अमेरिका और ईरान के तल्ख रिश्तों का असर भारत पर भी पड़ेगा। जी हां, कच्चे तेल में लगातार उछाल की मार से भारत समेत तमाम मुल्कों में महंगाई बढ़ सकती है। यह सब ऐसे समय हो रहा है, जब भारत में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने है। इसके साथ ही वर्ष 2019 में देश में लोकसभा के चुनाव की तैयारी भी है। ऐसे में मौजूदा भाजपा सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इस समस्या से निपटने की होगी। हालांकि, भारत समेत तमाम मित्र राष्ट्रों की चिंताओं के मद्देनजर अमेरिका के राष्ट्रपति ने अभी से पहल शुरू कर दिया है। शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद से मुलाकात इस कड़ी में देखा जा रहा है। आइए जानते हैं क्यों बढ़ेगी महंगाई। इसके पीछे क्या है ईरान फैक्टर। इसके साथ ही दुनिया में कच्चे तेल के सर्वाधिक उत्पादन और खपत करने वाले मुल्कों की एक सूची।
ईरान में चार नवंबर से ही तेल से जुड़े प्रतिबंध लागू हो जाएंगे। तब कच्चे तेल का दाम सौ डालर प्रति बैरल पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। इससे भारत समेत दुनिया भर में महंगाई की आशंका जताई जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि महंगाई का असर प्रभावित देशों के विकास दर पर भी पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा असर भारत, चीन जापान जैसे मुल्कों पर ज्यादा पड़ेगा। दरअसल, सर्दियों में तेल की मांग तेजी से बढ़ जाती है। जाहिर है, अमेरिका और यूरोप में भी तेल की मांग बढ़ेगी। ऐसे में अमेरिका में तेल उत्पादन बढ़ाने के बावजूद वह भारत को ज्यादा आपूर्ति बढ़ाने में सक्षम नहीं होगा। इसलिए भारत समेत तमाम एशियाई देशों के लिए खाड़ी देशों पर निर्भर रहना मजबूरी होती है।
सर्वाधिक असर एशियाई मुल्कों पर
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