देश

पंजाब में कर्ज से परेशान दो किसानों ने की खुदकशी

गांव बच्छोआना व टाहलियां (मानसा, पंजाब) के दो किसानों ने शनिवार रात को कर्ज के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। एक किसान ने फंदा लगाया, जबकि दूसरे ने जहरीला पदार्थ निगल कर खुदकशी कर ली। गांव बच्छोआना निवासी बलजीत सिंह (50) के पास दो एकड़ जमीन खुद की थी, जबकि 35 एकड़ उसने ठेके पर ली थी। उसके पुत्र सोहन सिंह ने बताया कि उनके सिर सात लाख रुपये आढ़ती का कर्ज था और 16 लाख रुपये की अन्य देनदारी थी, जिसके कारण वह परेशान रहते थे। उसके पिता ने घर में शनिवार रात को जहरीला पदार्थ निगल कर खुदकशी कर ली। दूसरी ओर गांव टाहलियां काकिसान मनप्रीत सिंह (24) भी कर्ज से परेशान था। उसके पास 18 एकड़ जमीन थी, जिसमें से चार एकड़ बिक गई थी। उसकी फसल खराब होने के कारण कुछ जमीन पांच लाख रुपये में किसी के पास गिरवी पड़ी थी। टाहलियां निवासी दर्शन सिंह ने बताया कि मनप्रीत सिंह अविवाहित था। उसने गांव बरेह के कोऑपरेटिव बैंक से दो लाख रुपये का कर्ज लिया था, जो बढ़कर 13 लाख रुपये तक पहुंच गया था। उसको बैंक के नोटिस भी आने लगे थे। इसके अलावा उसने तीन लाख रुपये आढ़ती व 60 हजार रुपये किसी अन्य से कर्ज ले रखा था। शनिवार की रात इसी परेशानी के कारण उसने फंदा लगाकर जान दे दी।

गांव बच्छोआना व टाहलियां (मानसा, पंजाब) के दो किसानों ने शनिवार रात को कर्ज के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। एक किसान ने फंदा लगाया, जबकि दूसरे ने जहरीला पदार्थ निगल कर खुदकशी कर ली। गांव बच्छोआना निवासी …

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बुलेट ट्रेन एलीट क्लास के लिए, देश को सुरक्षित रेल की जरूरत:ई श्रीधरन

मेट्रोमैन के नाम से ख्यात ई श्रीधरन ने कहा है कि बुलेट ट्रेन देश के एलीट क्लास के लिए है. श्रीधरन का कहना है कि बुलेट ट्रेन का किराया बहुत महंगा होगा जो आम आदमी की पहुंच से बहुत दूर होगा. लिहाजा देश को स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधाजनक रेल व्यवस्था की ज्यादा जरूरत है जिससे देश की बड़ी आबादी पर असर पड़ेगा. मेट्रोमैन ई श्रीधरन ने हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि वे ऐसा नहीं मानते कि भारतीय रेल व्यवस्था में बायो-ट्वायलेट के अलावा कोई बड़ा बदलाव आया है. वहीं बायो-ट्वायलेट्स को तकनीकि रूप से अभी और विकसित किया जाना बाकी है. ई श्रीधरन का ये भी कहना है ट्रेनो की रफ्तार बढ़ी नहीं है, बशर्ते अहम ट्रेनों की औसत रफ्तार मे और भी कमी आई है. ट्रेनों को समय पर चलाना अभी भी चुनौती बनी हुई है, वहीं रेल हादसों की संख्या और असुरक्षित क्रांसिंग भी पर हादसों की संख्या बढ़ी है. श्रीधरन का ये भी कहना है कि उनकी समझ से भारतीय रेल किसी भी विकसित देश की रेल व्यस्था से आभी 20 साल पीछे है. इसे पढ़ें: दिल्‍ली मेट्रो लिखेगी इतिहास, बनेगी दुनिया की 5वीं बड़ी मेट्रो श्रीधरन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनके दिल के बेहद करीब दिल्ली मेट्रो ने किस तरह से सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में उच्च मापदंड कायम किये हैं. भविष्य में मेट्रो को और अधिक उन्नत करने से कार्यक्षमता में वृद्धी होगी और खर्च में कमी आएगी. मेट्रोमैन की कहना है कि मेट्रो के डिब्बों और अन्य पुर्जों को देश में विकसित करना मोदी सरकार की महत्वकांक्षी मेक इन इण्डिया को और भी बल देगा.

