किसानों की समृद्धि के लिए समर्पित मोदी-योगी सरकार -हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव

अखिलेश बताएं सपा सरकार में उन्होंने किसानों के लिए क्या किया?

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को अखिलेश यादव से सवाल पूछा कि सपा सरकार में उन्होंने किसानों के लिए क्या किया? भजपा प्रवक्ता ने कहा कि बुन्देलखण्ड के किसानों का पलायन तथा गन्ना किसानों का बकाया, गन्ना, गेहूॅ, धान, किसानों को अपना उत्पाद विचैलियों के हाथ बेचने पर मजबूर करना जैसी अखिलेश सरकार की उपलब्धियां प्रदेश की सम्मानित जनता को स्मरण है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार तथा प्रदेश की योगी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए समर्पित है। प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश का किसान खुशहाली की तरफ तेजी से बढ रहा है। उन्होंने कहा कि योगी की सरकार आने के बाद बुन्देलखण्ड के किसानों का पलायन पूरी तरह समाप्त हुआ है तथा सपा सरकार में घास की रोटी खाने पर मजबूर बुन्देलखण्ड के किसान अब समृद्धि की तरफ तेजी से अग्रसर है। योगी सरकार में किसानों की कर्जमाफी, धान, गेहूॅ, गन्ना, आलू, मक्का की खरीद सुनिश्चित की। तथा सिचाई के लिए बिजली, फसलों के लिए खाद, उपलब्ध कराया। 36 हजार करोड़ का किसानों का ऋणमोचन किया एवं सपा सरकार के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान उनके खाते में सीधे भुगतान किया।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों पर घड़ियाली-आंसू बहाने वाले विपक्ष को अधिकार ही नहीं है किसानों की बात करे। उन्होंने कहा कि मोदी जी के आने के बाद किसान लगातार आर्थिक रूप से समृद्ध और उन्नति की तरफ अग्रसर है। भाजपा की राज्य सरकारों ने किसानों को खाद, बीज के साथ सिंचाई पर जो काम किया है, वह कांग्रेस व अन्य दलों की सरकारें कल्पना भी नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का कार्यक्रम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। परिणाम भी आने लगे हैं। मोदी जी की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, खादों की उपलब्धता व सिंचाई सुविधाओं पर जोर देने के कार्यक्रम से खेती लाभकारी रही है। पर विपक्ष मुद्दा विहीन है, इसलिए कृत्रिम मुद्दे तैयार करता है और किसानों के आंदोलन का नाम देकर गैर कृषक तत्वों को जुटाकर डिजाइनर आंदोलन करवाता है। उन्होंने कहा किसान इन दलों को उत्तर देता है। कांग्रेस ने पिछले साल मध्यप्रदेश और दिल्ली में फाइवस्टार सुविधाओं का भोग कर रहे लोगों को जुटाकर किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा फैलायी थी और झूठ की खेती करनी चाही थी। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा सरकारों ने पहले तो चीनी मिल बेंच डाली तथा श्रीमान अखिलेश यादव बतायें कि जिनके साथ वह खडे थे उनसे स्वामीनाथन रिपोर्ट क्यों नही लागू करायें? मिल मालिकों से मिलकर गन्ना खरीद ठप कराकर और भुगतान दिलाने में विफल रहकर किसानों को बर्बाद किया। यह है इनका दोहरा चरित्र भाजपा की सरकारें जिन राज्यों में हैं, वहां जाकर किसानों की अच्छी स्थिति देखिए।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मोदी जी की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और सिंचाई योजना से किसान जितने चार साल में लाभान्वित हुए हैं, उतने इन दलों के 60 साल के शासन में नहीं हुए। इसके अतिरिक्त मोदी जी ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के सबसे महत्वपूर्ण बिंदु लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया। दशकों से किसान इस मांग को पूरा करने के लिए कह रहे थे, लेकिन यूपीए सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया था। दूसरी सबसे बड़ी सुविधा मोदी सरकार ने किसानों की उपज को बाजार दिलाने की पहल करके दी है। ईकृनाम पोर्टल के माध्यम से किसान देश के किसी बाजार में अपनी फसल ऊंचे दामों पर इस पोर्टल के माध्यम से बेच रहा है।
इसके अतिरिक्त मोदी सरकार ने ई-रकम पोर्टल शुरू करके किसानों को अपनी उपज आॅनलाइन बेचने की सुविधा उपलब्ध करायी है। एग्री उड़ान के माध्यम से कृषि में नवोन्मेष व उद्यमशीलता को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साथ ही देश में शीतगृहों की शृखंला तैयार की जा रही है। इसके अतिरिक्त किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनके लिए डेयरी प्रोत्साहन कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। किसानों की समृद्धि किस तरह बढ़ रही है, इसे भारत में पिछले चार सालों में अनाजों के उत्पादन में रिकार्ड वृद्धि को श्री अखिलेश यादव जी देख सकते है।

प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि अखिलेश यादव यदि देश के कृषि उत्पाद कें आंकडें देखें तो उन्हें स्पष्ट हो जायेगा। 2017-18 में चावल गेहूं उत्पादन ने पिछला सारा रिकार्ड तोड़ते हुए 99.70 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। इस अवधि में गन्ना उत्पादन रिकार्ड तोड़ते हुए 379.90 मीट्रिक टन पहुंच गयी। जबकि दालों के उत्पादन 9.07 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 25.23 मीट्रिक टन रही। यदि देश का किसान परेशान है तो अनाज का उत्पादन रिकार्ड कैसे टूट रहा है? यदि अनाज का उत्पादन बढ़ रहा है तो इसका सीधा अर्थ है किसान सुखी व समृद्ध हो रहा है। 2018-19 में अनुमान है कि भारत में अनाज उत्पादन 284.83 मिलियन टन के रिकार्ड को पार कर जाएगा।

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