उत्तराखंड

डॉक्टर बनने की है ख्वाहिश तो ये खुशखबरी है आपके लिए

अगर आप नीट क्वालीफाइड हैं और आपका लक्ष्य एमबीबीएस की सीट है तो यह खबर आपके लिए है। अभ्यर्थियों को एमबीबीएस की राज्य कोटे की तय सीट से अलग भी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का तोहफा मिलने जा रहा है। प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटे की 27 सीट खाली रह गई हैं। इन पर भी दाखिला अब स्टेट कोटे के तहत होगा। यानी छात्रों को सरप्राइज एडमिशन की सौगात मिलने जा रही है। उत्तराखंड में तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें श्रीनगर और हल्द्वानी में एमबीबीएस की 100-100 सीट हैं, जबकि दून मेडिकल कॉलेज में 150 सीट हैं। इनमें 15 प्रतिशत ऑल इंडिया और शेष स्टेट कोटे की सीटें हैं। नियमानुसार ऑल इंडिया कोटे की खाली सीटों का फायदा स्टेट कोटे पर दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों को मिलता है। यह सीट राज्य के खाते में आती है और इन अतिरिक्त सीटों पर एडमिशन प्रदेश के युवाओं को मिलता है। एमबीबीएस के दाखिले के लिए मुकाबला कड़ा है। सरकारी व गैर सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए सैकड़ों दावेदार हैं, लेकिन विकल्प बेहद सीमित हैं। ऐसे में रिवर्ट हुई ये सीट प्रदेश के होनहारों के लिए किसी सौगात से कम नहीं हैं। एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेज में ऑल इंडिया कोटे की 27 सीट रिक्त रह गई हैं। इनमें दून मेडिकल कॉलेज में 12 हल्द्वानी में सात और श्रीनगर की आठ सीट शामिल हैं। ऑल इंडिया कोटे के दाखिले खत्म हो चुके हैं। ऐसे में अब ये सीट राज्य को मिल गई हैं। जिन पर प्रदेश के युवाओं को ही दाखिला दिया जाएगा।

अगर आप नीट क्वालीफाइड हैं और आपका लक्ष्य एमबीबीएस की सीट है तो यह खबर आपके लिए है। अभ्यर्थियों को एमबीबीएस की राज्य कोटे की तय सीट से अलग भी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का तोहफा मिलने जा रहा …

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शहीद की पत्नी ने किया सवाल, आखिर कब तक देते रहेंगे शहादत

साहब! यह सब क्या हो रहा है, कुछ करते क्यों नहीं...आखिर कब तक हमारे सुहाग इस तरह शहादत देते रहेंगे...? बिलबिलाते होठों और कांपती आवाज से निकला यह सवाल किसी ओर का नहीं बल्कि शहीद हमीर सिंह पोखरियाल की पत्नी पूजा का था। उन्होंने घर पर सांत्वना देने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से जब यह सवाल किया तो यहां मौजूद सभी लोग निरुत्तर रह गए। मंगलवार की दोपहर शहीद हमीर सिंह पोखरियाल के भट्टोंवाला मार्ग पर कुंजापुरी कॉलोनी गुमानीवाला स्थित घर में जैसे ही उनकी शहादत का समाचार पहुंचा। कोहराम मच गया। घर में शहीद की गर्भवती पत्नी पूजा, ढाई वर्ष की पुत्री अन्वी, मां राजकुमारी और भाई सुनील पोखरियाल ही मौजूद थे। सभी की स्थिति यह थी कि कोई एक-दूसरे के सामने अपने जज्बातों को जाहिर नहीं कर पा रहा था। कोई घर के कमरे में, कोई चौखट में तो कोई बरामदे में खामोश बैठकर अपने आंसुओं के समंदर को बांधे हुए था। मगर, जैसे ही आसपास के लोगों, परिचितों और रिश्तेदारों तक यह खबर पहुंची तो घर पर हजूम लग गया।

