वोट बैंक की राजनीति बनाम विकास का मॉडल : साढ़े आठ साल में योगी सरकार ने बदली उत्तर प्रदेश की तस्वीर

लखनऊ, 13 दिसंबर : उत्तर प्रदेश की राजनीति में दशकों तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की पहचान वोट बैंक आधारित सत्ता प्रबंधन तक सीमित रही। जाति, तुष्टिकरण और प्रतीकात्मक योजनाओं से आगे बढ़ने का प्रयास नहीं हुआ। इसके उलट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने नीतिगत, संरचनात्मक और आर्थिक स्तर पर ऐसे बदलाव देखे हैं, जिनकी पुष्टि सरकारी और स्वतंत्र आंकड़े करते हैं।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन को एक बड़े बदलाव के तौर पर देखता है। आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उद्यमियों के लिहाज से काफी बेहतर विकल्प बनकर उभरा है।
यहां बाहर के निवेशक लगातार आए और अपने उद्यम स्थापित किए। उन्होंने यहां नई फैक्ट्रियां लगाईं, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर विकल्प मिले। इसी के साथ उत्तर प्रदेश से पलायन की समस्या भी खत्म हो रही है। और अपने प्रदेश में युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहा है।

सीएम योगी के प्रयास से उत्तर प्रदेश का युवा अपने पैरों पर खड़ा हो रहा

सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के अन्तर्गत विभिन्न आयोगों एवं भर्ती बोर्ड की ओर से साढ़े आठ वर्षों में 8.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई।
इसके अलावा महिला सशक्तिकरण का पूरा ध्यान रखा गया। इसके अंतर्गत 1.75 लाख से अधिक महिलाओं को सरकारी नौकरी मिली।
प्रदेश के युवाओं को देश एवं विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का भी गठन किया गया है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना में 01 लाख से अधिक युवाओं को उद्योगों एवं अधिष्ठानों में पंजीकरण एवं प्रशिक्षण दिया गया। जिससे उत्तर प्रदेश का युवा अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है।

नए उभरते क्षेत्रों में छात्रों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार की तरफ मोड़ा गया

आई.टी.आई व कौशल विकास मिशन में 25 लाख से अधिक युवा विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षित किए गए और इसके अंतर्गत 10.20 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला। यही नहीं इंडस्ट्री 4.0 के अनुरूप नए उभरते क्षेत्रों जैसे आर्टीफिशियल इन्टेलीजेंस, एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (रोबोटिक्स) में छात्रों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार की तरफ मोड़ा गया।

राजनीतिक आरोप बनाम नीतिगत बदलाव

राजधानी के इंडस्ट्रियल एरिया में अपना उद्यम चला रहे अनुराग पांडे कहते हैं कि जहां पहले की सरकारों ने जनता को केवल चुनावी गणित तक सीमित रखा, वहीं मौजूदा योगी सरकार ने स्थायी रोजगार, निवेश और कौशल विकास के साथ ही विकास को प्राथमिकता दी है। बाहर से आए उद्योगों और स्थानीय युवाओं को मिले प्रशिक्षण ने यह संकेत दिया है कि उत्तर प्रदेश अब केवल रोजगार की तलाश में पलायन करने वाला राज्य नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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