अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के स्पेसक्राफ्ट ने अंतरिक्ष में एक एतिहासिक मुकाम को अंजाम दिया। इसी दिशा में अब वो एक नए छुद्र ग्रह बेन्नू के करीब पहुंचकर वहां से नमूने लेने की कोशिश कर रहा है।

यह पृथ्वी से करीब 200 करोड़ मील की दूरी पर है। नासा का यह भी कहना है कि लगभग 150 साल के बीच ये ग्रह धरती के बेहद करीब आ जाएगा, उस दौरान ये धरती को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन नासा इन चीजों को ध्यान में रखते हुए इसकी जांच करना चाह रही है।
यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना की शीर्ष वैज्ञानिक डान्टे लॉरेटा ने इस सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि इस मिशन को पूरा कर लिया गया है।
स्पेसक्राफ्ट ने हर वह चीज की जो उसे करनी थी। ओसिरिस-रेक्स ने बिन्नू पर उतरने की पुष्टि 20 करोड़ मील दूर से की है और अब ओसिरिस-रेक्स सैंपल के साथ साल 2023 में लौटेगा।
इसे पहले ही ग्राउंड कंट्रोल ने कमांड दे दी थी। इससे उसने करीब 4.5 घंटे में अपनी कक्षा से बेन्नू की सतह पर पहुंचा। लेकिन उसके रुकने के लिए 510 मीटर के एस्ट्रॉयड में पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण नहीं है। इसलिए उसने पूरी तरह लैंड होने की जगह 3.4 मीटर की रोबोट आर्म को सतह पर पहुंचाया।
पहले से तय कमांड के मुताबिक कुछ सेकंड में ओसिरिस की आर्म के छूने से क्रेटर की धूल नाइट्रोजन गैस के ब्लास्ट से उड़ेगी और सैंपलिंग हेड में इकट्ठा हो जाएगी। वैज्ञानिकों को कम से कम 60 ग्राम सैंपल चाहिए। अगर यहां इतनी धूल नहीं मिली तो 30 अक्तूबर को फैसला किया जाएगा कि आगे क्या करना है।
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