इस जगह मिला 700 साल पुराना गांव

वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में एक ऐसे गांव की खोज की है जो की लगभग 700 साल पुराना बतया जा रहा है. इस खोज में वैज्ञानिकों को खुदाई के दौरान माओरी गांव से कई उपकरण और खद्यान्न भी मिले हैं जिससे यहां रहने वालों की जीवनशैली के बारे में अधिक जानकारी मिलने की संभावना है.वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में एक ऐसे गांव की खोज की है जो की लगभग 700 साल पुराना बतया जा रहा है. इस खोज में वैज्ञानिकों को खुदाई के दौरान माओरी गांव से कई उपकरण और खद्यान्न भी मिले हैं जिससे यहां रहने वालों की जीवनशैली के बारे में अधिक जानकारी मिलने की संभावना है.     यहाँ 2.5 मीटर- गहरी खुदाई में मोआ चिड़िया की हड्डियां और अन्य खाद्यान्न सामान मिला है.  मोआ की हड्डियों से बने मछली पकड़ने वाले कांटे, फंसाने का कांटा और चकमक पत्थर और चर्ट के प्रस्तर उपकरण मिले हैं. बता दें कि यह स्थल नदी के पुराने डूब क्षेत्र के किनारे स्थित है. लावा कांच या चकमक का इस्तेमाल शुरुआत में माओरी में रहने वाले लोग कटाई उपकरण के रूप में करते थे.      वैज्ञानिकों ने बताया की अनुमान के मुताबिक बरामद की गयी सामग्रियों का इस्तेमाल 1300 के शुरूआती वर्षों में किया जाता था. आपको बता दें कि यह गांव न्यूजीलैंड में मिला है. न्यूजीलैंड में ओटागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रिचर्ड वाल्टर ने बताया कि यह खुदाई वैज्ञानिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है. रिचर्ड वाल्टर ने कहा इस खुदाई स्थल पर बहुत कुछ है, और इस पुराने गांव के मिलने से जानकारी की कमी पूरी होगी.वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में एक ऐसे गांव की खोज की है जो की लगभग 700 साल पुराना बतया जा रहा है. इस खोज में वैज्ञानिकों को खुदाई के दौरान माओरी गांव से कई उपकरण और खद्यान्न भी मिले हैं जिससे यहां रहने वालों की जीवनशैली के बारे में अधिक जानकारी मिलने की संभावना है.     यहाँ 2.5 मीटर- गहरी खुदाई में मोआ चिड़िया की हड्डियां और अन्य खाद्यान्न सामान मिला है.  मोआ की हड्डियों से बने मछली पकड़ने वाले कांटे, फंसाने का कांटा और चकमक पत्थर और चर्ट के प्रस्तर उपकरण मिले हैं. बता दें कि यह स्थल नदी के पुराने डूब क्षेत्र के किनारे स्थित है. लावा कांच या चकमक का इस्तेमाल शुरुआत में माओरी में रहने वाले लोग कटाई उपकरण के रूप में करते थे.      वैज्ञानिकों ने बताया की अनुमान के मुताबिक बरामद की गयी सामग्रियों का इस्तेमाल 1300 के शुरूआती वर्षों में किया जाता था. आपको बता दें कि यह गांव न्यूजीलैंड में मिला है. न्यूजीलैंड में ओटागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रिचर्ड वाल्टर ने बताया कि यह खुदाई वैज्ञानिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है. रिचर्ड वाल्टर ने कहा इस खुदाई स्थल पर बहुत कुछ है, और इस पुराने गांव के मिलने से जानकारी की कमी पूरी होगी.

यहाँ 2.5 मीटर- गहरी खुदाई में मोआ चिड़िया की हड्डियां और अन्य खाद्यान्न सामान मिला है.  मोआ की हड्डियों से बने मछली पकड़ने वाले कांटे, फंसाने का कांटा और चकमक पत्थर और चर्ट के प्रस्तर उपकरण मिले हैं. बता दें कि यह स्थल नदी के पुराने डूब क्षेत्र के किनारे स्थित है. लावा कांच या चकमक का इस्तेमाल शुरुआत में माओरी में रहने वाले लोग कटाई उपकरण के रूप में करते थे. 

वैज्ञानिकों ने बताया की अनुमान के मुताबिक बरामद की गयी सामग्रियों का इस्तेमाल 1300 के शुरूआती वर्षों में किया जाता था. आपको बता दें कि यह गांव न्यूजीलैंड में मिला है. न्यूजीलैंड में ओटागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रिचर्ड वाल्टर ने बताया कि यह खुदाई वैज्ञानिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है. रिचर्ड वाल्टर ने कहा इस खुदाई स्थल पर बहुत कुछ है, और इस पुराने गांव के मिलने से जानकारी की कमी पूरी होगी.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com