लखनऊ, 29 दिसम्बर (विद्या शंकर राय): साल 2025 उत्तर प्रदेश के लिए कई मायनों में अहम रहा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे ‘विकास का स्वर्णिम वर्ष’ करार दिया, जबकि आम लोगों के लिए यह साल उपलब्धियों के साथ चुनौतियों और संघर्षों का भी प्रतीक बनकर सामने आया। अर्थव्यवस्था से लेकर कानून-व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर शिक्षा-स्वास्थ्य तक सरकार ने कई मोर्चों पर बड़ी उपलब्धियों का दावा किया, वहीं कुछ घटनाओं और अधूरी योजनाओं ने सवाल भी खड़े किए। साल के आखिरी पड़ाव पर आइए जानते हैं, 2025 में उत्तर प्रदेश ने क्या पाया और किन मोर्चों पर अभी काम बाकी है।
अर्थव्यवस्था: रिकॉर्ड ग्रोथ का दावा
योगी सरकार ने 2025 में अर्थव्यवस्था के नई ऊंचाइयों को छूने का दावा किया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश की जीएसडीपी 27.51 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 32 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य तक पहुंची। खास बात यह रही कि यह उपलब्धि बिना किसी नए टैक्स के हासिल की गई। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के रूप में 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदेश में आए। सरकार का कहना है कि उत्तर प्रदेश अब देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर खड़ा है।
एथेनॉल उत्पादन में भी प्रदेश ने रिकॉर्ड बनाया। साल भर में 141.8 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) सेक्टर से दो करोड़ से अधिक नई नौकरियां सृजित होने का दावा किया गया। सरकार के अनुसार बेरोजगारी दर 19 फीसदी से घटकर 2.4 फीसदी रह गई, हालांकि विपक्ष इन आंकड़ों पर लगातार सवाल उठाता रहा।
बजट और इंफ्रास्ट्रक्चर: खर्च के नए कीर्तिमान
वर्ष 2025-26 में उत्तर प्रदेश का बजट 8 लाख करोड़ रुपये का रहा, जो राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है। इसमें 2.25 लाख करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए तय किए गए। छह नए एक्सप्रेसवे, दर्जनों फ्लाईओवर, हवाई अड्डों का विस्तार और ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाने का काम तेज हुआ। बिजली उत्पादन बढ़ने से प्रदेश के बिजली सरप्लस राज्य बनने का दावा भी किया गया।
कानून-व्यवस्था और पुलिस सुधार
योगी सरकार ने कानून-व्यवस्था को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। साल 2025 में 62 हजार सिपाहियों की भर्ती की गई। सरकार का दावा है कि प्रदेश में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से नीचे रही। माफिया, भू-माफिया और संगठित अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रही। महिलाओं की सुरक्षा के लिए नई योजनाएं लागू की गईं और पुलिस के आधुनिकीकरण पर जोर दिया गया।
शिक्षा और स्वास्थ्य: विस्तार का साल
इस साल शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए एक लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती पूरी की गई। इनमें 70 हजार प्राथमिक और 30 हजार से ज्यादा माध्यमिक शिक्षक शामिल हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में अमेठी, बुलंदशहर, ललितपुर, पीलीभीत और औरैया में पांच नए राजकीय मेडिकल कॉलेज शुरू हुए। इसके साथ ही प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 75 से अधिक हो गई। आयुष्मान भारत योजना के तहत छह करोड़ से ज्यादा गोल्डन कार्ड बनाए गए।
पर्यटन, आस्था और डिजिटल यूपी
महाकुंभ 2025 का आयोजन सरकार के लिए बड़ा इवेंट रहा। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पूरा होने का दावा किया गया, वहीं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर फेज-2 और मथुरा-वृंदावन कॉरिडोर पर काम तेज हुआ। बुंदेलखंड और पूर्वांचल में 12 नए पर्यटन सर्किट विकसित किए गए।
डिजिटल यूपी की दिशा में भी कदम बढ़े। स्टार्टअप यूपी देश में तीसरे स्थान पर पहुंचा और 25 हजार से अधिक नए स्टार्टअप रजिस्टर्ड हुए। डिजिलॉकर और ई-ऑफिस लागू होने से सरकारी कामकाज में कागजी प्रक्रिया 80 फीसदी तक घटी।
साल भर उठते रहे सवाल
उपलब्धियों के बीच 2025 में सरकार को कई विवादों और आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ में मौतों के बाद प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठे। गंगा एक्सप्रेसवे की रफ्तार सुस्त रहने से तय समय पर इसके पूरा होने को लेकर संदेह बना रहा। जहरीले कफ सिरप कांड ने दवा नियंत्रण व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया। कुछ एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी को लेकर निजता में दखल और दुरुपयोग के आरोप लगे। BLO और सरकारी कर्मचारियों पर मतदाताओं पर दबाव बनाने के गंभीर आरोप भी सामने आए।
2026 की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश
सरकार का दावा है कि 2026-27 तक उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ रहे हैं। लखनऊ समेत प्रदेश के बड़े शहरों को विश्वस्तरीय शहर बनाने की योजना पर काम जारी है। साल 2025 उत्तर प्रदेश के लिए उपलब्धियों और चुनौतियों—दोनों का साल रहा। विकास की रफ्तार ने नई उम्मीदें जगाईं, लेकिन कुछ घटनाओं ने यह भी याद दिलाया कि पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसरोकारों को और मजबूत करना अभी बाकी है। यही 2025 का सबसे बड़ा सबक भी है।
भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने कहा कि वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश सरकार के लिए स्वर्णिम अध्याय स्थापित करने वाला साल रहा। सरकार ने जिस तरह से प्रयागराज महाकुंभ के ज़रिये सनातन संस्कृति को पूरी दुनिया में पहुँचाने का काम किया। आने वाले साल में भी सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।
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