मेट्रोमैन के नाम से ख्यात ई श्रीधरन ने कहा है कि बुलेट ट्रेन देश के एलीट क्लास के लिए है. श्रीधरन का कहना है कि बुलेट ट्रेन का किराया बहुत महंगा होगा जो आम आदमी की पहुंच से बहुत दूर …

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बुराड़ी केस: एक नोटबुक में लिखी है हैरतअंगेज बातें

बुराड़ी में दिल दहला देने वाले कांड में सीलिंग से लटके 10 शवों के आस-पास तांत्रिक दिशा-निर्देश, हिन्दू देवी देवताओ की तस्वीरें, एक नोटबुक जिसमे 2017 से कई काम उज्वल भविष्य के वादे के साथ लिखे पाए गए है. रविवार को पुलिस ने जांच की तो मृतकों की आंखों पर पट्टी, हाथ बंधे, चेहरा झुका, कुछ का चेहरा ऊपर और लाश लोहे की ग्रिल पर ये सीन पुलिस को भी डरने पर मजबूर कर गया. दिल्ली स्थित संतनगर बुराड़ी में भाटिया हाउस किसी भूतिया जगह से काम नहीं था जहा दीवारों पर तांत्रिक मंत्र और देवी देवताओ की तस्वीरो के साथ निर्देशों से पटी हुई दीवारे किसी को भी डरा दे . एक नोटबुक जिसमे मुंह और आंख को कपड़ों से ढंककर, हाथ बांधकर दर्द और डर से निपटने के उपाय 25 जून को लिखे गए. मृतकों में से एक ललित भाटिया ने लिखा था. इसमें लिखा था कि किस तरह से लोग उसके आदेश पर स्टूल से कूद जाएंगे. भाटिया परिवार में 6 साल पहले एक काम करने वाली एक मेड ने कहा, "सारे परिजन बहुत ज्यादा धार्मिक थे. घर के मालिक भूपी भाटिया, अक्सर कुछ धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान आपा खो बैठते थे. वह समझ से बाहर आने वाली बाते कहते थें और अजीब व्यवहार करते थे." वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉक्टर, रूपा मुर्गई ने इस मामले पर कहा , "धार्मिक समूहों में बीमार मनोदशा वाले लोग होते हैं जिन्हें उपचार की आवश्यकता होती है. वे इससे कोई व्यक्तिगत या शारीरिक लाभ नहीं लेते हैं. वे कमजोर दिमागी लोगों को निशाना बनाते हैं और ब्रेन वॉश करते हैं. वह उन्हें इस बात का यकीन दिलाते हैं कि अच्छे जीवन के लिए उनका मरना जरूरी है. धर्म की आड़ में ऐसे समूह लोगों को सम्मोहित करते हैं और उनसे ऐसा कराते हैं." पुलिस के सूत्रों का कहना है कि परिवार के 11 सदस्यों में से 7 महिला और 4 पुरुष सदस्यों की हत्या, घर के ही 3 लोगों ने मारा और फिर खुद की हत्या कर ली. दिल्ली विश्वविद्यालय में मनोवैज्ञानिक नलिनी डेका ने कहा, "मैंने ऐसे धार्मिक समूहों को देखा है जो अपने लोगों को नशीली दवाओं से धीमा कर देते हैं और फिर उनसे जो चाहे वह करा सकते हैं. हम उन सांप्रदायिक समूहों का जिक्र नहीं कर सकते. उन्होंने इन सबके पीछे किसी ड्रग समूह का हाथ होने से इनकार किया."

बुराड़ी में दिल दहला देने वाले कांड में सीलिंग से लटके 10 शवों के आस-पास तांत्रिक दिशा-निर्देश, हिन्दू देवी देवताओ की तस्वीरें, एक नोटबुक जिसमे 2017 से कई काम उज्वल भविष्य के वादे के साथ लिखे पाए गए है. रविवार …

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बस एक्सीडेंट: 48 की मौत,जनता दरबार वाले सीएम ने किया अब ये एलान

