लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दौरे पर आए केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में कृषि कार्य में सुगमता के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। बैठक में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने केंद्रीय मंत्री को प्रदेश में कृषि कार्य में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने सहित कृषि और कृषक कल्याण के लिए किए जा रहे अनेक प्रयासों की जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने खेती में ड्रोन उपयोग को प्रोत्साहित करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे नीतिगत प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार स्वयं सहायता समूहों को खेती-किसानी में उपयोग के लिए रियायती दर पर ड्रोन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि खेती में लागत कम हो इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकार लगातार खेती में ड्रोन के उपयोग को भी प्रोत्साहन दे रही है, ताकि ये ड्रोन किसानों को कीटनाशक और खाद के छिड़काव में मदद कर सकें। स्वयं सहायता समूहों को रियायती दरों पर ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रदेश में विषमुक्त प्राकृतिक खेती को लेकर जारी अभियान की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों का अधिक और असंतुलित प्रयोग से मृदा का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। रासायनिक उर्वरकों का स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। जैसे यूरिया के स्थान पर सल्फर कोटेड (गोल्ड यूरिया) नैनो तरल यूरिया तथा डीएपी के स्थान पर नैनो डीएपी आदि। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस बारे में किसानों को भी जागरूक करना होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम प्रणाम योजनान्तर्गत उर्वरक सब्सिडी से बचत की धनराशि की आधी धनराशि राज्य सरकारों को किसान हितैषी योजनाओं के लिए दी जाएगी।
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