बंदियों को ‘योग्य’ बनाएगी योगी सरकार

  • जेल मैनुअल संशोधन के तहत उत्तर प्रदेश सरकार करेगी बंदियों की पढ़ाई की व्यवस्था
  • पढ़ाई के साथ-साथ जेलों में ही बंदियों को दिलाया जाएगा कौशल विकास का प्रशिक्षण
  • कार्यक्रमों के आयोजन एवं क्रियान्वयन में गैर सरकारी संस्थाएं और कॉर्पोरेट हाउस भी कर सकेंगे सहयोग

लखनऊ, 18 अगस्त। उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदियों को योग्य बनाने के लिए योगी सरकार ने पहल की है। प्रदेश सरकार न सिर्फ उन्हें पढ़ाएगी, बल्कि काबिल भी बनाएगी। सरकार ने हाल ही में जेल मैनुअल में संशोधन को मंजूरी दी है, जिसमें बंदियों की पढ़ाई की व्यवस्था के साथ-साथ उनके कौशल विकास को लेकर भी प्रस्ताव शामिल हैं। बंदियों की कल्याणकारी शिक्षा एवं कौशल विकास हेतु कार्यक्रमों के आयोजन एवं क्रियान्वयन में गैर सरकारी संस्थाएं भी सहयोग कर सकेंगी। सरकार का प्रयास है कि बंदी जेल में ऐसे रचनात्मक कार्यों का हिस्सा बनें, जिसका लाभ उन्हें उनके भविष्य को बेहतर बनाने और सम्मानजनक जीवन जीने के काम आ सके।  

सुगम होगी पुनर्वास की प्रक्रिया

सरकार के निर्देश पर महानिदेशक (कारागार) यह सुनिश्चित करेंगे कि बंदियों के लिए शैक्षिक कार्यक्रम विकसित किए जाएं ताकि उनके समाजीकारण और पुनर्वास की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके। राज्य के विभाग, गैर सरकारी संगठन (एनजीओ), अकादमिक व्यक्ति, कॉर्पोरेट घराने, व्यवसायी या कोई अन्य मान्यता प्राप्त एजेंसी ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं जिनमें बंदियों के शारीरिक और स्वास्थ्य शिक्षा व सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी। जहां तक संभव हो, बंदियों के शिक्षा कार्यक्रम को राज्य की शिक्षा प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा ताकि उनकी रिहाई के बाद बंदी बिना किसी कठिनाई के अपनी शिक्षा जारी रख सकें। ऐसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए जेल में नियुक्त शिक्षा अध्यापाक जिम्मेदार होंगे। शैक्षिक कार्यक्रमों के आयोजन में क्रमशः शुरुआती और अनपढ़ बंदियों के लिए, जूनियर हाई स्कूल, हाई स्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं में सम्मिलित होने का प्रावधान किया गया है।

बन सकेंगे कारीगर

कारागारों में बंदियों को कुशल बनाने हेतु विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम यथा निर्माण कार्य, राजगीरी, बढ़ई, प्लम्बरिंग, बिजली कार्य, दर्जी, रेडीमेड कपड़े, चमड़ा, कृषि, उद्यान, डेयरी, मुर्गी पालन, फूल उत्पादन, डीजल इंजन, विद्युत पम्प व ट्रैक्टर की मरम्मत, कंप्यूटर संचालन आदि की व्यवस्था का प्रावधान है। कौशल विकास प्रशिक्षण के उपरांत बंदियों को प्रमाण पत्र भी मिलेगा, जिसका आगे चलकर वो अपने रोजगार के लिए भी उपयोग कर सकेंगे।  

सहकारी समितियों की होगी स्थापना

महानिदेशक कारागार द्वारा जेल में उद्योग और बंदियों की सहकारी समितियों की स्थापना करायी जाएगी। कारागार मुख्यालय पर महानिदेशक कारागार की अध्यक्षता में कौशल विकास कार्यक्रम और व्यावसायिक प्रशिक्षण समिति का गठन किया जाएगा। समिति में सरकार का संयुक्त सचिव स्तर से ऊपर का अधिकारी, अपर महानिरीक्षक कारागार (प्रशिक्षण और विकास), निदेशक जेल उद्योग, महानिदेशक कारागार द्वारा नामित वरिष्ठ अधीक्षक एवं नामित निजी क्षेत्र के उद्योगों से दो व्यक्ति जो इस क्षेत्र में विशेषज्ञ हों। समिति के कार्यों में कौशल विकास कार्यक्रमों की योजना बनाना, कोष की व्यवस्था, उत्पादन नीति का निर्धारण, विभिन्न स्तरों पर समन्वय प्रमुख हैं।

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