साहब! यह सब क्या हो रहा है, कुछ करते क्यों नहीं…आखिर कब तक हमारे सुहाग इस तरह शहादत देते रहेंगे…? बिलबिलाते होठों और कांपती आवाज से निकला यह सवाल किसी ओर का नहीं बल्कि शहीद हमीर सिंह पोखरियाल की पत्नी …

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उमा भारती और सानंद के बीच वार्ता विफल, कानून बनने तक जारी रहेगा उपवास

उपवास पर बैठे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद (प्रो. जीडी अग्रवाल) की केंद्रीय मंत्री उमा भारती के साथ देर रात हुर्इ वार्ता विफल रही है। उमा भारती को छोटी बहन बताते हुए उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत दबाव डालने का प्रयास कर रही थीं और वो इस मामले को असाइनमेंट के रूप में ले रही थी। उनका साफ कहना है कि कानून बनने तक उनका अनशन जारी रहेगा, भले ही उनके प्राण क्यों न चले जाएं। दरअसल, उमा भारती केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर स्वामी सानंद से मुलाकात करने हरिद्वार पहुंची। इस दौरान उमा भारती ने स्वामी सानंद को बताया कि एक्ट का मसौदा पूरी तरह तैयार है और वह संसद के अगले सत्र में कानून बनाने के लिए पेश किया जाएगा। इस पर स्वामी सानंद ने कहा कि इसमें कुछ संशोधन है उसे कर कर अध्यादेश के तौर पर तुरंत लागू करा दिया जाए। लेकिन इसको लेकर दोनों के बीच एक राय नहीं बन पार्इ और और देर रात करीब ढाई घंटे चली वार्ता बेनतीजा रही। गौरतलब है कि उमा भारती पूर्व में स्वामी सानंद को इस संदर्भ में पत्र भी लिख चुकी हैं। लेकिन स्वामी सानंद अध्यादेश के अलावा किसी भी तरह से समझौता नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की प्रतिनिधि उमा भारती को अपना अनशन जारी रखने का इरादा जाहिर कर दिया है। वहीं, उमा भारती ने स्वामी सानंद के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की है और इस बात का विश्वास दिलाया है कि सरकार कानून बनाने के लिए गंभीर है पर कुछ व्यवस्थागत पेचीदगियां हैं, जिन्हें दूर करके संसद के अगले सत्र में इसे कानून बना दिया जाएगा। उन्होंने स्वामी सानंद से सहयोग करने और राष्ट्रीय हित में अपना अनशन समाप्त करने की अपील की। लेकिन स्वामी सानंद ने विनम्रता पूर्वक इसे अस्वीकार कर दिया। उपवास पर बैठे स्वामी सानंद को प्रशासन ने जबरन उठाया यह भी पढ़ें गंगा को लेकर गंभीर नहीं केंद्र सरकार स्वामी सानंद का कहना है कि गंगा और पर्यावरण की राह में जो बाधा है उसे लेकर केंद्र सरकार गंभीर नहीं है। पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की गंगा में कोई रुचि नहीं है। अगर होती तो वे वार्ता को खुद यहां आते ना कि किसी को प्रतिनिधि के तौर पर भेजते। उन्होंने बताया कि गंगा एक्ट को लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पूर्व में पत्र भी लिखा। लेकिन उन्होंने जवाब देना तक भी उचित नहीं समझा। बोले सानंद, जीवित रहा तो रक्षा बंधन पर याद करना उमा बहन यह भी पढ़ें उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से फोन पर उनकी बात करवाई, जिसमें वो नमामि गंगे की उपलब्धियां गिना रहे थे। उनका कहना है कि इससे गंगा को कोई विशेष फायदा नहीं होने वाला है। साथ ही ये भी बताया कि गडकरी ने उन्हें अक्टूबर-नवंबर के सत्र में एक्ट पास होने का आश्वासन भी दिया। लेकिन उनका कहना है कि जबतक गंगा एक्ट संसद से पास नहीं हो जाता, तबतक उनका अनशन जारी रहेगा।

उपवास पर बैठे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद (प्रो. जीडी अग्रवाल) की केंद्रीय मंत्री उमा भारती के साथ देर रात हुर्इ वार्ता विफल रही है। उमा भारती को छोटी बहन बताते हुए उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत दबाव डालने का प्रयास कर …

