उत्तर भारत का यूपी अकेला बड़ा राज्य, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की पुलिस यूपी से बहुत पीछे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद जिले का कांठ थाना देश भर में सबसे बेहतर काम करने वाले दस पुलिस थानों में शामिल है। केंद्र सरकार की ताजा रिपोर्ट इसकी तस्दीक कर रही है। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने काम करने के मामले में देश की पुलिसिंग व्यवस्था की रिपोर्ट तैयार की है। गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट के आधार पर देश के टॉप-10 पुलिस स्टेशनों की लिस्ट जारी की है। इसमें शामिल सभी पुलिस स्टेशन अलग-अलग राज्यों से हैं। रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर में थौबल के नोंगपोक सेमकई पुलिस स्टेशन को सबसे बेहतर काम करने के लिए पहला स्थान दिया गया है। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु और तीसरे नंबर पर अरूणाचल पुलिस रही। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कांठ पुलिस स्टेशन को 8वां स्थान मिला है।
गोवा, छत्तीसगढ़, सिक्किम, तेलंगाना के एक-एक पुलिस स्टेशन भी इस सूची में शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा इस सूची में उत्तर भारत का कोई भी बड़ा राज्य शामिल नहीं हो पाया है। महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य बेहतर पुलिसिंग के मामले में यूपी पुलिस से काफी पीछे हैं। इन राज्यों को सूची में कोई स्थान नहीं मिला है। उप्र सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह कहते हैं कि पुलिस व्यवस्था में इस सकारात्मक बदलाव के पीछे योगी सरकार की निरंतर सुधार और आत्म समीक्षा की नीति है। यूपी पुलिस देश में सबसे सक्षम पुलिस बन कर उभरी है। योगी सरकार ने पुलिस को बिना दबाव काम करने की छूट दी है।
श्री सिंह ने कहा कि पिछली सरकारों में अक्षमता, भ्रष्टाचार और संवेदनहीनता के लिए बदनाम पुलिस की सूरत और सीरत में बदलाव की शुरुआत योगी ने राज्य की सत्ता संभालने के साथ ही कर दी थी। योगी ने थानों और चौकियों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक ईमानदार अफसरों को कमान सौंपने के साथ ही निरंतर पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की। योगी सरकार ने पुलिस को जनता के प्रति सहयोगी और पारदर्शी कार्यशैली बनाने के साथ अपराधियों पर हमला बोलने के लिए खुली छूट भी दी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में गुजरात के कच्छ में पुलिस महानिदेशकों को संबोधित करते हुए ग्रेडिंग से संबंधित एक निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि फीडबैक के आधार पर पुलिस स्टेशनों की ग्रेडिंग और उनके प्रदर्शन का आंकलन करने के लिए मापदंड निर्धारित किए जाने चाहिए। इसके बाद पुलिस स्टेशन में सुधार की तकनीकों की पहचान करने के लिए 19 मापदंड निश्चित किए गए थे। पुलिस स्टेशन की कार्यव्यवस्था पर फीडबैक के लिए लोगों से संपर्क कर राय ली गई थी। इसके बाद बेहतर कार्य करने वाले थानों की सूची तैयार की गई है।
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