लखनऊ। विधानसभा चुनाव के दौरान हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये गए और संगठन से भी निकाले गए सुनील सिंह व कुछ अन्य लोगों द्वारा रविवार शाम वीवीआइपी गेस्ट हाउस में बैठक कर खुद को स्वयंभू अध्यक्ष घोषित करने को शासन ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी के संरक्षक हैं। शासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए वीवीआइपी गेस्ट हाउस के व्यवस्थाधिकारी आरपी सिंह को निलंबित कर दिया है।
सुनील सिंह कभी योगी के बेहद करीबी हुआ करते थे। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों और कुछ मनमुटाव के चलते योगी ने उनको संगठन से निष्कासित कर दिया था। रविवार को सुनील सिंह अपने सहयोगियों के साथ वीवीआइपी गेस्ट हाउस पहुंचे और वहां बैठक कर खुद को हिंदू युवा वाहिनी का स्वयंभू अध्यक्ष घोषित किया। सुनील सिंह के मुताबिक उनके संगठन का नाम हिंदू युवा वाहिनी भारत है।
बैठक में ज्यादातर वे लोग शामिल थे जो कभी योगी के सांसद रहते हुए उनके साथ थे, पर विधानसभा चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण हिंदू युवा वाहिनी से निकाल दिये गए थे। सुनील सिंह के अनुसार शीघ्र ही वह देश और प्रदेश में संगठन का विस्तार करेंगे। पहले की तरह राम मंदिर और हिंदू हितों के लिए काम करते रहेंगे।
यह खबर फैलते ही शासन हरकत में आया और तेजी से कार्रवाई करते हुए वीवीआइपी गेस्ट हाउस के व्यवस्थाधिकारी को निलंबित कर दिया गया। राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला ने बताया कि वीवीआइपी गेस्ट हाउस सिर्फ सांसदों और उन लोगों को मिलता है जिनको सरकार की ओर से राज्य अतिथि का दर्जा प्राप्त होता है। ऐसे में सुनील सिंह को यह कैसे मिला? यह खुद में एक सवाल है। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाधिकारी से गलती हुई है जिसके कारण उसके खिलाफ कार्रवाई हुई है।
‘सपा के इशारे पर काम कर रहे सुनील
हियुवा के प्रदेश महामंत्री पीके मल्ल ने कहा कि सुनील सिंह सपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में इसी वजह से निकाले भी गए थे। अब भी वह जो कर रहे हैं सपा के इशारे पर ही कर रहे हैं। ऐसे लोगों का संगठन से कोई रिश्ता नहीं है।
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