देश के विनिर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) का प्रदर्शन अप्रैल में आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया, क्योंकि नए बिजनेस की ग्रोथ मंद रही, जिस पर चुनावों और एक चुनौतीपूर्ण आर्थिक वातावरण ने दबाव बनाया। यह जानकारी एक मासिक सर्वे में गुरुवार को सामने आई है।
निक्केई इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स अप्रैल में गिरकर 51.8 के स्तर पर पहुंच गया जो कि मार्च महीने में 52.6 के स्तर पर रहा था। यह अगस्त 2018 के बाद के व्यावसायिक स्थितियों में सबसे कमजोर सुधार को दर्शाता है। यह लगातार 21वां महीना है जब मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 के स्तर के ऊपर रहा है। पीएमआई के संदर्भ में 50 से ऊपर का स्तर विस्तार और इससे नीचे का स्तर संकुचन की स्थिति को दर्शाता है। अप्रैल का पीएमआई डेटा बताता है कि नए आदेशों में नरम वृद्धि से उत्पादन, रोजगार और व्यापार की भावनाओं को सीमित किया है।
आईएचएस मार्किट की प्रमुख अर्थशास्त्री और इस रिपोर्ट की लेखिका पालियामा डि लीमा ने बताया, ” हालांकि शेष विस्तार क्षेत्र ने विकास को नरम रखना जारी रखा और यह तथ्य यह है कि रोजगार एक वर्ष से अधिक की अवधि की तुलना में सबसे कम गति से बढ़ा है जो कि बताता है कि निर्माता मुश्किल से ही वापसी को तैयार हैं।” लीमा ने बताया कि जब सर्वे कंपनियों की ओर से उपलब्ध करवाए गए मंदी के कारणों को देखा गया तो पता चला कि चुनाव के कारण आए व्यवधान प्रमुख वजह रहे।
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