लाहौर : पाकिस्तान में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई के लिए आंदोलन शुरू हो चुका है। कार्यकर्ता और समर्थक सड़कों पर उतर चुके हैं। पीटीआई के प्रमुख नेता और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने मौजूदा शासकों के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन को ‘करो या मरो’ करार दिया है।
पाकिस्तान टुडे अखबार की खबर के अनुसार गंडापुर ने लाहौर में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमें 90 दिनों में तय करना होगा कि राजनीति करनी है या नहीं। हमारे सामने आज करो या मरो जैसी स्थिति है।” संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ पार्टी के प्रमुख नेता सलमान अकरम राजा भी मौजूद थे। गंडापुर ने कहा कि पार्टी का आंदोलन 5 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान इमरान खान की रिहाई के लिए सरकार की नाक में दम कर दिया जाएगा।
इससे पहले भी मुल्क में इमरान की रिहाई के लिए पार्टी आंदोलन कर चुकी है। पिछले साल आंदोलन के दौरान 9 मई को जमकर बवाल हुआ था। नवंबर, 2024 के इस्लामाबाद विरोध प्रदर्शन की जांच के लिए तो न्यायिक आयोग का गठन भी किया जा चुका है। इमरान खान को 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया था। इस समय पीटीआई का तत्कालीन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली वर्तमान गठबंधन सरकार के साथ टकराव चल रहा है। इमरान के अलावा पार्टी के नेता शाह महमूद कुरैशी, यास्मीन राशिद, एजाज चौधरी आदि काफी समय से जेल में बंद हैं।
जेल में बंद इन नेताओं ने सरकार से कई मर्बता बातचीत की मांग की। इसके बाद सरकार ने भी बातचीत की पहल की। मगर बात नहीं बनी। इससे निराश इमरान खान ने कुछ दिन पहले कहा था, “अब किसी से भी कोई बातचीत नहीं होगी। सिर्फ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन होगा।” गंडापुर ने कहा कि हम पार्टी संस्थापक की तकरीर पर पाकिस्तान के लोगों के लिए युद्ध लड़ रहे हैं। पीटीआई खिलाफ फासीवादी अभियान चलाया जा रहा है।