परिचित हैं। साठ साल से यह हो रहा है। समाज ऐसे दुष्प्रचार की सच्चाई जान गया है। स्वयंसेवक संघ के विचार और संस्कार के आधार पर काम करते हैं। संघ किसी का विरोध किए बिना समाज को संगठित और उसके संवर्धन का काम करता है।
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