राजधानी हुई पानी-पानी, दस साल का रिकॉर्ड टूटा

देश की राजधानी दिल्ली मे पिछले कुछ दिनो से चल रही  बाढ़ का कहर अब और ज्यादा बढ़ गया है। इसका मुख्य कारण दिल्ली के बाहरी इलाको मे पहाड़ों पर पिछले 10 दिन से बारिश होना बताया जा रहा है। जिससे गंगा और यमुना नदी का जलस्तर और बढ़ गया है। आपको बता दे कि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से दिल्ली में यमुना नदी पहले से ही उफान पर है। बीते रविवार ही हथिनी कुंड बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस वजह से यमुना मे अचानक बाढ़ आ गयी थी।देश की राजधानी दिल्ली मे पिछले कुछ दिनो से चल रही  बाढ़ का कहर अब और ज्यादा बढ़ गया है। इसका मुख्य कारण दिल्ली के बाहरी इलाको मे पहाड़ों पर पिछले 10 दिन से बारिश होना बताया जा रहा है। जिससे गंगा और यमुना नदी का जलस्तर और बढ़ गया है। आपको बता दे कि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से दिल्ली में यमुना नदी पहले से ही उफान पर है। बीते रविवार ही हथिनी कुंड बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस वजह से यमुना मे अचानक बाढ़ आ गयी थी।     लेकिन पिछले कुछ दिनो से लगातार हो रही भरी बारिश ने दिल्ली वासियों की मुश्किलें और भी बढ़ गयी है। इस वजह से यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड से बढ़कर 206 मीटर पर पहुँच गया है। यमुना का ये जलस्तर पिछले दस सालो का सबसे ज्यादा है। यमुना मे  ऐसी बाढ़ इससे पहले 2008 मे आई थी तब भी यमुना का जलस्तर 206 मीटर पर पहुँच गया था। आपको बता दे कि यमुना मे अब तक की सबसे बड़ी बाढ़ 1978 मे आई थी, तब यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर पर पहुँच गया था।   आपको बता दे कि शनिवार को हथिनी कुंड बैराज से छह लाख क्यूसेक और रविवार को दो लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया था। इससे राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। प्रशासन ने करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाया है। दिल्ली सरकार का दावा है कि इन लोगों के लिए अलग-अलग जगह एक हजार से ज्यादा टेंटों की व्यवस्था की गई है।

लेकिन पिछले कुछ दिनो से लगातार हो रही भरी बारिश ने दिल्ली वासियों की मुश्किलें और भी बढ़ गयी है। इस वजह से यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड से बढ़कर 206 मीटर पर पहुँच गया है। यमुना का ये जलस्तर पिछले दस सालो का सबसे ज्यादा है। यमुना मे  ऐसी बाढ़ इससे पहले 2008 मे आई थी तब भी यमुना का जलस्तर 206 मीटर पर पहुँच गया था। आपको बता दे कि यमुना मे अब तक की सबसे बड़ी बाढ़ 1978 मे आई थी, तब यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर पर पहुँच गया था।

आपको बता दे कि शनिवार को हथिनी कुंड बैराज से छह लाख क्यूसेक और रविवार को दो लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया था। इससे राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। प्रशासन ने करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाया है। दिल्ली सरकार का दावा है कि इन लोगों के लिए अलग-अलग जगह एक हजार से ज्यादा टेंटों की व्यवस्था की गई है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com