मलेशिया के अनुभवी नेता 92 वर्षीय महातिर मोहम्मद ने गुरुवार को ऐतिहासिक चुनावी जीत हासिल की. इस जीत के साथ ही वो दुनिया में सबसे बुजुर्ग प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता बन गए हैं. महातिर ने देश की 222 संसदीय सीटों में से 113 पर जीत हासिल की है. बता दें कि महातिर 22 सालों तक सत्ता में थे और साल 2003 में उनकी सरकार हार गई थी. मलेशिया में बहुमत के लिए किसी दल को 112 सीटों की आवश्यकता होती है. ऐतिहासिक जीत के बाद महातिर ने कहा कि वो गुरुवार को शपथ ले सकते हैं.
विपक्ष की जीत का मतलब मलेशिया में राजनीतिक भूकंप की तरह है जहां दशकों से एक ही गठबंधन सत्ता पर काबिज है. वहीं इस चुनाव में बैरिसन नेशनल की हार के बाद प्रधानमंत्री नजीब रजाक की परेशानियों की शुरुआत हो सकती है. महातिर ने कहा है कि वो नजीब पर लगे आरोपों पर जांच करा कर उन्हें सजा दिलाएंगे. नजीब पर संप्रभु धन निधि 1 एमडीबी योजना से करोड़ो लूटने का आरोप है. लेकिन अपनी जीत के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महातिर ने कहा, “हम बदला नहीं ले रहे हैं. हम कानून के शासन को बहाल करना चाहते हैं.”
विपक्ष की जीत विशेष मानी जा रही है क्योंकि आलोचकों ने कहा था कि नजीब सत्ता में आने के लिए जो कुछ भी कर सकते थे, उन्होंने उसकी कोशिश की थी. बैरिसन नेशनल 1957 में मलेशिया को ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से ही सत्ता में है. बता दें कि महातिर को पर तानाशाह होने का आरोप है और उनके शासनकाल में विरोधियों को जेल में डाल दिया जाता था. इस चुनाव में विपक्षी गठबंधन ने स्कैंडल से घिरे प्रधानमंत्री नजीब के खिलाफ चुनावी लड़ाई में अब तक के परिणामों में मजबूत बढ़त बना ली है.
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