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अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के इतने गांव होंगे आबाद

पलायन की मार से सबसे अधिक प्रभावित अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के 60 गांवों को आबाद करने की दिशा में सरकार पहल करने जा रही है। ये ऐसे गांव हैं, जिनकी जनसंख्या दो से 10 के बीच ही रह गई है। इन सभी गांवों के विकास के लिए ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग कार्ययोजना तैयार कर रहा है।राज्य में अल्मोड़ा और पौड़ी जिले ऐसे हैं, जहां जनसंख्या घटी है। इसकी वजह है गांवों से निरंतर हो रहा पलायन। इसे देखते हुए ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग ने पलायन की मार से त्रस्त गांवों को संवारने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निश्चय किया है। इस कड़ी में पहले चरण में अल्मोड़ा और पौड़ी के 30-30 गांवों को लिया गया है। आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी बताते हैं कि महज दो से 10 के बीच जनसंख्या वाले इन गांवों का सर्वे कर वहा रह रहे लोगों की राय के आधार पर कृषि समेत आर्थिक गतिविधियों के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। सर्वे में इन गांवों में खाली पड़ी भूमि, घरों के उपयोग, मूलभूत सुविधाएं, सामाजिक-आर्थिक विकास से संबंधित कार्य समेत अन्य पहलुओं को शामिल किया जाएगा। डॉ.नेगी के अनुसार इस सर्वे के दौरान गांवों से पलायन कर चुके लोगों से भी रायशुमारी का प्रयास किया जाएगा। इसके पीछे मंशा यह है कि लोगों को रिवर्स पलायन के लिए भी प्रेरित किया जाए। यही नहीं, इन गांवों में सामूहिक खेती पर भी जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना तैयार कर इसे सरकार को सौंपा जाएगा।

पलायन की मार से सबसे अधिक प्रभावित अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के 60 गांवों को आबाद करने की दिशा में सरकार पहल करने जा रही है। ये ऐसे गांव हैं, जिनकी जनसंख्या दो से 10 के बीच ही रह गई …

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17 किलो सोना पहन डेढ़ करोड़ की कांवड़ के साथ यात्रा कर रहे गोल्डन बाबा

सोना पहनने को लेकर चर्चाओं में रहने वाले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महंत गोल्डन बाबा एक बार फिर कांवड़ लेकर हरिद्वार पहुंचे। वो शाम को कांवड़ लेकर वापस दिल्ली रवाना होंगे। 25 वीं बार कांवड़ यात्रा पर पहुंचे गोल्डन बाबा ने बताया कि इस बार उन्होंने 17 किलो सोना धारण किया हुआ है। जिसकी सुरक्षा के लिए उन्होंने निजी अंगरक्षकों को तैनात किया है। गोल्डन पुरी नाम से मशहूर दिल्ली के कारोबारी और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महंत गोल्डन बाबा इन दिनों कांवड़ लेने धर्मनगरी हरिद्वार आए हैं। उनकी विशेषता उनके द्वारा शरीर धारण किए गए स्वर्ण आभूषण हैं। आपको बता दें कि गोल्डन पुरी बाबा ने बहादराबाद के शनि देव मंदिर में अपना डेरा बनाया हुआ है। जहां से वो आज शाम कांवड़ लेकर दिल्ली के लिए रवाना होंगे। सिल्वर जुबली के लिए डेढ़ करोड़ की कांवड़ बाबा ने बताया कि इस बार वे अपनी कांवड़ यात्रा की सिल्वर जुबली मना रहे हैं। जिसके लिए उन्होंने रुड़की के कारीगर से विशेष रूप से कांवड़ तैयार कराई है, जो करीब डेढ़ करोड़ रुपए की है और इसे सोने के पत्र से सजाया गया है। कांवड़ में रखी शिव प्रतिमा को भी स्वर्ण आभूषण से सुसज्जित किया गया है।

