पाकिस्तान अपनी बिगड़ती हुई आर्थिक स्थिति के चलते लगातार कर्जे के बोझ तले दबता जा रहा है। अभी हाल ही में एक खबर आई है जिसमें सवाल उठाया गया है कि चीन के बेशुमार कर्ज तले दबा पाकिस्तान क्या इससे उबर पाएगा? शायद नहीं। पाकिस्तान कर्ज तो कई देशों और संगठनों से ले चुका है, लेकिन इस कर्ज को वह कैसे वापस करेगा, उसके पास इसके उपाय नहीं हैं। ऐसे में पाकिस्तान की हालत दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है और वह कई देशों और संगठनों के कर्ज में डूबता जा रहा है।
एक पाकिस्तानी अखबार में छपी खबर के अनुसार पिछले हफ्ते पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा कम होकर 9.66 अरब डॉलर हो गई, जो कि मई 2017 में 16.4 अरब डॉलर थी। हालांकि 2017 के मुकाबले देखें तो अप्रैल 2016 तक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 18.1 अरब डॉलर था। इस कर्ज के साथ ही चीन से पाकिस्तान इस वित्तीय वर्ष में पांच अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज ले चुका है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि इस वित्त वर्ष के पहले 10 महीने में चीन पाकिस्तान को 1.5 अरब डॉलर कर्ज दे चुका है। इसी वक्त पाकिस्तान ने कई अन्य व्यावसायिक बैंकों से 2.9 अरब डॉलर के कर्ज लिए हैं और इनमें से ज्यादातर बैंक चीन के हैं।
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