लॉस एंजेल्स : अमेरिका और तालिबान के बीच दोहा में गुरुवार और शुक्रवार की बातचीत में दस दिवसीय युद्ध विराम पर सहमति के बाद अफगानिस्तान में शांति बहाली की संभावना बढ़ गई है। पश्चिमी राजनयिकों की मानें तो तालिबान से लंबे समय तक युद्ध विराम की उम्मीद करना भी बेमानी होगा। तालिबानी कमांडरों को भय है कि लंबे अरसे तक युद्ध विराम का अर्थ तालिबान लड़ाकों को दो अथवा दो से अधिक गुटों में बांटना होगा, जो उन्हें कदापि स्वीकार नहीं है। अफ़ग़ानिस्तान सरकार ने अमेरिका और तालिबान, दोनों को आगाह किया है कि शांति बहाली तब तक संभव नहीं है, जब तक तालिबान सीधे उनसे बातचीत करने को रज़ामंद न हो। इस पर अफ़ग़ानिस्तान में अशरफ़ गनी सरकार के प्रवक्ता सईद ने कहा कि शांति बहाली का सीधा अर्थ अफ़ग़ान लोगों और अफ़ग़ानिस्तान के लिए है।
तालिबान प्रवक्ता सहेल साहिन ने मीडिया से कहा कि समझौते की सभी शर्तों पर बातचीत हो चुकी है। इस बातचीत में अमेरिका के जनरल आस्टिन एस मिलर ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि तालिबान एक सीमित समय के लिए युद्ध विराम को तैयार हैं। वह उस दौरान किसी तरह की हिंसा नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार शांति बहाली के लिए अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता हो जाता है तो वह फिर जर्मनी में अफ़ग़ानिस्तान की सरकार से भी बातचीत करने को तैयार रहेंगे। अभी तक तालिबान अफ़ग़ान सरकार को अमेरिका की पिट्ठू सरकार मानती रही है।
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