संसद के मॉनसून सत्र में पेश होगा नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल: खेल मंत्री

नई दिल्ली : केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि लंबे समय से प्रतीक्षित नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल को संसद के आगामी मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा।

मंडाविया ने युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा नशा मुक्ति को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया को उक्त जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारत में होने वाले बहुपक्षीय टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने से नहीं रोका जाएगा।

क्या है नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल का उद्देश्य

यह बिल देश के खेल प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के मकसद से लाया जा रहा है। इसके तहत एक नियामक बोर्ड का गठन प्रस्तावित है, जो राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता देने और फंड जारी करने जैसे अधिकार रखेगा। यह बोर्ड सुनिश्चित करेगा कि सभी खेल संगठनों में उच्च स्तर की प्रशासनिक, वित्तीय और नैतिक मानक अपनाए जाएं। साथ ही, प्रस्तावित बिल में एथिक्स कमिशन और विवाद निवारण आयोग की स्थापना का भी जिक्र है, ताकि खेलों में पारदर्शिता बनी रहे।

हालांकि, इस प्रस्ताव का कुछ खेल संस्थाओं, विशेषकर भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा विरोध भी किया गया है। आईओएका मानना है कि एक नियामक बोर्ड की मौजूदगी उसकी स्वायत्तता को प्रभावित कर सकती है।

पाकिस्तानी खिलाड़ियों को टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने की अनुमति

मंडाविया ने कहा कि भारत सरकार का रुख स्पष्ट है— पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय श्रृंखलाएं भले न हों, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बहुपक्षीय टूर्नामेंट्स में उनके खिलाड़ियों की भागीदारी पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “चाहे क्रिकेट हो, हॉकी या कोई और खेल – अगर टूर्नामेंट बहुपक्षीय है, तो पाकिस्तान की भागीदारी पर कोई रोक नहीं होगी।”

पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने भारत में आयोजित होने वाले दो अहम टूर्नामेंट्स-एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट (राजगीर, 27 अगस्त – 7 सितंबर) और एफआईएच जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप (तमिलनाडु, 28 नवंबर – 10 दिसंबर) — में हिस्सा लेने के लिए अपनी सरकार से मंजूरी मांगी है। हालांकि अब तक स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान सरकार ने इसकी इजाजत दी है या नहीं।

ओलंपिक चार्टर के अनुसार लिया गया निर्णय

खेल मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा देने का निर्णय ओलंपिक चार्टर के अनुरूप है, जो राजनीतिक कारणों से किसी देश की भागीदारी से इनकार करने पर रोक लगाता है। ऐसा करना आयोजनकर्ता देश के भविष्य में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स की मेजबानी के अधिकार को खतरे में डाल सकता है। गौरतलब है कि भारत 2036 ओलंपिक खेलों और 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की दौड़ में शामिल है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com