यमुनोत्री में बादल फटा, पांच दुकानें और धर्मशाला बही

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बारिश आफत लेकर आ रही है। यमुनोत्री धाम में बादल फटने से यमुना नदी उफान पर आ गई। इस दौरान पांच दुकानें, एक धर्मशाला के साथ ही यमुनोत्री मंदिर को जोड़ने वाला पुल बह गया। मौसम विभाग ने अभी उत्तराखंड में और तेज बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, भूस्खलन से चलते चारधाम यात्रा मार्ग विभिन्न स्थानों पर बंद हैं। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बारिश आफत लेकर आ रही है। यमुनोत्री धाम में बादल फटने से यमुना नदी उफान पर आ गई। इस दौरान पांच दुकानें, एक धर्मशाला के साथ ही यमुनोत्री मंदिर को जोड़ने वाला पुल बह गया। मौसम विभाग ने अभी उत्तराखंड में और तेज बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, भूस्खलन से चलते चारधाम यात्रा मार्ग विभिन्न स्थानों पर बंद हैं।    घटना आधी रात के बाद करीब ढाई बजे की है। तेज बारिश के साथ ही बादल फटने से यमुनोत्री धाम के निकट पांच दुकानें यमुना के उफान में बह गईं। वहीं, काली कमली धर्मशाला का एक हिस्सा भी बह गया। हालांकि मंदिर परिसर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।     इस दौरान व्यापारियों के साथ ही यमुनोत्री में रुके लोगों ने सुरक्षित स्थान पर भागकर जान बचाई। इससे जनहानी की कोई सूचना नहीं है। वहीं, मंदिर को जाने वाली अस्थायी पुलिया भी बह गई। एसडीआरएफ की टीम जानकी चट्टी से यमुनोत्री पहुंच गई। वहीं, भूस्खलन से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग थिरांग के पास नौ घंटे तक बंद रहा। जबकि यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास भूस्खलन होने से सात घंटे बंद रहा।    चमोली में आधी रात को बादल फटा, घर छोड़कर भागे लोग यह भी पढ़ें यमुनोत्री धाम में सोमवार की रात को 11 यात्री सहित 40 तीर्थ पुरोहित, दुकानदार, साधु संत व कर्मचारी थे। 11 यात्रियों को एसडीआरएफ की टीम जानकी चट्टी पहुंचा रही है। वहीं, मनेरी के सिलकुरा में भूस्खलन का मलबा आने से नारायण होटल की कैंटीन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।      दून में बादल फटा, नदियां उफनाई; सात की मौत यह भी पढ़ें पर्वतीय क्षेत्र में केदारघाटी में भी रात्रि करीब ढाई बजे से मूसलाधार बारिश हो रही है। रुद्रप्रयाग गौरीकुंड मार्ग फाटा, बांसवाड़ा व डोलिया देवी मंदिर के पास भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया। कई स्थानों में सड़क पर पत्थर गिर रहे हैं। वहीं, पौड़ी जिले में 11 ग्रामीण संपर्क मार्ग बंद हैं।      उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट; यमुनोत्री हाईवे बंद यह भी पढ़ें चमोली जिले में मध्य रात्रि से चल रही बारिश सुबह सात बजे थमी। बदरीनाथ हाइवे लामबगड़, रडांग बैंड, हनुमानचट्टी में भूस्खलन से बंद है। वहीं, हेमकुंड यात्रा सुचारु है। कर्णप्रयाग और नंदप्रयाग के बीच 66 केवी की विद्युत लाइन का एक तार टूटने से गोपेश्वर जोशीमठ और घाट क्षेत्र में रात से विद्युत आपूर्ति ठप है। वहीं, भूस्खलन से चमोली जिले के रोली गांव मे दो और गौचर में एक गोशाला को क्षति पहुंची है।  थल-मुनस्यारी और जौलजीवी-मुनस्यारी मार्ग बंद    उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी, भूस्खलन से बंद यमुनोत्री हाईवे खुला; मकान ध्वस्त यह भी पढ़ें   पिथौरागढ़ में भारी बारिश के दौरान भूस्खलन से थल-मुनस्यारी और जौलजीवी मुनस्यारी मार्ग बंद हो गए। गोरी नदी फिर ऊफान पर आ गई। छोरीबगड़ में तटबंद से बाहर नदी बह रही है। मदकोट और मुनस्यारी के मध्य दरकोट के पास भारी मलबा आने से सड़क बंद है। दरकोट बैंड के पास पत्थर गिरने से एक पिकअप वाहन छतिग्रस्त हो गया। इसमे बैठे एक व्यक्ति को भी चोट आई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।   छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी  मौसम के मिजाज फिलहाल नरम पड़ने के आसार नहीं हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आगामी 24 घंटे में पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।

