केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को खुलासा किया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद के लिए छूट लेने से इनकार किया है. दरअसल, सरकार ने गंभीर अपराधों के लिए जेल जाने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने से संबंधित विधेयक तैयार किया था. रिजिजू के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट को बताया कि यह सिफारिश की गई है कि प्रधानमंत्री को विधेयकों के दायरे से बाहर रखा जाए, लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस सिफारिश से सहमत नहीं हैं.
विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए
रिजिजू ने बताया, “प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट को बताया कि प्रधानमंत्री को इस विधेयक से बाहर रखने की सिफारिश की गई है. मगर वह इससे सहमत नहीं हुए. प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम को कोई छूट देने से इनकार कर दिया. प्रधानमंत्री भी एक नागरिक हैं, और उन्हें विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए.”
अपना पद छोड़ना होगा
उन्होंने आगे कहा, “ज़्यादातर मुख्यमंत्री हमारी पार्टी से हैं. अगर वे कुछ गलत करते हैं, तो उन्हें अपना पद छोड़ना होगा. नैतिकता का भी कुछ मतलब होना चाहिए. अगर विपक्ष ने नैतिकता को केंद्र में रखा होता, तो वे इस विधेयक का स्वागत करते…”
एक महीने के भीतर अपना पद खो सकते हैं
यह टिप्पणी केंद्र सरकार की ओर से इस हफ्ते तीन विधेयकों- संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक का प्रस्ताव पेश करने के बाद सामने आई है. यदि किसी मौजूदा मंत्री, मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री को पांच साल या उससे ज्यादा की जेल की सजा वाले अपराध के लिए लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार किया जाता है या हिरासत में रखा जाता है, तो वे एक महीने के भीतर अपना पद खो सकते हैं.
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