कानपुर संरक्षणगृह मामले में बसपा प्रमुख ने बोला हमला, मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कानपुर में संवासिनी गृह राजकीय बालगृह (बालिका) में नाबालिगों के गर्भवती पाये जाने पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा इससे साबित हुआ है कि महिला सुरक्षा के मामले में सरकार उदासीन और गैरजिम्मेदार बनी हुई है। मायावती ने सोमवार ट्वीट किया कि कानपुर राजकीय संरक्षण गृह में काफी बहन-बेटियों के कोरोना संक्रमित होने व कुछ के गर्भवती होने की खबर से सनसनी व चिन्ता की लहर दौड़ना स्वाभाविक ही है जो पुनः साबित करता है कि यूपी में महिला सम्मान तो दूर उनकी सुरक्षा के मामले में सरकार उदासीन, लापरवाह व गैर-जिम्मेदार बनी हुयी है। उन्होंने कहा कि इससे पहले आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ अन्याय के मामले में जब सरकार ने सख्त कार्रवाई की थी तो यह देर आए दुरुस्त आए लगा था। लेकिन, सर्वसमाज की बहन-बेटियों के साथ लगातार होने वाली अप्रिय घटनाओं से स्पष्ट है कि आजमगढ़ की कार्रवाई केवल एक अपवाद थी, सरकार की नीति का हिस्सा नहीं।
मायावती ने कहा कि अतः बीएसपी की मांग है कि यूपी सरकार कानपुर बालिका संरक्षण गृह के घटना की लीपापोती न करे बल्कि इसको गंभीरता से ले व इसकी उच्च-स्तरीय निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, यूपी के सभी बालिका गृह के व्यवस्था में अविलम्ब जरूरी मानवीय सुधार लाए तो बेहतर है। वहीं इस प्रकरण में कानपुर नगर के जिलाधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने नाबालिगों के गर्भवती होने और कोरोना पॉजिटिव होने को लेकर जांच के लिए कमेटी गठित की है। इसमें तत्काल रिपोर्ट देने को कहा गया है। जिलाधिकारी की तरफ से संवासिनी गृह में पॉक्सो के तहत रहने वाली सभी सात गर्भवती बालिकाओं की रिपोर्ट हिस्ट्री भी जारी की गई है जिसमें बताया गया है कि इन सभी के मामले में अलग अलग स्थानों पर पुलिस जांच चल रही है। जिलाधिकारी के अनुसार कानपुर नगर में कुल 171 संवासिनियां सीडब्ल्यूसी बाल कल्याण समिति के आदेश से यहां रह रही हैं। यह पूरी तरह तथ्यहीन एवं निराधार है कि किशोरियां राजकीय बाल गृह (बालिका) कानपुर नगर में गर्भवती हुईं।
राजकीय बालगृह (बालिका) में 57 संवासिनियां तथा एक स्टॉफ कोरोना पॉजिटिव पाई गईं हैं जिनको आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। कोरोना संक्रमित 5 संवासिनियां गर्भवती हैं जिनमें से 2 पीड़िताओं के 8 माह से अधिक गर्भवती होने के कारण उन्हें कोविड 19 के जच्चा बच्चा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शेष सभी संवासिनियों को कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार एकांतवास में रखा गया है। वहीं जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण का कारण तलाशने में जुटा है। संवासिनी गृह के स्टाफ के लोगों का बाहर आना जाना रहता है। माना जा रहा है कि बाहर आने जाने वालों की वजह से ही बालिकाओं में संक्रमण फैला है। यहां के एक स्टाफ को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
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