पोर्ट लुई : भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 01 जुलाई 2025 को मॉरीशस की आधिकारिक यात्रा की। यह विदेश सचिव के रूप में उनकी मॉरीशस की दूसरी यात्रा रही, जिसने भारत-मॉरीशस के विशेष रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
यह यात्रा 24 जून को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ नवीनचंद्र रामगुलाम के बीच हुई टेलीफोनिक बातचीत के बाद हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रतिबद्धता दोहराई थी।
अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव मिस्री ने मॉरीशस के राष्ट्रपति धरमबीर गोखूल, प्रधानमंत्री डॉ रामगुलाम, उपप्रधानमंत्री पॉल बेरेन्जर और विदेश मंत्री धनंजय रामफुल से मुलाकात की। इन बैठकों में आपसी हितों से जुड़े विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री रामगुलाम से भेंट के दौरान विदेश सचिव ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से भारत आने का औपचारिक निमंत्रण दोहराया। उन्होंने भारत और मॉरीशस के बीच पारंपरिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक संबंधों को आगे बढ़ाने हेतु मार्गदर्शन मांगा तथा भारत की ओर से मॉरीशस के विकास और समृद्धि में सहयोग का भरोसा दिलाया।
मॉरीशस में बढ़ती नशा-लत और सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु भारत की प्रतिबद्धता के तहत, विदेश सचिव ने मॉरीशस के विदेश मंत्री को विशेषीकृत एंटी-ड्रग उपकरण सौंपे। यह सहयोग भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति, महासागर विजन और ग्लोबल साउथ के प्रति समर्पण का स्पष्ट संकेत है।
इस उच्चस्तरीय यात्रा ने यह दर्शाया कि भारत और मॉरीशस दोनों ही हिंद महासागर क्षेत्र में स्थायित्व, विकास और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं। यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने वाली रही, बल्कि भारत के “सबका साथ, सबका विकास” की विदेश नीति का भी जीवंत उदाहरण बनी।