फिर चला योगी का चाबुक, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई

मिर्जापुर के असिस्टेंट कमिश्नर, वाणिज्य कर को किया निलंबित

लखनऊ : शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बैठक में ही वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट कह दिया था कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी। भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने का संदेश देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लगातार चाबुक चला रही है। ऐसे ही एक मामले में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी का हंटर फिर चला, जिसमें मिर्जापुर के असिस्टेंट कमिश्नर, वाणिज्य कर को निलंबित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की। ट्वीट में बताया गया कि वर्तमान के असिस्टेंट कमिश्नर, वाणिज्य कर पर कानपुर में तैनाती के दौरान व्यापारी को धमकाने व वसूली करने का आरोप था। जिस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उक्त अधिकारी को निलंबित कर दिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी गंगा यात्रा के तीसरे दिन आज मिर्जापुर में थे, जहां उन्होंने विंध्य कॉरिडोर को लेकर समीक्षा बैठक भी की थी। इस लिहाज से यह कार्रवाई काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

बदायूं में स्टाम्प मैनुअल अनुपालन व बीमा कंपनी पर कार्रवाई

अभी इसी माह की 20 तारीख को मुख्यमंत्री ने बदायूं कोषागार में स्टाम्प मैनुअल का अनुपालन न करने एवं कार्य में शिथिलता के आरोप में 13 अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए था। इसके साथ ही इसी दिन मुख्यमंत्री सर्वहित किसान बीमा योजना का क्लेम देने में बीमा कंपनी की शिकायत को मुख्यमंत्री योगी ने गंभीरता से लेते हुए बीमा कंपनी के विरुद्ध जांच के आदेश दिया था। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने नोएडा में होमगार्ड मानदेय घोटाले में अलीगढ़ के मंडलीय कमांडेंट राम नारायण चौरसिया और मेरठ के मंडलीय कमांडेंट धर्मदेव मौर्य को निलंबित कर दिया था। गौरतलब हो कि भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रुख अपनाने वाले मुख्यमंत्री योगी अब तक प्रदेश के 600 से ज्यादा अयोग्य, अक्षम, बेईमान और भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर जबरन रिटायरमेंट और निलंबन की कार्रवाई कर चुके हैं।

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