पहले चरण में बुन्देलखण्ड और विंध्याचल में अगले दो वर्ष के अन्दर हर घर तक पहुंचेगा पीने का पानी
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुन्देलखण्ड, विंध्याचल, इंसेफेलाइटिस प्रभावित क्षेत्रों और आर्सेनिक व फ्लोराइड प्रभावित इलाकों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने की योजना की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चलाए जा रहे अभियान के तहत मुख्यमंत्री योगी ने चार चरणों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। इसके तहत सतही जल और भूमिगत जल के माध्यम से घर-घर तक पेयजल पहुंचाया जाएगा। 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में बुन्देलखण्ड और विंध्याचल में अगले दो साल के भीतर हर घर तक पीने का पानी पहुंचेगा। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय की महत्वपूर्ण बैठक कर रणनीति बनाई। इस दौरान जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान तय किया गया कि जो कार्यदायी संस्था काम करेगी उसी की अगले 10 सालों तक रखरखाव की जिम्मेदारी होगी।
दूसरे चरण में सोनभद्र और मीरजापुर में हर घर तक पानी पहुंचाया जाएगा। तीसरे चरण में जापानी बुखार और इंसेफलाइटिस से प्रभावित क्षेत्रों में योजना पूरी होगी। चौथे चरण में आर्सेनिक व फ्लोराइड से प्रभावित गंगा यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में पेयजल योजना पहुंचेगी। राज्य सरकार का लक्ष्य प्रधानमंत्री की इच्छा के अनुसार हर घर को जल उपलब्ध कराया जाना है,जिससे शत-प्रतिशत लोगों को नल से जल उपलब्ध हो सके। दरअसल बुन्देलखण्ड की सूखी धरती से पानी के लिए मिशन मोड पर काम करने का जो संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है, उस दिशा में योगी सरकार तेजी से कदम बढ़ाने की तैयारी में है। प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल से जल और हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘भगीरथ’ बनकर चल पड़े हैं।
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