कोरोना महामारी के संकट काल के बीच आज सोमवार को संसद सत्र आरंभ हो गया है. सत्र आरंभ होते ही विपक्ष ने संसद में प्रश्नकाल के स्थगित किए जाने का मुद्दा उठाया. इस दौरान AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मांग करते हुए कहा कि प्रश्नकाल को स्थगित करना, संसदीय प्रणाली के लिए बड़ा खतरा है. साथ ही ओवैसी ने इस मुद्दे पर डिविजन की मांग की. 
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रश्नकाल और प्राइवेट मेंबर बिल का स्थगन अनुचित है और ये संसदीय प्रणाली के लिए खतरा है. ओवैसी की तरफ से की गई डिविजन की मांग को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने ठुकरा दिया. सत्र के शुरु में संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने सदन में प्रस्ताव रखा कि प्रश्नकाल को स्थगित कर दिया जाए. जिस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने विरोध जाहिर करते हुए कहा कि प्रश्नकाल सांसदों का अधिकार है. ऐसे में सरकार आम जनता के प्रति जिम्मेदारी से बच रही है, सरकार को प्रश्नकाल को नहीं टालना चाहिए. कांग्रेस, AIMIM के अलावा TMC की तरफ से भी इस मसले पर सरकार की निंदा की गई.
संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान इस मुद्दे पर बयान दिया और कहा कि सदन से पहले उन्होंने सभी पार्टियों के नेताओं से बात की थी. जिसमें उन्होंने इस मामले पर जानकारी दी थी, ऐसे में अधिकतर दलों ने इस मामले में अपनी सहमति जाहिर की थी.
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