पहाड़ी सूबे उत्तराखंड से एक बुरी खबर आ रही है. मामला पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित धूमाकोट का है जहा एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई और बस हादसे में 48 लोगों की मौत की सुचना है. जबकि अन्य 11लोग जख्मी हो गए है.घटना के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दुर्घटनास्थल धूमाकोट सहस्त्रधारा हैलीपैड से दुर्घटनास्थल के लिए निकल गए है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बस हादसे की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जा चुके हैं. इसके साथ ही घटनास्थल पर हेलिकॉप्टर के देर से पहुंचने को लेकर मुख्यमंत्री ने मामले को लेकर जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि घटना को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी बातचीत हुई है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को हर संभव मदद का भरोसा दिया है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुर्घटना में मृतकों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपए, घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट करके उत्तराखंड बस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र से बात की है. वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश में लगातार हो रहे सड़क हादसों को चिंताजनक बताते हुए बस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने जनता दरबार में एक बुजुर्ग शिक्षिका के साथ दुर्वयव्हार करने के कारण फिलहाल सुर्खियों में है.पहाड़ी सूबे उत्तराखंड से एक बुरी खबर आ रही है. मामला पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित धूमाकोट का है जहा एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई और बस हादसे में 48 लोगों की मौत की सुचना है. जबकि अन्य 11लोग जख्मी हो गए है.घटना के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दुर्घटनास्थल धूमाकोट सहस्त्रधारा हैलीपैड से दुर्घटनास्थल के लिए निकल गए है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बस हादसे की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जा चुके हैं. इसके साथ ही घटनास्थल पर हेलिकॉप्टर के देर से पहुंचने को लेकर मुख्यमंत्री ने मामले को लेकर जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि घटना को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी बातचीत हुई है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को हर संभव मदद का भरोसा दिया है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुर्घटना में मृतकों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपए, घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट करके उत्तराखंड बस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र से बात की है. वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश में लगातार हो रहे सड़क हादसों को चिंताजनक बताते हुए बस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने जनता दरबार में एक बुजुर्ग शिक्षिका के साथ दुर्वयव्हार करने के कारण फिलहाल सुर्खियों में है.

पहाड़ी सूबे उत्तराखंड से एक बुरी खबर आ रही है. मामला पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित धूमाकोट का है जहा एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई और बस हादसे में 48 लोगों की मौत की सुचना है. जबकि …

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50 हजार निवेशकों को फ्लैटों की चाबी सौंपेंगे योगी आदित्यनाथ

नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में फ्लैट खरीदने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जुलाई के दूसरे सप्ताह में नोएडा व ग्रेटर नोएडा आकर 50 हजार निवेशकों को उनके फ्लैटों की चाबी सौंपेंगे। मुख्यमंत्री का यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोएडा में सैमसंग की नई यूनिट के उद्घाटन से अलग होगा। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले आएंगे या बाद में। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री योगी, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले आकर निवेशकों को फ्लैटों की चाबी सौंपेंगे, ताकि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के लिए शहर में बेहतर माहौल बनाया जा सके। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर शनिवार को ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विवि में तीनों प्राधिकरण, जिला प्रशासन व पुलिस के आला अफसरों की बैठक हुई। इसमें बिल्डरों को भी बुलाया गया। उन्हें ऐसे निवेशकों की सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जो मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद फ्लैटों की रजिस्ट्री करा चुके हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के बिल्डरों ने 12 सितंबर 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में बैठक की थी। बिल्डरों ने वादा किया था कि यदि उन्हें कंप्लीशन प्रक्रिया व बकाया धनराशि जमा करने में कुछ राहत दी जाए तो वे 50 हजार निवेशकों को फ्लैट दे सकते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पचास हजार निवेशकों को फ्लैट देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद प्राधिकरण ने कंप्लीशन प्रक्रिया को सरल कर दिया। पहले सभी फ्लैटों का निर्माण पूरा होने के बाद कंप्लीशन का प्रावधान था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नया प्रावधान किया गया। इसके तहत जितने फ्लैटों का निर्माण पूरा हो चुका है, उन्हें पार्ट में कंप्लीशन दिया गया। इससे जितने फ्लैट बनते जाएंगे, उतने फ्लैटों का निवेशकों को कब्जा दिया जाता रहेगा। बकाया भुगतान के लिए भी प्राधिकरण पार्ट में जमा कराने की व्यवस्था की। ग्रेटर नोएडा में 31600 फ्लैटों का कंप्लीशन दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री की 12 सितंबर की घोषणा के बाद इन्हीं रजिस्ट्री शुरू हुई है। करीब 19 हजार फ्लैट नोएडा व यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के बिल्डर प्रोजेक्टों में हैं।

नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में फ्लैट खरीदने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जुलाई के दूसरे सप्ताह में नोएडा व ग्रेटर नोएडा आकर 50 हजार निवेशकों को उनके फ्लैटों की चाबी सौंपेंगे। मुख्यमंत्री का …

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एक साल का हुआ GST, आज सरकार मनाएगी जश्न, कारोबारी दुकान बंदकर जताएंगे विरोध

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के एक साल पूरा होने के अवसर पर रविवार को पूरे देश में 'जीएसटी दिवस' मनाने का ऐलान किया है. वहीं, यूपी के कानपुर और गुजरात के सूरत समेत देश के की हिस्सों में व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी की है. शनिवार को भी व्यपारियों का विरोध देखने को मिला. दरअसल, सत्ता में आने के साथ हमेशा से चर्चा में रहने वाली मोदी सरकार एक जुलाई 2017 को पूरे देश में जीएसटी लागू कर चर्चा का केंद्र बन गई थी. एक साल में इसने भारतीय कराधान क्षेत्र में अप्रत्याशित सुधारों के प्रति करदाताओं के उत्साह और भागीदारी का पूरी दुनिया में एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है. वित्त मंत्रालय ने बताया कि सरकार एक जुलाई 2018 को 'जीएसटी दिवस' मनायेगी. संसद के केन्द्रीय कक्ष में 30 जून और एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में जीएसटी को देश में लागू किया गया था. इस मौके पर दिल्ली के जनपथ स्थित डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में सुबह 11 बजे जीएसटी की सफलता का जश्न मनाया जाएगा. वित्त मंत्रालय के अनुसार, 'केन्द्रीय रेल, कोयला, वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री पीयूष गोयल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे जबकि वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे.' केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित करेंगे. जीएसटी में करीब एक दर्जन करों को समाहित किया गया है. केन्द्र स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) और कई स्थानीय शुल्कों को जीएसटी में समाहित किया गया. जिसके बाद देश में 'एक राष्ट्र, एक कर' की यह नई प्रणाली लागू हुई. मंत्रालय ने इस अवसर पर कहा है, 'जीएसटी का पहला साल भारतीय करदाताओं के इस अप्रत्याशित कर सुधार की व्यवसथा में भागीदार बनने को लेकर तैयार रहने का बेहतर उदाहरण दिखाता है.' इसमें कहा गया है कि इलेक्ट्रानिक वे-बिल इस प्रणाली के तहत पहले के विभागीय नीतिगत मॉडल से आगे बढ़कर एक 'स्व-घोषित मॉडल' की दिशा में अहम बदलाव है. इसमें ई-वे बिल हासिल कर पूरे देश में माल की बिना किसी रोक टोक के बाधामुक्त आवाजाही सुनिश्चित हो सकती है. देश में अंतरराज्यीय ई-वे बिल व्यवस्था एक अप्रैल 2018 से लागू हुई है जबकि राज्यों के भीतर माल परिवहन के लिये ई-वे बिल लेने की व्यवस्था को 15 अप्रैल से चरणों में लागू किया गया. व्यापारियों ने जताया विरोध इस बीच व्यापारियों ने देश में अलग-अलग जगह विरोध जताते नजर आए. कानपुर में व्यापारियों ने अनोखे तरीके से जीएसटी का विरोध किया. ये कारोबारी घंटाघर के पास भारत माता की मूर्ति के पास इकट्ठा हुए और घंटियां बजाकर विरोध जताया. हाथ में ली गई तख्तियां बता रही थीं कि वो जीएसटी की खामियों का विरोध कर रहे हैं. लेकिन घंटी और घड़िया के साथ विरोध के पीछे उन्होंने एक दिलचस्प तर्क दिया. व्यापारियों ने कहा कि साल भर पहले मोदी सरकार ने जीएसटी को लागू करने का ऐलान घंटा बजाकर किया था. अब वो उनके ही तरीके से घंटियां बजाकर कह रहे हैं कि सरकार जीएसटी की मुश्किलों और खामियों को दूर करे. व्यापारियों की शिकायत है कि आज भी व्यापारियों के ऊपर छापेमारी की जा रही है. कहा गया था कि सभी सामानों पर जीएसटी लगाई जाएगी लेकिन पेट्रोल उत्पाद इससे बाहर हैं. एक साल पूरे होने पर सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए. गुजरात के सूरत में भी जीएसटी की सालगिरह का उत्साह नहीं दिखा. हीरा और कपड़ा दोनों ही व्यापारियों में मायूसी नजर आई. वहीं, कोयंबटूर में भी जीएसटी के पहले जन्मदिन का स्वागत नहीं हुआ. यहां छोटे व्यापारियों के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. जीएसटी से बढ़ेगा राजस्व: विशेषज्ञ एक तरफ जहां व्यापारी जीएसटी का विरोध कर रहे हैं वहीं, उद्योग और कर विशेषज्ञों ने इसकी सराहना की है. उनकी राय है कि इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से आगे चलकर राजस्व में सुधार होगा और अनुपालन बेहतर होगा. उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने कहा कि ऐसी आशंकाएं कि जीएसटी से महंगाई बढ़ेगी और उद्योग की आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आएगी, अब दूर हो चुकी हैं. कीमतों में जो भी बढ़ोतरी हो रही है वह कच्चे तेल और खाद्य मूल्यों के दबाव की वजह से है. विशेषज्ञों का कहना है कि नए कर ढांचे से अगले तीन से चार साल में कर से जीडीपी अनुपात सुधरेगा. हेलो टैक्स के सह संस्थापक हिमांशु कुमार ने कहा कि जीएसटी एक राष्ट्र एक कर की दिशा में बड़ा कदम है. उत्पादों की कम कीमत के रूप में इसका लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित होगा. बेहतर कर अनुपालन से अगले तीन से चार साल में कर कर जीडीपी अनुपात में सुधार होगा. हालांकि, कुमार ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत है ताकि अप्रत्यक्ष कर से संबंधित अनुपालन की लागत को कम किया जा सके.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के एक साल पूरा होने के अवसर पर रविवार को पूरे देश में ‘जीएसटी दिवस’ मनाने का ऐलान किया है. वहीं, यूपी के कानपुर और गुजरात के सूरत …