घटना आधी रात के बाद करीब ढाई बजे की है। तेज बारिश के साथ ही बादल फटने से यमुनोत्री धाम के निकट पांच दुकानें यमुना के उफान में बह गईं। वहीं, काली कमली धर्मशाला का एक हिस्सा भी बह गया। हालांकि मंदिर परिसर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। 

इस दौरान व्यापारियों के साथ ही यमुनोत्री में रुके लोगों ने सुरक्षित स्थान पर भागकर जान बचाई। इससे जनहानी की कोई सूचना नहीं है। वहीं, मंदिर को जाने वाली अस्थायी पुलिया भी बह गई। एसडीआरएफ की टीम जानकी चट्टी से यमुनोत्री पहुंच गई। वहीं, भूस्खलन से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग थिरांग के पास नौ घंटे तक बंद रहा। जबकि यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास भूस्खलन होने से सात घंटे बंद रहा। 

यमुनोत्री धाम में सोमवार की रात को 11 यात्री सहित 40 तीर्थ पुरोहित, दुकानदार, साधु संत व कर्मचारी थे। 11 यात्रियों को एसडीआरएफ की टीम जानकी चट्टी पहुंचा रही है। वहीं, मनेरी के सिलकुरा में भूस्खलन का मलबा आने से नारायण होटल की कैंटीन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। 

पर्वतीय क्षेत्र में केदारघाटी में भी रात्रि करीब ढाई बजे से मूसलाधार बारिश हो रही है। रुद्रप्रयाग गौरीकुंड मार्ग फाटा, बांसवाड़ा व डोलिया देवी मंदिर के पास भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया। कई स्थानों में सड़क पर पत्थर गिर रहे हैं। वहीं, पौड़ी जिले में 11 ग्रामीण संपर्क मार्ग बंद हैं। 

चमोली जिले में मध्य रात्रि से चल रही बारिश सुबह सात बजे थमी। बदरीनाथ हाइवे लामबगड़, रडांग बैंड, हनुमानचट्टी में भूस्खलन से बंद है। वहीं, हेमकुंड यात्रा सुचारु है। कर्णप्रयाग और नंदप्रयाग के बीच 66 केवी की विद्युत लाइन का एक तार टूटने से गोपेश्वर जोशीमठ और घाट क्षेत्र में रात से विद्युत आपूर्ति ठप है। वहीं, भूस्खलन से चमोली जिले के रोली गांव मे दो और गौचर में एक गोशाला को क्षति पहुंची है।

थल-मुनस्यारी और जौलजीवी-मुनस्यारी मार्ग बंद 

पिथौरागढ़ में भारी बारिश के दौरान भूस्खलन से थल-मुनस्यारी और जौलजीवी मुनस्यारी मार्ग बंद हो गए। गोरी नदी फिर ऊफान पर आ गई। छोरीबगड़ में तटबंद से बाहर नदी बह रही है। मदकोट और मुनस्यारी के मध्य दरकोट के पास भारी मलबा आने से सड़क बंद है। दरकोट बैंड के पास पत्थर गिरने से एक पिकअप वाहन छतिग्रस्त हो गया। इसमे बैठे एक व्यक्ति को भी चोट आई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

मौसम के मिजाज फिलहाल नरम पड़ने के आसार नहीं हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आगामी 24 घंटे में पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।

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