योग शारीरिक अनुशासन ही नहीं, वह गहन मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास भी-नड्डा

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीयमंत्री जेपी नड्डा ने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर योग किया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को शुभकामनाएं देते हुए योगाभ्यास को जीवन में शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शब्द ‘योग’ का अर्थ है ‘एकजुट होना’ या ‘संक्षेप में प्रस्तुत करना’ – जो शरीर, मन और आत्मा के मिलन का प्रतीक है। यह न केवल एक शारीरिक अनुशासन है, बल्कि एक गहन मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास भी है।

नड्डा ने कहा कि योग दिवस की कल्पना और योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाए, इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में की थी।

2014 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सभा में कहा था कि योग दिवस मनाया जाना चाहिए और लगभग 170 से अधिक देशों ने इसका समर्थन किया । उसके बाद दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने ये घोषणा की कि 21 जून को हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री ने रखा था, उसको संयुक्त राष्ट्र ने सर्वसम्मति से पारित करके 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाना शुरू किया। नड्डा ने योग के लाभ पर जोर देते हुए कहा कि योग हमारे भारत की प्राचीन प्रथा है। योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है। यह एक ऐसा मार्ग है जिसके माध्यम से हम अपनी आंतरिक चेतना से जुड़ने का प्रयास करते हैं। अकसर ध्यान जैसी प्रथाओं के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को भी ठीक क्या जा सकता है।

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