लखनऊ में गरजे अमित शाह, किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगा सीएए!

कहा- सत्ता में रहकर कांग्रेस ने नहीं बनने दिया राम मंदिर

लखनऊ : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के समर्थन में आयोजित रैली में यहां विपक्ष को आईना दिखाते हुए हमला बोला। उन्होंने सीएए को लेकर विपक्ष पर दुष्प्रचार करने के आरोप लगाते हुए इस पर बहस करने की चुनौती दी और विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है। राजधानी में बंगला बाजार स्थित कथा पार्क में जनसमूह को सम्बोधित करते हुए शाह ने कहा ​कि कांग्रेस जब तक सत्ता में थी, तब तक अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर नहीं बनने दिया। कोर्ट में कपिल सिब्बल खड़े होकर केस में अड़ंगा लगाते थे। मोदी सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में केस तेजी से चला और अब अयोध्या में आसमान छूने वाला श्रीराम का मंदिर बनने वाला है। इसका भी ये विरोध कर रहे हैं।

राहुल एंड कम्पनी फैला रही भ्रम : शाह

अमित शाह ने विपक्ष पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम विरोध से डरने वाले नहीं हैं। हमारा जन्म और लालन-पालन विरोध में ही हुआ। मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है। उन्होंने लोगों से अपील की कि 8866288662 डायल कर मोदीजी का समर्थन करें। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा ​कि सीएए पर विरोधी पार्टियां दुष्प्रचार और भ्रम फैला रही हैं। इसीलिए भाजपा जन जागरण अभियान चला रही है, जो देश को तोड़ने वालों के खिलाफ जन जागृति का अभियान है। नरेन्द्र मोदी सीएए लेकर आए हैं। राहुल एंड कम्पनी, ममता बनर्जी, अखिलेश, मायावती, केजरीवाल सभी इस बिल के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं। देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो इमरान खान की भाषा है, वही राहुल गांधी की भाषा है। दोनों की भाषा एक है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सीएए लेकर आये। जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है, खाने के लिए खाना नहीं है, उनको मोदी जी ने सम्मान देने का काम किया है।

शाह ने विपक्ष को दी सीएए पर चर्चा करने की चुनौती

उन्होंने कहा कि सीएए से अल्पसंख्यों की नागरिकता चले जाने का झूठ फैलाया जा रहा है। उन्होंने विपक्ष को इस मुद्दे पर चर्चा करने की चुनौती देते हुए कहा कि अगर सीएए में किसी भी व्यक्ति की नागरिकता जाने की बात है तो साबित कर दिखाएं। विपक्ष अपनी सियासत करने के लिए इसको लेकर भ्रम फैला रहा है। सीएए के विरोधियों पर हमलावर होते हुए अमित शाह ने कहा कि इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता हो तो उसे साबित करके दिखाओ। उन्होंने कहा कि जब देश आजाद हुआ, कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत मां के दो टुकड़े हो गए। 16 जुलाई, 1947 को कांग्रेस पार्टी ने प्रस्ताव पास करके धर्म के आधार पर विभाजन को स्वीकार किया। कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश के विभाजन का काम किया। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए, वहां उनके धार्मिक स्थल तोड़े जाते हैं। वो लोग वहां से भारत आए हैं। ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता देने का ये बिल है।

अल्पसंख्यक कैंप में जाकर हकीकत देखें वोटबैंक के लोभी नेता

शाह ने सीएए पर सियासत करने वालों को चुनौती देते हुए कहा कि मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कल तक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे, वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग? कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। तब से शरणार्थियों के आने का सिलसिला चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि इन आंख के अंधे और कान के बहरे लोगों को वहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार दिखाई नहीं दे रहा है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान तो दूर की बात, उनको अपने देश कश्मीर में लोगों पर अत्याचार दिखाई नहीं दे रहा है। मैं आज डंके की चोट पर कहने लखनऊ आया हूं कि जिसको जो करना है कर ले, सीएए वापस नहीं होने वाला है।

गांधी, नेहरू, इंदिरा ने कही थी नागरिकता देने की बात

महात्मा गांधी ने 1947 में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख भारत आ सकते हैं। उन्हें नागरिकता देना, गौरव देना, भारत सरकार का कर्तव्य होना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नेहरू जी ने भी पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के भारत आने की बात कही थी। इंदिरा गांधी ने भी कहा था बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों शारण देने की वकालत की थी लेकिन यह कांग्रेस सुनना नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि नेहरू जी ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए। इनको नागरिकता देने के लिए जो जरूरी हो, करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।उन्होंने कहा कि मैं ममता दीदी से कहना चाहता हूं जो बंगाली पीड़ित बाहर से आए हैं उनको नागरिकता देने में आपको तकलीफ क्या है।

पैसे देकर करवा रहे धरना, चीरहरण दृश्य में नहीं रहेंगे मौन : योगी

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देश के हित में बड़े निर्णय कर रहे हैं। इससे रोकने का कुत्सित प्रयास हो रहा है। भारत का हर नागरिक पूरी मजबूती के साथ मोदी और शाह के साथ खड़ा है। देश के अन्दर कांग्रेस और सपा व अन्य दुश्मन की भाषा बोलने का काम करते हैं। योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के फैलाये भ्रम को लेकर कहा कि यह दुष्प्रचार ठीक वैसा ही है जैसे महाभारत में भरी सभा में द्रौपदी का चीरहरण हुआ और वहां मौजूद सभी ज्ञानी और बड़े लोग चुप रहे। तब द्रौपदी ने भरी सभा में ज्ञानियों से दोषी कौन का सवाल पूछा था। इस पर केवल विदुर ने दोषियों और मौन रहने वालों को जिम्मेदार ठहराया था। हम कांग्रेस, सपा और विपक्ष के इस पाप का भागीदार नहीं बनेंगे। एक भारत श्रेष्ठ भारत में सहभागी बनेंगे।

चीरहरण के दृश्य में मौन भी नहीं रह सकते। सीएए के समर्थन में देश को दुनिया के सामने एक ताकत बनाने के लिए हम प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ खड़े हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन का नारा दिया गया। इसलिए उनके नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनने पर दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ कदम बढ़ाये गये हैं। मुख्मंत्री ने अपने भाषण का समापन जय-जय श्रीराम के साथ किया। रैली को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा ने भी संबोधित किया।

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