शिमला : हिमाचल प्रदेश में मानसून भारी तबाही मचा रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलनों से राज्य में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बीते 72 घंटों के दौरान राज्य में बादल फटने की 14 और फ्लैश फ्लड की 3 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें अकेले मंडी जिले में 13 स्थानों पर बादल फटे, जिससे सबसे अधिक तबाही हुई है। माैसम विभाग ने 9 जुलाई तक येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है
मंडी जिले में 30 जून की रात को बादल फटने से भारी तबाही हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा गुरूवार शाम जारी रिपोर्ट के मुताबिक मंडी जिला में 14 की मौत हो चुकी है और 31 अभी भी लापता हैं। 5 घायल हुए हैं। जिला के गोहर, थुनाग, करसोग और जंजैहली इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। अब तक 348 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। 154 मकान पूरी तरह ध्वस्त हाे गए हैं और 31 वाहन क्षतिग्रस्त। दो दुकानें और 106 पशुशालाएं ढह गई हैं, जबकि 14 पुल भी बह गए हैं। इस दौरान 165 मवेशियों की भी मौत हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, गुरूवार शाम तक प्रदेश में 246 सड़कों पर यातायात बंद है। सबसे ज्यादा 145 सड़कें मंडी में बंद पड़ी हैं। कुल्लू में 36, सिरमौर में 25 और शिमला में 22 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा कुल्लू में 15 ट्रांसफार्मर बंद हैं, जबकि मंडी में सबसे ज्यादा 353 ट्रांसफार्मर ठप हैं। कुल मिलाकर 404 ट्रांसफार्मर पूरे राज्य में प्रभावित हुए हैं।
इसके अलावा, पेयजल आपूर्ति पर भी मानसून का कहर टूटा है। मंडी जिले की 605 पेयजल योजनाएं बंद हो गई हैं। हमीरपुर में 104 और सिरमौर में 21 पेयजल स्कीमें ठप हैं। पूरे प्रदेश में 784 पेयजल योजनाएं बाधित हैं, जिससे लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है। अगले दो दिन येलो अलर्ट, वहीं 5 से 9 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
बीते 24 घंटों में सिरमौर के पच्छाद में सर्वाधिक 133 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा हमीरपुर के बड़सर में 92 मिमी, शिमला के जुब्बड़हट्टी में 59 मिमी, ऊना में 55 मिमी, नाहन में 42 मिमी, कांगड़ा में 32 मिमी, सराहन में 29 मिमी, सुंदरनगर में 19 मिमी और शिमला शहर में 10 मिमी बारिश दर्ज हुई है।
शिमला के ढली क्षेत्र के लिंडीधार गांव में फोरलेन निर्माण के दौरान बन रही सुरक्षा दीवार गुरूवार को अचानक ढह गई, इससे सैकड़ों सेब के पौधे दब गए और आसपास के कई घरों को खतरा पैदा हो गया। लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन को मजबूर हैं। लोगों ने एनएचएआई पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
शिमला ग्रामीण के एसडीएम मंजीत शर्मा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। बताया कि पहले भी इस स्थान पर लैंडस्लाइड हुई थी और एनएचएआई को मरम्मत के निर्देश दिए गए थे। एक घर को खतरा बना हुआ है।
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए लोगों से नदी-नालों से दूर रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश जारी किए हैं।