केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बांबे हाई कोर्ट को जारी किया नोटिस, 29 जुलाई को सुनवाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाई कोर्ट का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाई कोर्ट करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बांबे हाई कोर्ट को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को करने का आदेश दिया। यह याचिका वर्ष 2000 में स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले मुंबई के श्रम न्यायालय के पूर्व जज वीपी पाटिल ने दायर की है। 1974 में उन्होंने महाराष्ट्र में न्यायपालिका में अपनी सेवा की शुरुआत की थी। पाटिल ने अपनी याचिका में कहा है कि महाराष्ट्र शब्द महाराष्ट्रियों के जीवन की एक अलग पहचान है। इस पहचान को हाई कोर्ट के नाम के साथ भी जोड़ा जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 19, 21 और 29 के तहत ये संस्कृति की अभिव्यक्ति और विरासत की रक्षा के अधिकार के तहत आता है।
याचिका में कहा गया है कि राज्य के नाम के साथ हाई कोर्ट के नाम जोड़े जाने से कफ्युजन भी कम होता है। ऐसा करना महाराष्ट्र और वहां की जनता के हित में है। याचिका में कहा गया है कि द हाई कोर्ट (अल्टरनेशन ऑफ नेम्स) बिल, 2016 को संसद में देश की हाई कोर्ट के नामों को बदलने के लिए लाया गया था। इस बिल में हाई कोर्ट ऑफ जुडिकेचर एट बांबे की जगह हाई कोर्ट ऑफ जुडिकेचर एट मुंबई के अलावा कलकत्ता हाई कोर्ट को कलकत्ता और मद्रास हाई कोर्ट को चेन्नई हाई कोर्ट करने का प्रस्ताव है। ये बिल इसलिए पारित नहीं हो सका क्योंकि इस पर सहमति नहीं बन सकी और इसकी समय सीमा खत्म हो गई।
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