कोरोना वायरस संक्रमण और देशभर में वायु प्रदूषण की खराब होती स्थिति के मद्देनजर हवा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) ने एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है। एनजीटी ने बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली-एनसीआर में पटाखे की ब्रिकी-इस्तेमाल पर प्रतिबंध बरकार रखा है। इसी के साथ यह भी कहा है कि यह पटाखों के बेचने और खरीदने पर यह प्रतिबंध देश के उन शहरों के लिए भी है जहां पर वायु प्रदूषण मानक से ज्यादा है।

एनजीटी के इस आदेश के बाद क्रिसमस और नया साल मनाने के दौरान राजधानी दिल्ली के साथ गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद सहित एनसीआर के सभी शहरों में पटाखे बेचने और खरीदने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। जिन शहरों में हालात सामान्य हैं, वहां दीपावली, क्रिसमस और न्यू ईयर की रात दो घंटे ही ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकते हैं।
कमेटी ने की थी सिफारिश
एनजीटी ने मौजूदा हालात में पटाखे के प्रभाव परखने के लिए एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश के जिन राज्यों में हवा बेहद खराब है, वहां पटाखे पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देना चाहिए। इस रिपोर्ट पर एनजीटी ने राज्यों से जवाब मांगा था। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने हालात खराब बताते हुए कमेटी की सिफारिश पर सहमति जताई थी। इस पर एनजीटी ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब सोमवार को दिए आदेश के मुताबिक दिल्ली और एनसीआर में तो पूरी तरह पटाखे पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा अन्य कई शहर हैं, जिनमें मुंबई, वाराणसी, चंडीगढ़, जम्मू, पटना और गया प्रमुख हैं, जहां प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है।
एनजीटी के आदेश के बाद इस बार दीवाली पर कम फूटे थे पटाखे
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के बाद दिल्ली में पिछले कुछ सालों की तुलना में कम पटाखे फोड़े गए थे। पिछली सुनवाई में एनजीटी ने 30 जून तक दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने और खरीदने पर प्रतिबंध लगाया था।
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