किसान आन्दोलन: लोहड़ी संक्रांति पर ‘त्यौहार मनाओ-कृषि कानून जलाओ’
लखनऊ। अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव एवं वामपंथी अतुल ‘अनजान’ तथा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भूपेंद्र सांभर ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी कर कृषि कानून मामले में असफल होने की पूरी जिम्मेदारी केन्द्र सरकार पर डाला है। कहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्री, रेल मंत्री एवं गृह मंत्री ने अब तक की वार्ताओं में 3 कानूनों के संबंध में एवं एमएसपी को कानूनी दर्जा दिए जाने और सभी कृषि उत्पाद की खरीद पर कोई मंशा सरकार की तरफ से नहीं दी। दोनों नेताओं ने सरकार पर किसानों की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने और उन्हें आंदोलन पर मजबूर करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। कहा कि किसानों की आय दुगनी नहीं हुई बल्कि किसानों की आय कृषि लागत दर के बढ़ते रहने के कारण घटती चली जा रही है। ‘एक देश-एक बाजार’ मात्र एक नारा है बल्कि वास्तविकता में ‘सब की लूट-कॉर्पोरेट को छूट’ की नीति चल रही है। यह देश के अन्नदाता की तरफ से एक लड़ाई है जो वास्तविकता में ‘पेट और कारपोरेट’ के रूप में बदल गई है।
अखिल भारतीय किसान सभा के नेताओं ने आगे कहा कि किसानों का यह आंदोलन राष्ट्रव्यापी है। एक तरफ दिल्ली में लाखों किसान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कड़ाके की ठंडक में बैठकर अपना प्रतिरोध व्यक्त कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लाखों किसान उनके समर्थन में देश के विभिन्न राज्यों में आंदोलनरत हैं। बताया कि देश के 136 जिलों में किसानों के लगातार क्रमिक अनशन चल रहे हैं। आगामी 13 और 14 जनवरी को लोहड़ी और संक्रांति के अवसर पर गांव से लेकर शहरों तक देश के किसान 3 केंद्रीय कृषि कानूनों को जलाएंगे। 18 जनवरी को देश की महिलाओं के किसानों के समर्थन में उतरने के अभियान को समर्थन देंगे। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष बोस के जन्मदिन पर किसान ‘एकता रखेंगे-अधिकार लेंगे’ दिवस के रूप में देशभर में मनाएंगे।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal