काठमांडू : पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने गुरुवार को अंतरिम सरकार और जेन जी पीपल्स मूवमेंट के प्रतिनिधियों के बीच हुए 10 बिंदुओं वाले समझौते को ‘निरर्थक नाटक’ करार देते हुए कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास जेन जी समूहों के साथ इस तरह की वार्ता करने का कोई वैध अधिकार नहीं है।
संपादकों के साथ एक कार्यक्रम में ओली ने कहा कि यह समझौता व्यवहार में पहले ही खारिज हो चुका है। ऐसे दस्तावेज़ों को न मान्यता मिलनी चाहिए और न ही इन्हें स्वीकार किया जाना चाहिए। ओली का कहना था कि हम इस निरर्थक नाटक को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।
इस समझौते में 8–9 सितंबर के जेन जी प्रदर्शनों में मारे गए व्यक्तियों को ‘शहीद’ घोषित करने, उनके परिवारों को राहत देने, घायलों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने तथा ‘शहीद स्मारक फाउंडेशन’ स्थापित करने की व्यवस्था भी शामिल है। समझौते में मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच, राज्य संस्थानों पर दलगत प्रभाव कम करना, चुनाव में “नन ऑफ द अबव” विकल्प लागू करना, प्राइमरी चुनाव कराना और उम्मीदवार बनने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तय करने जैसे प्रावधान भी शामिल हैं। समझौते में सरकार को परामर्श देने के लिए जेन जी काउंसिल बनाने का प्रावधान भी है।
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