सोना पहनने को लेकर चर्चाओं में रहने वाले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महंत गोल्डन बाबा एक बार फिर कांवड़ लेकर हरिद्वार पहुंचे। वो शाम को कांवड़ लेकर वापस दिल्ली रवाना होंगे। 25 वीं बार कांवड़ यात्रा पर पहुंचे …

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सड़क किनारे मिला गुलदार का शव, वाहन की चपेट से हुई मौत

भिलंगना वन रेंज के अंतर्गत घनसाली-चमियाला मोटर मार्ग पर सड़क किनारे गुलदार का शव पड़ा मिला। वन विभाग के मुताबिक किसी वाहन से टकराने से उसकी मौत की वजह मानी जा रही है। गैस गोदाम से करीब 500 मीटर की दूरी पर सुबह लोगों ने गुलदार का शव देखा तो इसकी सूचना वन विभाग को दी। मौके पर पहुंचे विभाग के कर्मचारी उसे पोस्टमार्टम के लिए रेंज कार्यालय ले गए। रेंज अधिकारी एसएस नेगी ने बताया की प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि किसी वाहन की टक्कर लगने से गुलदार की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि तीन वर्षीय इस मादा गुलदार के दांत व नाखून आदि सुरक्षित थे।

भिलंगना वन रेंज के अंतर्गत घनसाली-चमियाला मोटर मार्ग पर सड़क किनारे गुलदार का शव पड़ा मिला। वन विभाग के मुताबिक किसी वाहन से टकराने से उसकी मौत की वजह मानी जा रही है। गैस गोदाम से करीब 500 मीटर की …

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यमुनोत्री में बादल फटा, पांच दुकानें और धर्मशाला बही

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बारिश आफत लेकर आ रही है। यमुनोत्री धाम में बादल फटने से यमुना नदी उफान पर आ गई। इस दौरान पांच दुकानें, एक धर्मशाला के साथ ही यमुनोत्री मंदिर को जोड़ने वाला पुल बह गया। मौसम विभाग ने अभी उत्तराखंड में और तेज बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, भूस्खलन से चलते चारधाम यात्रा मार्ग विभिन्न स्थानों पर बंद हैं। घटना आधी रात के बाद करीब ढाई बजे की है। तेज बारिश के साथ ही बादल फटने से यमुनोत्री धाम के निकट पांच दुकानें यमुना के उफान में बह गईं। वहीं, काली कमली धर्मशाला का एक हिस्सा भी बह गया। हालांकि मंदिर परिसर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इस दौरान व्यापारियों के साथ ही यमुनोत्री में रुके लोगों ने सुरक्षित स्थान पर भागकर जान बचाई। इससे जनहानी की कोई सूचना नहीं है। वहीं, मंदिर को जाने वाली अस्थायी पुलिया भी बह गई। एसडीआरएफ की टीम जानकी चट्टी से यमुनोत्री पहुंच गई। वहीं, भूस्खलन से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग थिरांग के पास नौ घंटे तक बंद रहा। जबकि यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास भूस्खलन होने से सात घंटे बंद रहा। चमोली में आधी रात को बादल फटा, घर छोड़कर भागे लोग यह भी पढ़ें यमुनोत्री धाम में सोमवार की रात को 11 यात्री सहित 40 तीर्थ पुरोहित, दुकानदार, साधु संत व कर्मचारी थे। 11 यात्रियों को एसडीआरएफ की टीम जानकी चट्टी पहुंचा रही है। वहीं, मनेरी के सिलकुरा में भूस्खलन का मलबा आने से नारायण होटल की कैंटीन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। दून में बादल फटा, नदियां उफनाई; सात की मौत यह भी पढ़ें पर्वतीय क्षेत्र में केदारघाटी में भी रात्रि करीब ढाई बजे से मूसलाधार बारिश हो रही है। रुद्रप्रयाग गौरीकुंड मार्ग फाटा, बांसवाड़ा व डोलिया देवी मंदिर के पास भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया। कई स्थानों में सड़क पर पत्थर गिर रहे हैं। वहीं, पौड़ी जिले में 11 ग्रामीण संपर्क मार्ग बंद हैं। उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट; यमुनोत्री हाईवे बंद यह भी पढ़ें चमोली जिले में मध्य रात्रि से चल रही बारिश सुबह सात बजे थमी। बदरीनाथ हाइवे लामबगड़, रडांग बैंड, हनुमानचट्टी में भूस्खलन से बंद है। वहीं, हेमकुंड यात्रा सुचारु है। कर्णप्रयाग और नंदप्रयाग के बीच 66 केवी की विद्युत लाइन का एक तार टूटने से गोपेश्वर जोशीमठ और घाट क्षेत्र में रात से विद्युत आपूर्ति ठप है। वहीं, भूस्खलन से चमोली जिले के रोली गांव मे दो और गौचर में एक गोशाला को क्षति पहुंची है। थल-मुनस्यारी और जौलजीवी-मुनस्यारी मार्ग बंद उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी, भूस्खलन से बंद यमुनोत्री हाईवे खुला; मकान ध्वस्त यह भी पढ़ें पिथौरागढ़ में भारी बारिश के दौरान भूस्खलन से थल-मुनस्यारी और जौलजीवी मुनस्यारी मार्ग बंद हो गए। गोरी नदी फिर ऊफान पर आ गई। छोरीबगड़ में तटबंद से बाहर नदी बह रही है। मदकोट और मुनस्यारी के मध्य दरकोट के पास भारी मलबा आने से सड़क बंद है। दरकोट बैंड के पास पत्थर गिरने से एक पिकअप वाहन छतिग्रस्त हो गया। इसमे बैठे एक व्यक्ति को भी चोट आई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी मौसम के मिजाज फिलहाल नरम पड़ने के आसार नहीं हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आगामी 24 घंटे में पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बारिश आफत लेकर आ रही है। यमुनोत्री धाम में बादल फटने से यमुना नदी उफान पर आ गई। इस दौरान पांच दुकानें, एक धर्मशाला के साथ ही यमुनोत्री मंदिर को जोड़ने वाला पुल बह गया। …

