लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि भाजपा का अहंकार इन दिनों सिर चढ़कर बोल रहा है। अपने अहंकार में भाजपा नेतृत्व ने भाषा और आचरण की मर्यादा को तिलांजलि दे दी है और राजनीति की गरिमा से भी खिलवाड़ करने में संकोच नहीं किया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि भाजपा नेतृत्व का संविधान और लोकतंत्र की व्यवस्थाओं में भी भरोसा नहीं रह गया है। इसीलिए ऐसे दुस्साहसपूर्ण दावे किए जा रहे हैं कि उनकी सरकार हमेशा सत्ता में बनी रहेगी। लोकतंत्र में तो हर पांच वर्ष बाद जनता अपने जनप्रतिनिधियों-सांसदो, विधायकों का चुनाव करती है। जबरन सत्ता पर काबिज रहने का दावा तो संविधान के अनुरूप आचरण के विपरीत तानाशाही मानसिकता की साजिश का संकेत देता है। सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले दिनों कन्नौज की एक घटना की बिना किसी संदर्भ के सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेतृत्व ने चर्चा की। इसमें जिस भाषा का इस्तेमाल हुआ उससे राजनीति की साख को भी बट्टा लगा। पद का अन्यथा इस्तेमाल सत्ता के दुरुपयोग की अवांछित दुर्घटना ही मानी जाएगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन वर्षों में भाजपा सरकार ने अनावश्यक मुद्दों में उलझाकर राज्य का बहुत अहित किया है। जनता के साथ यह बड़ा छल और धोखा है। दिन प्रतिदिन प्रदेश में गम्भीर अपराधिक घटनाएं घट रही हैं। अपराधियों पर कोई अंकुश नहीं रह गया है। अपनी नफरत और समाज को बांटने वाली हरकतों को भाजपा छोड़ने का नाम नहीं लेगी क्योंकि उसी के सहारे उसकी सम्पूर्ण राजनीति संचालित होती है। उन्हेांने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार की हर मोर्चे पर विफलता जग जाहिर है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है, कोरोना संक्रमण थम नहीं रहा है, अफसरशाही बेलगाम है और सत्ता दल के विधायक-सांसद भी अपनी सरकार के कामों पर उंगली उठा रहे हैं।
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