बिहार विधानसभा चुनाव 2020: सुल्तानगंज से राजद और भाजपा का नहीं खुला है खाता, देखें लिस्‍ट

राजनीति के क्षेत्र में भी सुल्तानगंज विधानसभा सीट की अलग पहचान है। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र पर 1985 से जदयू, जनता दल व समता पार्टी का कब्जा रहा है। दो चुनाव से लगातार जीतते आ रहे जदयू के सुबोध राय को पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है। सुबोध राय 2010 में सीपीएम छोड़कर जदयू का दामन थाम लिया। उनकी जगह पर इस बार प्रो. ललित कुमार मंडल को टिकट दिया गया है। वर्षों बाद इस सीट पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी ललन कुमार को टिकट दिया गया है। रालोसपा के हिमांशु प्रसाद फिर से चुनाव मैदान उतर गए हैं। लोजपा ने नगर परिषद अध्यक्ष नीलम देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है।

2015 के चुनाव से इस बार का राजनीतिक समीकरण बदला हुआ है। पिछले चुनाव में राजद, कांग्रेस और जदयू का गठबंधन था। गठबंधन के तहत जदयू को यह सीट मिली थी। एनडीए की तरफ से रालोसपा के हिस्से में सीट गई थी। हिमांशु प्रसाद रालोसपा के प्रत्याशी थे। इस बार रालोसपा और लोजपा अलग-अलग चुनाव लड़ रही है। इसलिए यहां का मुकाबला रोचक हो गया है।

राजद व भाजपा का नहीं खुला है खाता

1985 के चुनाव के बाद कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिरता गया। जदयू लगातार चार बार से इस सीट पर जीत रहा है। इस सीट पर राजद और भाजपा के अभी तक खाते नहीं खुले हैं। पिछले चार चुनाव से राजद प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे हैं। यह विधानसभा क्षेत्र 1980 से 2005 तक आरक्षित रहा। 1951 में कांग्रेस के रासबिहारी लाल पहले विधायक बने। इसके बाद लगातार तीन बार इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। सुबोध राय, सुधांशु शेखर भास्कर, रामरक्षा यादव और फणीन्द्र चौधरी लगातार दो बार यहां से निर्वाचित हुए। इस सीट पर कांग्रेस ने सबसे अधिक सात बार जीत दर्ज की है।

मुस्लिम, यादव, कुशवाहा बहुल सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र भागलपुर जिले का हिस्सा है। यह विधानसभा सीट भागलपुर जिले में है पर बांका संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, सुल्तानगंज की जनसंख्या 4,36,079 है। यहां की 87.87 फीसद जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र और 12.13 फीसदी शहरी क्षेत्र में रहती है। सुल्तानगंज में 12.97 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और 0.02 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है। सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र यादव, मुस्लिम, कुशवाहा बहुल क्षेत्र है। यहां कोयरी, सवर्ण और अनुसूचित जाति, जनजाति की आबादी भी अच्छी है। 2020 के वोटर लिस्ट के मुताबिक, यहां पर 327753 मतदाता हैं।

एक नजर में 2015 का चुनाव

-12 अक्टूबर 2015 को हुई थी वोटिंग

-285 बूथ पर पड़े थे मतदान

-12 प्रत्याशी हुए थे चुनाव में खड़ा

-154740 मत पड़े थे

-154726 मत पड़े थे प्रत्याशियों को

-50.05 फीसद हुई थी पोलिंग

-53.29 फीसद पुरुष मतदाता

-46.71 फीसद महिला मतदाता

-सेक्स रेशियो 877

-सुबोध राय (जदयू) 63345 (40.94 फीसद)

-हिमांशु पटेल (बीएलएसपी) 49312 (31.87 फीसद)

-ललन कुमार (निर्दलीय) 14073 (9.1 फीसद)

-राकेश कुमार (निर्दलीय) 4041 (2.61 फीसद)

-चक्रपाणि हिमांशु (जेएपीएल) 3186 (2.06 फीसद)

-अन्य सात प्रत्याशी 20769 (13.42 फीसद)

2015 में थे वोटर

कुल वोटर : 303945

पुरुष मतदाता : 161920

महिला मतदाता : 142002

थर्ड जेंडर : 23

इस साल के वोटर

कुल वोटर : 327753

पुरुष : 173824

महिला : 153909

थर्ड जेंडर : 20

-पांच वर्ष में बढ़े 23808 मतदाता

वर्ष       विधायक   पार्टी

2015  सुबोध राय  जदयू

2010  सुबोध राय  जदयू

2005 (अक्टूबर)- सुधांशु शेखर भास्कर (जदयू)

2005 (फरवरी)- सुधांशु शेखर भास्कर (जदयू)

2000- गणेश पासवान (समता पार्टी)

1995- फणिन्द्र चौधरी (जनता दल)

1990- फणिन्द्र चौधरी (जनता दल)

1985- उमेश चन्द्र दास (कांग्रेस)

1980- नंद कुमार मांझी (कांग्रेस)

1977- जागेश्वर मंडल (जनता पार्टी)

1972- रामरक्षा प्रसाद यादव    (कांग्रेस)

1969- रामरक्षा प्रसाद यादव    (कांग्रेस)

1967- बनारसी प्रसाद शर्मा (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)

1962- देवी प्र.महतो (कांग्रेस)

1957- सरस्वती देवी (कांग्रेस)

1951- रासबिहारी लाल (कांग्रेस)

 

 

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