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3 दिन बाद फिर अमरनाथ यात्रा शुरू, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए चौथा जत्था रवाना

भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा में आई रुकावट के बाद रविवार को श्रद्धालुओं का चौथा जत्था रवाना हुआ. सुरक्षा के सख्त इंतजाम के बीच जम्मू से बेस कैंप के लिए यात्रियों का चौथा जत्था रवाना हुआ. इस जत्थे में करीब करीब 3 हजार अमरनाथ यात्री बेस कैंप की तरफ निकले. उनके साथ 90 गाड़ियां रवाना हुईं. यात्रा तीन दिन बाद बहाल हुई है. बारिश की वजह से शनिवार को यात्रा को रोक दिया गया था. रविवार को मौसम खुलने के बाद बेस कैंप से यात्रियों को आगे बढ़ने की इजाजत मिली. इस बीच बिना रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों पर कार्रवाई करते हुए उनहें रामबन और बनिहाल में रोक दिया गया है. जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर 500 गाड़ियां रुकीं बता दें कि वर्षा से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कल कई स्थानों पर भूस्खलन हुए हैं और पत्थर गिरे हैं. भारी बारिश के बाद भूस्खलन के कारण कई जगह रास्ते बंद हो गए हैं. जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर 500 गाड़ियां रुकी हैं. सरकार ने आदेश जारी किया है कि जवाहर टनल से घाटी की तरफ किसी गाड़ी को एंट्री नहीं दी जाए. अधिकारियों ने समय पर कार्रवाई से यह सुनिश्चित किया कि घाटी को देश के अन्य हिस्से से जोड़ने वाली 260 किलोमीटर लंबी यह सड़क खुली रहे. अमरनाथ यात्रा के तीसरे दिन शनिवार को 587 श्रद्धालुओं ने पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शन किए. एक अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन, फिसलन भरे मार्ग और पत्थर गिरने के कारण श्रद्वालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को रोक दिया गया था. उन्होंने कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को पैदल गुफा मंदिर की ओर बढ़ने नहीं दिया गया, कुछ यात्रियों ने तीर्थयात्रा के लिए हेलीकाप्टर सेवा का इस्तेमाल किया. पहलगाम में फंसे हजारों तीर्थयात्री गत 27 जून से ही रूक रूककर हो रही मानसूनी वर्षा के चलते दक्षिण और मध्य कश्मीर के साथ ही राज्य के कई अन्य हिस्सों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके चलते अमरनाथ यात्रा के दो आधार शिविरों गंदेरबल जिला स्थित बालटाल और अनंतनाग जिले के पहलगाम में हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं. लगातार वर्षा के बावजूद दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए यात्रा 28 जून को तय समय से कई घंटे के विलंब से शुरू हुई. यद्यपि लगातार वर्ष के चलते यात्रा में बार-बार व्यवधान आ रही है. 