RSS नेता इंद्रेश कुमार बोले, बीफ खाना बंद होगा तो भीड़ की हिंसा रुक जाएगी

मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं और चिंता के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा है कि अगर लोग बीफ खाना बंद कर दें तो इस तरह की घटनाएं स्‍वत: बंद हो जाएंगी। अलवर में गोतस्करी के आरोप में हुई रकबर खान की हत्या पर पूछे गए सवाल के जवाब संघ नेता ने उक्‍त बाते कहीं।इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा कि मॉब लिंचिंग की वारदात का कतई स्वागत नहीं किया जा सकता है। यह निंदनीय है। लेकिन अगर लोग गाय का मीट खाना बंद कर दें तो ऐसे अपराध रुक जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि विश्‍व में ऐसा कोई भी मजहब नहीं है, जो गोहत्या की इजाजत देता हो। इंद्रेश ने दावा किया कि इस्लाम से लेकर ईसाई धर्म के अंदर गोहत्या की कोई जगह नहीं है।  इंद्रेश कुमार के अलावा भाजपा नेता विनय कटियार ने भी विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम गाय को छूने से पहले कई बार सोचें। यह इस देश के करोड़ों लोगों की भावना का प्रश्न है। अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 20 जुलाई की देर रात कुछ लोगों ने गोतस्करी के शक में रकबर खान की पिटाई कर दी थी। इसके बाद पुलिस रकबर को थाने ले गई थी।   भीड़ की हिंसा पर अंकुश के लिए सरकार कर सकती है आइपीसी में बदलाव यह भी पढ़ें बता दें कि हाल ही में लिंचिंग मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने साफ कहा है कि कोई भी शख्स कानून को किसी भी तरह से हाथ में नहीं ले सकता। कानून व्यवस्था को बहाल रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और प्रत्येक राज्य सरकार को ये जिम्मेदारी निभानी होगी। गोरक्षा के नाम पर भीड़ हिंसा गंभीर अपराध है।  आखिर क्‍या है SC की गाइडलाइंस   'मॉब लिंचिंग' पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- संविधान की रक्षा करें राज्‍य सरकारें, संसद बनाए अलग कानून यह भी पढ़ें - कोई भी अपने आप में कानून नहीं हो सकता है। देश में भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती है।  - राज्य सरकारे संविधान के मुताबिक काम करें। साथ ही राज्य सरकारों को लिंचिंग रोकने से संबंधित गाइडलाइंस को चार हफ्ते में लागू करने का आदेश दिया है।   मॉब लिंचिंग पर मोदी सरकार का बड़ा कदम, बनाई उच्च स्तरीय समिति यह भी पढ़ें - इसे रोकने के लिए विधायिका कानून बनाए। ये राज्य सरकारों का दायित्व है कि वह इस तरह से हो रही भीड़ की हिंसा को रोकें।  - ये सिर्फ कानून व्यवस्था का सवाल नहीं है, बल्कि गोरक्षा के नाम पर भीड़ की हिंसा क्राइम है। अदालत इस बात को स्वीकार नहीं कर सकती कि कोई भी कानून को अपने हाथ में ले।   गौ-तस्‍करी के नाम पर आखिर कब तक यूं ही ली जाती रहेगी लोगों की जान यह भी पढ़ें क्या है अलवर मामला  बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव में गो तस्करी के आरोप में कुछ कथित गोरक्षकों ने रकबर खान नामक एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था। इसके अलावा मॉब लिंचिंग में रकबर खान की मौत के मामले में राज्य पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचाने की जगह बरामद गायों को पहले गौशाला पहुंचाने को तरजीह दी। इसकी वजह से रकबर को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे की देरी हुई और उसकी मौत हो गई। गौरतलब है कि रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव में गो तस्करी के आरोप में कुछ कथित गोरक्षकों ने रकबर खान नामक एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था।

इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा कि मॉब लिंचिंग की वारदात का कतई स्वागत नहीं किया जा सकता है। यह निंदनीय है। लेकिन अगर लोग गाय का मीट खाना बंद कर दें तो ऐसे अपराध रुक जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि विश्‍व में ऐसा कोई भी मजहब नहीं है, जो गोहत्या की इजाजत देता हो। इंद्रेश ने दावा किया कि इस्लाम से लेकर ईसाई धर्म के अंदर गोहत्या की कोई जगह नहीं है।

इंद्रेश कुमार के अलावा भाजपा नेता विनय कटियार ने भी विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम गाय को छूने से पहले कई बार सोचें। यह इस देश के करोड़ों लोगों की भावना का प्रश्न है। अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 20 जुलाई की देर रात कुछ लोगों ने गोतस्करी के शक में रकबर खान की पिटाई कर दी थी। इसके बाद पुलिस रकबर को थाने ले गई थी।

बता दें कि हाल ही में लिंचिंग मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने साफ कहा है कि कोई भी शख्स कानून को किसी भी तरह से हाथ में नहीं ले सकता। कानून व्यवस्था को बहाल रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और प्रत्येक राज्य सरकार को ये जिम्मेदारी निभानी होगी। गोरक्षा के नाम पर भीड़ हिंसा गंभीर अपराध है।

आखिर क्‍या है SC की गाइडलाइंस

– कोई भी अपने आप में कानून नहीं हो सकता है। देश में भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

– राज्य सरकारे संविधान के मुताबिक काम करें। साथ ही राज्य सरकारों को लिंचिंग रोकने से संबंधित गाइडलाइंस को चार हफ्ते में लागू करने का आदेश दिया है।

– इसे रोकने के लिए विधायिका कानून बनाए। ये राज्य सरकारों का दायित्व है कि वह इस तरह से हो रही भीड़ की हिंसा को रोकें।

– ये सिर्फ कानून व्यवस्था का सवाल नहीं है, बल्कि गोरक्षा के नाम पर भीड़ की हिंसा क्राइम है। अदालत इस बात को स्वीकार नहीं कर सकती कि कोई भी कानून को अपने हाथ में ले।

क्या है अलवर मामला

बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव में गो तस्करी के आरोप में कुछ कथित गोरक्षकों ने रकबर खान नामक एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था। इसके अलावा मॉब लिंचिंग में रकबर खान की मौत के मामले में राज्य पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचाने की जगह बरामद गायों को पहले गौशाला पहुंचाने को तरजीह दी। इसकी वजह से रकबर को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे की देरी हुई और उसकी मौत हो गई। गौरतलब है कि रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव में गो तस्करी के आरोप में कुछ कथित गोरक्षकों ने रकबर खान नामक एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com