लखनऊ। जाली दस्तावेजों के जरिये बनवाए गए दो पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य प्रपत्रों के साथ गिरफ्तार म्यांमार नागरिक को उत्तर प्रदेश एटीएस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया और रिमांड के लिए अर्जी डाली। एटीएस के विशेष सीजेएम सुनील कुमार ने अर्जी स्वीकार करते हुए अजीजुल से पूछताछ के लिये यूपी एटीएस को सात दिन की पुलिस रिमांड पर लेने की स्वीकृति दे दी है। यह रिमांड आज यानी शुक्रवार सुबह दस बजे से शुरू हो जाएगी। यूपी एटीएस के मुताबिक सहयोगी जांच एजेंसियों की सूचना के बाद सन्त कबीरनगर के बखिरा थाना इलाके के नौरो गांव निवासी अजीजुल हक को गिरफ्तार किया था। वह मूलरूप से म्यांमार का नागरिक है जो 2001 में बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था।
सूत्रों के मुताबिक अजीजुल के मामले में अभी सिर्फ दो बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इनमें सबसे पहले जाली दस्तावेज बनवाने में अजीजुल की मदद किन-किन लोगों ने की थी? वर्ष 2011-2015 के बीच अजीजुल मुम्बई में रहा था। उसके खातों में मुंबई से बड़ी मात्रा में रकम भेजी गई है। हैदराबाद से भी उसका नेटवर्क है। एटीएस की दो टीमें दोनों राज्यों में छापेमारी कर रही है। एटीएस अफसरों का कहना है कि अजीजुल के भाई मो. नूर और बहनोई नूर आलम की भी तलाश की जा रही है।
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