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गुटबाजी से बिगड़ा रैली का माहौल

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आजमगढ़ में होने वाली रैली के पहले यूपी में भाजपा के आसार अच्‍छे नजर नहीं आ रहे हैं। क्षेत्रीय स्‍तर पर कार्यकर्ताओं की गुटबाजी तथा आपसी कलह ने मुश्किलें बढ़ा दी है। कार्यकर्ता जातीय …

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एनएच 74 मुआवजा घोटाले में निलंबित पीसीएस अधिकारी ने किया सरेंडर

एनएच 74 मुआवजा घोटाले में निलंबित पीसीएस तीरथ पाल ने आज एसआइटी के समक्ष सरेंडर कर दिया। इसके बाद पुलिस पूछताछ को उसे गुप्त स्थान पर ले गई। पुलिस के मुताबिक इसके बाद उसे नैनीताल कोर्ट में पेश किया जाएगा। गदरपुर तहसील की जांच में बैक डेट पर 143 के 3 मामले में निलंबित पीसीएस तीरथ पल के हस्ताक्षर मिले थे। इस पर पुलिस ने उसकी तलाश में देहरादून में दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिले। सोमवार को तीरथ ने एसआइटी ऑफिस पहुंचकर सरेंडर किया। करीब 300 करोड़ का है एनएच-74 मुआवजा घोटाला मार्च 2017 में तत्कालीन आयुक्त कुमाऊं ने एनएच-74 मुआवजा घोटाले की आशंका जताई। इस पर 11 मार्च को एडीएम प्रताप सिंह शाह की तहरीर पर सिडकुल चौकी में केस दर्ज हुआ था। इसके बाद एसआइटी का गठन कर जांच शुरू की गई। तब से एसआइटी जसपुर, बाजपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, गदरपुर, सितारगंज, किच्छा तहसील के 345 से अधिक काश्तकारों से पूछताछ कर चार पीसीएस अधिकारी समेत 18 आरोपितों को जेल भेज चुकी है। साथ ही दो पीसीएस समेत 12 आरोपितों के खिलाफ 5804 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल कर 211 करोड़ रुपये के घोटाले की पुष्टि कर चुकी है। एसआइटी सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में रुद्रपुर, गदरपुर, किच्छा तहसील के साथ ही बाजपुर तहसील के कुछ मामलों की जांच जारी है। एनएच मुआवजा घोटाले में प्रभारी तहसीलदार गिरफ्तार यह भी पढ़ें प्रभारी तहसीलदार को कोर्ट में पेश करने को पुलिस नैनीताल रवाना तीन मामले में बैक डेट पर 143 करने के आरोपी बेरीनाग के प्रभारी तहसीलदार को एसआईटी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए नैनीताल ले गई। बता दें कि गदरपुर में 2015 में कानूनगो रहे रघुवीर सिंह ने बैक डेट पर 3 मामलों में 143 की रिपोर्ट लगाई थी। इसमें एक किसान को दो करोड़ का मुआवजा भी मिला था, जबकि घोटाले की पुष्टि होने पर 2 किसानों का मुआवजा रोक दिया गया था। इस पर पुलिस ने रविवार को रघुवीर को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने मेडिकल कराया। बाद में पुलिस उससे लेकर नैनीताल कोर्ट में पेश करने के लिए ले गए।

