पुणे : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को खड़कवासला के एनडीए परिसर में बाजीराव पेशवा की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि पुणे स्वराज्य की जननी है, इसलिए महान योद्धा बाजीराव की प्रतिमा के लिए यही उचित स्थान है।
प्रतिमा का अनावरण करने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने महाराष्ट्र के पुणे से स्वतंत्रता के लिए एल्गार उठाया था। इसी पुणे से 17वीं शताब्दी में स्वतंत्रता की हुंकार गूंजी थी। पुणे स्वराज्य की जन्मभूमि है और महान बाजीराव पेशवा ने कई लोगों को प्रेरित किया था। शाह ने कहा कि बाजीराव की प्रतिमा से कई लोगों को प्रेरणा मिलेगी। वर्तमान युद्ध रणनीति और बाजीराव की युद्ध रणनीति में समानता है। बाजीराव ने 20 वर्षों के राजपाठ में 41 लड़ाइयां लड़ीं और सभी में विजय प्राप्त की। बाजीराव ने ऐसी लड़ाइयां जीतीं, जिनमें पराजय निश्चित मानी जाती थी। इसलिए पूरे भारत में उनके जैसा अजेय सेनापति कोई दूसरा नहीं हुआ। बाजीराव पेशवा का पूरा जीवन लड़ाइयां लड़ते हुए बीता।
इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महान बाजीराव पेशवा के पास लड़ाई जीतने की एक विशेष रणनीति थी। उनकी सेना एक दिन में 8 से 10 किलोमीटर का सफर तय करती थी। उन्होंने ऐसी सेना बनाकर अपने युद्ध कौशल को साबित किया था, लेकिन अंग्रेजों और फिर कुछ हद तक मूल निवासियों ने इतिहास के नायकों के साथ अन्याय किया। वास्तव में उन्होंने हमारे हिंदवी स्वराज्य और मराठों के इतिहास को मिटा दिया। मुगलों के बाद अंग्रेज आए। इस वजह से हमारे कई महान नायक भुला दिए गए, लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इतिहास के कई नायकों, योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को लोगों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय विमानन मंत्री मुरलीधर मोहोल, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, सांसद मेधा कुलकर्णी और अन्य उपस्थित थे।—————————-