
कीव/मारियुपोल/मास्को। दक्षिण यूक्रेन पर रूस कब्जा करने की इच्छा रखता है, यह खुलासा एक रूसी जनरल ने किया है। जनरल के इस बयान ने रूस के पहले के बयान को गलत साबित कर दिया, जिसमें रूस ने कहा था कि वह यूक्रेन के इलाकों पर कब्जा नहीं करना चाहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार रूसी सेना ने खार्किव क्षेत्र के बड़े आर्म्स डिपो पर अपना कब्जा कर लिया है, जहां हजारों टन गोला-बारूद और हथियार मौजूद है।
रूस के केंद्रीय सैन्य जिले के डिप्टी कमांडर रुस्तम मिनेकेयेव ने कहा कि दक्षिणी यूक्रेन पर पूर्ण नियंत्रण उसे पश्चिम में मोल्दोवा के एक अलग, रूसी कब्जे वाले हिस्से तक पहुंच प्रदान करेगा। इसके साथ वह यूक्रेन के प्रमुख शहरों माइकोलाइव और ओडेसा की तरफ आगे बढ़ेगा।
रूसी सेना की तरफ से जारी बयान के अनुसार उसने डोनबास समेत लगभग समूचे दक्षिणी यूक्रेन पर कब्जा कर लिया है। अब वो दक्षिण में मोल्दोवा की तरफ बढ़ रहे हैं। रूस के मुताबिक सेना ने दूसरे चरण के युद्ध के लक्ष्य को पा लिया है।
यूरोपियन यूनियन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आगामी कुछ हफ्ते युद्ध के लिए निर्णायक साबित होंगे।
मॉस्को का कहना है कि वह यूक्रेन को असैन्य करने और अपनी आबादी को उन लोगों से मुक्त करने के लिए एक “विशेष सैन्य अभियान” चला रहा है, जिसे वह खतरनाक राष्ट्रवादी कहता है। यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी रूस के आक्रमण को आक्रमण का अनुचित युद्ध बताते हैं।
क्रेमलिन ने यूक्रेन पर आरोप लगाया गया कि यूक्रेन की सरकार ने इन लोगों के साथ कभी भी समान दृष्टिकोण नहीं अपनाया और भेदभाव किया। रूस की तरफ से ये भी कहा गया कि नाटो ने रूस की सीमा पर संकट बढ़ाने का काम किया है।
वहीं इस युद्ध को समाप्त करने की पहल को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनिया गुटेरेस मास्को की यात्रा पर जाने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक यूएन महासचिव 26 अप्रैल को मास्को पहुंचेंगे और राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे।
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