एनएच 74 मुआवजा घोटाले में निलंबित पीसीएस तीरथ पाल ने आज एसआइटी के समक्ष सरेंडर कर दिया। इसके बाद पुलिस पूछताछ को उसे गुप्त स्थान पर ले गई। पुलिस के मुताबिक इसके बाद उसे नैनीताल कोर्ट में पेश किया जाएगा। …

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देहरादून रेलवे स्टेशन से 28 जून को सात घंटे ठप रहेगा ट्रेनों का संचालन

28 जून को देहरादून रेलवे स्टेशन पर सुबह से दोपहर तक करीब सात घंटे ट्रेनों का संचालन पूरी तरह प्रभावित रहेगा। ऐथल-पथरी रेलवे स्टेशन के बीच पटरियों की मरम्मत कार्य के चलते रेलवे प्रशासन ने इस दिन सहारनपुर पैसेंजर सेवा रद करने का निर्णय लिया है। जबकि, शताब्दी व राप्ती गंगा भी नजीबाबाद और सहारनपुर से वापस लौट जाएंगी। देहरादून रेलवे स्टेशन के अधीक्षक सीताराम सोनकर ने बताया कि 28 तारीख को सुबह 8.50 से दोपहर 3.50 बजे तक मेगा ब्लॉक रहेगा। इससे दून, हरिद्वार समेत कई अन्य स्टेशनों पर ट्रेनों का संचालन नहीं हो पाएगा। उन्होंने बताया कि इस दिन सहारनपुर एक्सप्रेस सेवा रद रहेगी। गोरखपुर-देहरादून राप्ती गंगा एक्सप्रेस नजीबाबाद तक आएगी और वहीं से वापस भेज दी जाएगी। ऐसे ही शताब्दी एक्सप्रेस देहरादून नहीं आएगी। शताब्दी एक्सप्रेस को सहारनपुर से वापस भेजा जाएगा। दून-बांद्रा एक्सप्रेस पर भी असर पड़ेगा। यात्रियों की बुरी स्थिति तय 21 जून को ऐथल-लक्सर स्टेशन के बीच पटरी की मरम्मत एवं विस्तारीकरण कार्य के चलते सुबह से सात घंटे मेगा ब्लॉक घोषित किया गया था। अब 28 जून को भी सात घंटे मेगा ब्लॉक घोषित कर दिया है। इससे यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ेगी। 21 जून को भी ट्रेन संचालन प्रभावित होने से बुरी स्थिति देखने को मिली थी।

28 जून को देहरादून रेलवे स्टेशन पर सुबह से दोपहर तक करीब सात घंटे ट्रेनों का संचालन पूरी तरह प्रभावित रहेगा। ऐथल-पथरी रेलवे स्टेशन के बीच पटरियों की मरम्मत कार्य के चलते रेलवे प्रशासन ने इस दिन सहारनपुर पैसेंजर सेवा …

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