फोन कर लड़कियों को परेशान करते थे नेताजी
जालौन : महिला सुरक्षा के नाम पर जब एंटी रोमियो गायब हो गयी तो छात्राओं ने मोर्चा संभाला है और उसके बाद मजनू की आशिकी चप्पलों की भेंट चढ़ी है। जनपद जालौन के उरई के रेलवे स्टेशन के बाहर आइस पाईस चल रही है आगे आगे कांग्रेस का जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा और पीछे पीछे लड़कियां।ऊपर की सांसें ऊपर और नीचे की सांसें नीचे रह गयी कि लड़कियां होतीं तो ठीक था लेकिन हाँथ में लड़कियों ने चप्पलों को थाम रखा है जो इक्कीसवीं सदी के मजनू के जिस्म को नाप देना चाहता है, रुई की तरह उधेड़ कर रख देना चाहता है,न न इसे गलती से भी होली का दिसम्बरी स्वरूप मत समझियेगा जिसमे गोपियाँ युवकों से रासलीला के नाम पर खेला करती है दरअसल ये तरीका और वो भाषा है जो मजनुओं के वंशजों की मगज में घुसता है।
दरअसल जनपद जालौन के कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा पिछले कई दिनों से लड़कियों को फोन करके अश्लील बातें किया करते थे जिसकी शिकायत लड़कियों ने कांग्रेस के उच्च नेताओ से भी की लेकिन नेताओ ने इधर उधर की बातें करना शुरू कर दीं जिसके बाद आज गुस्साई लड़कियों ने उरई रेलवे स्टेशन के बाहर बुलाकर जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा की सारी आशिकी उतार दी वहीं आसपास के लोगों ने मारपीट का वीडियो बनाकर शोसल मीडिया में वायरल कर दिया। रविार को उरई के रेलवे स्टेशन के बाहर मजनू निपटाओ अभियान चला जिसका जिम्मा खुद लड़कियों ने संभाला। इस मजनू निपटाओ प्रतियोगिता का मुख्य किरदार उरई के रेलवे स्टेशन के बाहर बड़का गुंडा बनकर आया था और अपनी गुंडई का प्रदर्शन कर रहा था जिसे काफी लंबे समय से सहन रहीं थी लड़कियां लेकिन इस बार कोई मिल गया का रितिक रोशन बनकर स्टेशन के बाहर पहुंचा तो लड़कियां भी छात्राणी बन गयीं और चप्पलों से कांग्रेस जिलाध्यक्ष का स्वागत किया गया, दो चार चप्पलें पड़ते ही अंदर की नशे कराहने लगीं कि हे भगवान कहाँ फसा दिया लेकिन लड़कियों को खिलौना समझने वाला जब उरई की लड़कियों के हत्थे चढ़ा तो खेल के नियम इन लड़कियों ने तय किये और फिर क्या चिलचिलाती धूप में एनर्जी बूस्टर मांगने लगा कि रुको तो सही बॉडी चार्ज कर लूं जरा लेकिन हांथों में चप्पले लेकर क्रांति का झंडा बुलंद करने वाली उरई की लड़कियों ने खूब पीटा और आशिकी का भूत कैसे उतरता है, जरा देखिये।
खैर ये तस्वीरें बेहद जरूरी हो जातीं है तब जब सरकारी पोथी पत्रा कहते है कि बेटियां सुरक्षित है, छात्राएं आजाद हैं, एन्टी रोमियो स्क्वाड के नाम पर छाती पीटते हैं लोग उन्ही वादों की चमड़ी उधेड़ कर रख दी इन बेटियों ने, पार्टी का झंडा बुलंद करने वालों इस चप्पल की धार और मार देख लो। यही हकीकत है उत्तर प्रदेश की क्योकि जब मजनू बेटियों की नाक में दम कर देते हैं तो फिर झांसी हो या उरई लक्ष्मीबाई को जन्म लेना ही पड़ता है और फिर ब्रिटिश हुकूमत के गुर्गे हो या किसी पार्टी के मुर्गे उनकी आशिकी उतारी जा सकती है।
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