सलेमपुर में तैनात हेड कांस्टेबल पशु तस्करी में भेजा जा चुका है जेल
रामानंद यादव से जुड़े कुछ पुलिसकर्मियों की गतिविधियां जांच के घेरे में
-अरुण कुमार राव
देवरिया| जिले के थानों पर तैनात आधा दर्जन पुलिसकर्मी गोरखपुर एसटीएफ के रडार पर है। एसटीएफ ने 23 दिसंबर को सलेमपुर कोतवाली के हेड कांस्टेबल रामानंद यादव को पशु तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एसटीएफ हेड कांस्टेबल के मोबाइल डिटेल के सहारे इसमें लिप्त अन्य पुलिसकर्मियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। पशु तस्करों से की गई पूछताछ में एसटीएफ को करीब आधा दर्जन पुलिस कर्मियों के बारे में पता चला है। सूत्रों की माने तो इसमें से कुछ पशु लदे वाहनों को सीमा पार पहुंचाने में मदद करते रहे हैं और पुलिस इनकी कुंडली खंगाल रही है। इसके साथ ही देरिया जिले के कंचनपुर गांव के पूर्व प्रधान अनवर का भी नाम प्रकाश में आया है। एसटीएफ पूर्व प्रधान की तलाश में भी जुटी है।
एसटीएफ खंगाल रही है रामानंद का मोबाइल
एसटीएफ हेड कांस्टेबल रामानंद यादव के मोबाइल को कब्जे में लेकर उसके कॉल डिटेल और व्हाट्सएप मैसेज को भी कंगाल रही है। सूत्रों की मानें तो सलेमपुर, लार, बघौचघाट और सदर कोतवाली के बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मी एसटीएफ के रडार पर है। इसमें से अधिकांश रामानंद के संपर्क में रहते थे।
सिर्फ दिन में ही ड्यूटी करता था रामानंद
एसटीएफ गोरखपुर ने गिरफ्तारी के समय हेड कांस्टेबल रामानंद यादव से लंबी पूछताछ किया था। जिसमें देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर और बलिया में तैनात पुलिसकर्मी से तस्करी में सहयोग लेता था। मोबाइल फोन पर हेड कांस्टेबल ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों से बात कर ट्रकों को निकलवा देता था। इसके साथ ही वह सिर्फ दिन में ही ड्यूटी करता था और रात में सड़क पर वाहनों को थानों से क्रास करवाता था। जिस दिन पशुओं की गाड़ी जाने वाली होती थी। उस दिन वह दिन में ड्यूटी कर घर जाने, पार्टी व अन्य कार्य का बहाना बनाकर सलेमपुर कोतवाली छोड़ देता था।
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