कांग्रेस और एनसीपी भविष्य में साथ आएंगे: सुशील कुमार शिंदे

सियासत में वक्त कब किस करवट बैठे, कोई नहीं जानता. कहावत तो यह भी है राजनीति में कोई स्थाई दुश्मन या दोस्त नहीं होता. महाराष्ट्र में इसकी झलक खूब दिखती है. ढाई दशक की शिवसेना-बीजेपी की दोस्ती 2014 के विधानसभा चुनाव में टूट गई. फिर चुनाव बाद गठबंधन हो गया. 2019 में साथ लड़े. कांग्रेस और एनसीपी के सियासी संबंधों को लेकर सुशील कुमार शिंदे ने बड़ा इशारा किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी भविष्य में साथ आएंगे. शिंदे ने बड़े ही दार्शनिक अंदाज में कहा कि एनसीपी मुखिया शरद पवार और वे एक ही पेड़ के नीचे बड़े हुए हैं.

शिंदे ने कहा कि भले ही कांग्रेस और एनसीपी दो अलग-अलग पार्टियां हैं लेकिन भविष्य में हम एक-दूसरे के करीब आएंगे क्योंकि अब वे भी थक गए हैं और हम भी थक गए हैं. हालांकि शरद पवार ने इस पर कुछ भी नहीं कहा. कभी दिल्ली के सियासी गलियारे में तत्कालीन सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच शरद पवार हरदिल अज़ीज और चाणक्य के रूप में जाने जाते रहे हैं. महाराष्ट्र की राजनीति हो या केंद्र की राजनीति एक नाम जो बड़े नेताओं में गिना जाता रहा है वह शरद पवार हैं. तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे शरद पवार उम्र के उस पड़ाव पर है जब अक्सर सियासत से संन्यास की चर्चा जोर पकड़ती रहती है. सियासत में हर दिल छवि का अंदाजा आप कुछ इस तरह लगा लीजिए कि कभी शरद पवार नरेंद्र मोदी के लिए लंच होस्ट कर चुके हैं तो राहुल गांधी, ममता बनर्जी और मायावती के लिए डिनर भी. सत्ता के गलियारे में बताया जाता है कि शरद पवार ही एक ऐसे नेता हैं जिनके संबंध सभी दलों से अच्छे ही रहे हैं.

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