फ्रीस्टाइल स्पर्धा में दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतने के बाद भारत के लिए एशियाई खेलों की कुश्ती स्पर्धा के आखिरी दिन बुधवार को निराशाजनक रहा. ग्रीको रोमन में हरप्रीत सिंह कांस्य पदक का मुकाबला हार गए.
हरप्रीत को 87 किलो वर्ग में कजाखस्तान के अजमत कुस्तुबायेव ने 6-3 से हराया, हालांकि इस मुकाबले में अंपायरिंग के स्तर पर कई सवाल उठे थे. हरप्रीत भारत की अकेली पदक उम्मीद बचे थे, चूंकि गुरप्रीत सिंह (77 किलो) , नवीन (130 किलो) और हरदीप (97) पदक की दौड़ में पहुंच ही नहीं सके.
भारतीय कोच ने कहा,‘कजाख पहलवान नहीं जीता, बल्कि हमारे पहलवान को हरा दिया गया,’ ग्रीको रोमन कोच कुलदीप सिंह ने कहा कि हरप्रीत को लिफ्ट में अंक नहीं गंवाने चाहिए थे. भारतीय कुश्ती महासंघ के सचिव वी एम प्रसूद ने कहा कि अगर हरप्रीत आगे चल रहे थे तो उन्हें रेफरी के फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए थी. उन्होंने हालांकि दो स्वर्ण जीतने पर संतोष जताया. उन्होंने कहा,‘ पिछले एशियाई खेलों में हम सिर्फ एक स्वर्ण जीते थे. इस बार हमने दो स्वर्ण जीते हैं और विनेश एशियाड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं जो गर्व की बात है.’
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