60 दिवसीय यात्रा का समापन 26 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन होगा. इस बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने सीईओ उमंग नरूला से श्रद्वालुओं को यात्रा की अनुमति देने से पहले मार्ग की स्थिति और मरम्मत कार्यों की नजदीक से निगरानी करने के निर्देश दिए हैं. जम्मू कश्मीर में बाढ़ जैसे हालात बाढ़ से जम्मू-कश्मीर के हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं. आजतक ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की ग्राउंड रिपोर्टिंग की है. जहां पिछले चार दिनों से हो रही बरसात ने तबाही मचाई हुई है. जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में 27 जून से रुक-रुककर बारिश हो रही है. इससे झेलम और तवी नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है. यहां की छोटी-छोटी नदियां भी गरज रही हैं. जम्मू में भी तवी नदी फुंफकार रही है. लहरें लगातार किनारों को तोड़ रही है. शनिवार को तवी नदी की बाढ़ में 7 लोग फंस गए. बहाव इतना तेज था कि लहरों में फंसे लोगों के लिए निकल पाना संभव नहीं था. SDRF की टीम ने बचाव ऑपरेशन शुरू किया. ये टीम रस्सी और लाइफ जैकेट लेकर बोट से नदी के उस पार गई. किनारे पर पहुंच कर उसने वहां फंसे लोगों को निकाला. 10 राज्यों में अलर्ट जारी कुदरत के ब्रेक फेल की वजह से लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ गयी हैं. सूबे में बाढ़ और बारिश से निपटने के इंतजामों को लेकर राज्यपाल एनएन बोहरा ने एक आपात बैठक बुलाई. सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही नहीं देश के ज्यादातर हिस्से बारिश के बेहाल हैं. मौसम विभाग ने आज 10 राज्यों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है. मतलब, आसमानी आफत का खतरा अभी टला नहीं है.

भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा में आई रुकावट के बाद रविवार को श्रद्धालुओं का चौथा जत्था रवाना हुआ. सुरक्षा के सख्त इंतजाम के बीच जम्मू से बेस कैंप के लिए यात्रियों का चौथा जत्था रवाना हुआ. इस जत्थे में …

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तेजस्वी यादव से मिले हार्दिक पटेल

शनिवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की. दोनों नेताओं की मुलाक़ात लगभग सवा घंटे तक चली. इस मुलाकात के बाद तेजस्वी और हार्दिक ने मीडिया से चर्चा की. तेजस्वी यादव ने कहा कि गुजरात और बिहार का संबंध दोस्ताना रहा है. यह राज्य गांधी की कर्मभूमि रही है. हार्दिक भी गांधी के रास्ते पर चलते हुए गुजरात से बिहार आए हैं. हम दोनों मिलकर देश से दक्षिणपंथी अधिनायकवाद को खत्म करने के लिए संघर्ष करेंगे. हमारा उद्देश्य समतामूलक समाज का निर्माण है. किसानों और युवाओं के हित के लिए हमारा संयुक्त संघर्ष होगा. गौरतलब है कि हार्दिक पटेल को गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन के बाद से पहचान मिली है. इसके बाद से ही हार्दिक पटेल राजनीति में सक्रीय नजर आ रहे है. इसके पहले भी हार्दिक अपने बिहार दौरे पर आ चुके हैं. इस बार हार्दिक ने नीतीश कुमार से मुलाकत नहीं की और वो लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए नजर आये. वहीं नीतीश कुमार ने भी हार्दिक से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. हार्दिक और तेजस्वी की मुलाकात से राजनितिक गलियारों में भी चर्चा रही. आने वाले समय में इससे कुछ नए समीकरण भी देखने को मिल सकते हैं.

शनिवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की. दोनों नेताओं की मुलाक़ात लगभग सवा घंटे तक चली. इस मुलाकात के बाद तेजस्वी और हार्दिक ने मीडिया से चर्चा की.  तेजस्वी यादव ने कहा कि गुजरात और बिहार का …

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एक घर के 11 लोगों की मौत से सहम उठी दिल्ली

दिल्ली में आज एक घर से 11 लोगों के शव मिलने के बाद सनसनी फैल गई है. दिल्ली के बुराड़ी स्थित एक घर से यह शव मिलने के बाद आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है. बताया जा रहा है कि इन 11 लोगों में सभी एक ही परिवार के लोग है. मौके पर पुलिस पहुंच चुकी है और जांच अभी जारी है.  बता दें, दिल्ली में किराना दूकान और प्लायवुड का धंधा करने वाले बुराड़ी में रह रहा यह परिवार जिसमें 7 महिलाऐं थी और 4 पुरुष. पुलिस जब इस मामले में खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंची तो पुलिस को 10 शव घर की छत से लटके मिले वहीं 1 शव निचे जमीन पर पड़ा हुआ मिला. इन 11 लोगों में दो भाई और दो पत्नियां और करीब 16 से 17 साल की उम्र के लड़के थे. वहीं अंदेशा लगाया जा रहा है कि जमीन पर पड़ा हुआ शव लड़कों की माँ का है, जो बुजुर्ग है.  लोगों के अनुसार इनकी किराना की दुकान घर के पास में ही, जो हमेशा सुबह 6 बजे खुल जाती है लेकिन आज जब दुकान नहीं खुली तो लोगों ने घर में जाकर देखा तो यह सभी छत से लटके मिले. लोगों ने इस घटना की सुचना पुलिस को दी. जानकारी के अनुसार आज से 22 साल पहले ही यह परिवार राजस्थान से दिल्ली आया था. शवों के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ हालाँकि मामले को अभी पुलिस दोनों एंगल से देख रही है. 

दिल्ली में आज एक घर से 11 लोगों के शव मिलने के बाद सनसनी फैल गई है. दिल्ली के बुराड़ी स्थित एक घर से यह शव मिलने के बाद आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है. बताया जा रहा …

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अब रिटायर होते ही ट्रेन चालकों को मिल जाएगा 3 लाख का पुरस्कार

अब सेवानिवृत्त होने के साथ ही ट्रेन चालकों को तीन लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें अपने कार्यकाल में दुर्घटनारहित ट्रेन संचालन के लिए मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए नियमों को आसान किया है। इससे देश के 90 फीसद ट्रेन चालक इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। रेलवे में दुर्घटनारहित ट्रेन चलाने वाले चालकों के रिटायर होने पर पुरस्कार देने की व्यवस्था काफी पुरानी है, लेकिन इसके नियम इतने कठिन हैं कि चालकों को कई साल तक कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। बावजूद इसके पुरस्कार मिलने की संभावना कम ही होती है। इस मामले को रेलवे बोर्ड के स्थायी वार्ता तंत्र (पीएनएम) की बैठक में नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेल मेन (एनएफआइआर) ने अप्रैल में उठाया था। तर्क दिया था कि चालक के सेवानिवृत्त होने के समय दी जाने वाले सर्विस बुक में दुर्घटनारहित ट्रेन चलाने का प्रमाण पत्र भी शामिल होता है। ऐसे में पुरस्कार के लिए आवेदन की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। सेवानिवृत्त चालकों को पुरस्कार मिलने में पांच साल का समय लग जाता है। रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर सेफ्टी (थर्ड) पी श्रीनिवास ने 10 जून को इस संबंध में पत्र जारी किया। इसमें बताया है कि एनएफआइआर की मांग पर रेलवे बोर्ड ने दुर्घटना रहित पुरस्कार के लिए नियम को सरल कर दिया है। सेवानिवृत्त होने के समय दुर्घटना रहित पुरस्कार राशि भी दी जाएगी। सेवानिवृत्त होने वाले अधिकांश चालकों का वेतन एक लाख रुपये के आसपास हो जाता है। तीन माह के वेतन के बराबर दुर्घटना रहित पुरस्कार राशि देने का प्रावधान है। चालकों को तीन लाख रुपये के आसपास पुरस्कार राशि मिल जाएगी। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि बोर्ड के नए आदेश के अनुसार अब दुर्घटना रहित पुरस्कार दिए जाएंगे।

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