उत्तराखंड

अराजक तत्वों ने तोड़ी आंबेडकर की प्रतिमा, गांव में पुलिस तैनात

भगवानपुर के खुब्बनपुर गांव में अराजक तत्वों ने डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। सूचना पर गांव में पुलिस पहुंच गई। घटना बीती रात हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र के खुब्बनपुर गांव की है। अराजक तत्‍वों ने गांव में लगी डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। सुबह जब घटना का पता चला तो दलित समाज के लोगों ने रोष जातया। वहीं, सूचना पर पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। खबर मिलते ही भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने इस घृणित कार्य को करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। मौके पर थाना गंग नहर, थाना झबरेडा, थाना कलियर समेत अन्य जगहों का पुलिस बल मौजूद है

भगवानपुर के खुब्बनपुर गांव में अराजक तत्वों ने डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। सूचना पर गांव में पुलिस पहुंच गई। घटना बीती रात हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र के खुब्बनपुर गांव की है। अराजक तत्‍वों ने …

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टिहरी में भूस्खलन से दो मकान ध्वस्त, छह की मौत; एक लापता

लगातार बारिश से नदी-नालों का उफान और भूस्खलन जानलेवा साबित हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक नुकसान का दौर जारी है। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में दो मकान भूस्खलन के मलबे की चपेट में आकर जमींदोज हो गए। इसमें आठ लोग दब गए। अभी तक छह शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को जिंदा निकाल लिया गया। चमोली जिले में पिंडर नदी के कटाव से हो रहे भूस्खलन के कारण पांच दुकानें जमींदोज हो गईं। टिहरी जनपद के भिलंगना के दूरस्थ गांव कोट बिशन में तड़के करीब चार बजे भारी बारिश से दो मकान ध्वस्त हो गए। सूचना पर एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम गांव में रेस्क्यू को पहुंच गई। स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही एसडीआरएफ, प्रशासन की टीम मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी रही। एसडीएम पीआर चौहान के अनुसार अभी तक छह शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को मलबे से जिंदा निकाल लिया गया। अभी एक महिला लापता हैं। दूरुस्थ क्षेत्र होने के कारण वहां संपर्क नही हो पा रहा है। उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी, भूस्खलन से बंद यमुनोत्री हाईवे खुला; मकान ध्वस्त यह भी पढ़ें मृतकों के नाम 1-मोर सिंह (32वर्ष) उत्तराखंड में आफत की बारिश, नदी-नालों में उफान; दो लोगों की मौत यह भी पढ़ें 2आशीष पुत्र मोर सिंह 3-अतुल पुत्र हुकम सिंह उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट; यमुनोत्री हाईवे बंद यह भी पढ़ें 4- हंसा देवी (27 वर्ष) 5-संजू देवी (24 )पत्नी हुकम सिंह बारिश से मकान ध्वस्त, सड़कें बंद; अगले 24 घंटे होगी भारी बारिश यह भी पढ़ें 6-स्वाति पुत्री राकेश सिंह घायल कुमारी बबली (14 वर्ष) पुत्री मोर सिंह लापता का नाम 1-लक्ष्मी देवी धर्मपत्नी राकेश प्रदेश में मौसम का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। समूचे उत्तराखंड में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों पर आना-जाना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश में 150 से ज्यादा संपर्क मार्गों पर आवागमन बाधित है। भूस्खलन का सर्वाधिक प्रभाव पौड़ी जिले में है। यहां 80 सड़कें बाधित हैं। बदरीनाथ के पास लामबगड़ में हाईवे सातवें दिन भी नहीं खुल पाया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवान मलबा हटाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन लगातार दरक रही पहाड़ी के कारण मार्ग खोलना चुनौती बन गया है। भूस्खलन प्रभावित इस भाग को यात्री पैदल ही वैकल्पिक मार्ग से पार कर रहे हैं। इसके अलावा चमोली जिले के नारायणबगड़ में पिंडर नदी का कटाव कस्बे पर भारी पड़ा। पिंडर के किनारे पांच दुकानें भरभरा कर ढह गईं। शुक्र यह रहा कि उस वक्त दुकानों में कोई नहीं था। दूसरी ओर हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तटबंध क्षतिग्रस्त होने से गंगा का पानी खेतों में जा घुसा, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे हेल्गुगाड के पास मलबा आने से बंद हो गया। वहीं, यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट में अभी भी बंद है। दूसरी ओर कुमाऊं में मौसम का मिजाज सोमवार रात से गड़बड़ाया हुआ है। पिथौरागढ़ में मुनस्यारी के थापा गांव में भारी बारिश से भू-स्खलन हो गया। दो मकान धराशायी हो गए, जिसमें एक बाइक दब गई। सात परिवारों को रात में ही प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया। नैनीताल जिले में बीती रात हुई तेज बारिश से मल्लीताल में सनवाल पब्लिक स्कूल के पीछे भूस्खलन हो गया और खेल मैदान का मलबा टिन से बने कक्षा कक्ष में जा घुसा। मलबा पूरी क्लास में जमा हुआ है। गनीमत रही कि घटना रात को हुई। स्कूल प्रबंधन ने खतरे को देखते हुए आज अवकाश घोषित कर दिया है। उधर बारिश से जिले में एक स्टेट हाइवे समेत दस ग्रामीण मार्ग बंद हैं। इसमें भोर्सा-पिनरौ, देवीपुरा-सौंड़, काठगोदाम- हैड़ाखान, गर्जिया-बेतालघाट, ओखलाढुंगा-तल्लीसेठी, रानीकोटा-गोतिया, पशयां, तपुआ-बबियाड़, हरीनगर-चंदादेवी आदि शामिल हैं। भीमताल मार्ग पर तीन जगह दरारें, धंसने का खतरा नैनीताल की लोअर मालरोड़ की तरह भीमताल हल्द्वानी मोटर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा झील में समा सकता है। भीमताल और आसपास के क्षेत्र में भारी बरसात के चलते मल्लीताल के बाईपास डायवर्जन से तल्लीताल पंत पार्क तक तीन स्थानों पर दरारें दिख रही हैं। ये मार्ग तीन स्थानों पर धंसा हुआ है। हल्द्वानी-भीमताल मार्ग का लगभग डेढ़ किमी हिस्सा झील की दीवार पर टिका है। इस दीवार की मरम्मत न होने से जगह-जगह पत्थर आदि निकल आए हैं। ऐसे में दीवार के क्षतिग्रस्त होते ही सड़क के झील में विलीन होने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। इस मार्ग पर सुबह से रात तक कई सौ वाहन रोज गुजरते हैं। इससे इस मार्ग पर लोड भी अधिक है। इस बाबत लोक निर्माण विभाग सिंचाई विभाग को झील की दीवार की मरम्मत के लिए पत्र लिख चुका है।लगातार बारिश से नदी-नालों का उफान और भूस्खलन जानलेवा साबित हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक नुकसान का दौर जारी है। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में दो मकान भूस्खलन के मलबे की चपेट में आकर जमींदोज हो गए। इसमें आठ लोग दब गए। अभी तक छह शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को जिंदा निकाल लिया गया। चमोली जिले में पिंडर नदी के कटाव से हो रहे भूस्खलन के कारण पांच दुकानें जमींदोज हो गईं। टिहरी जनपद के भिलंगना के दूरस्थ गांव कोट बिशन में तड़के करीब चार बजे भारी बारिश से दो मकान ध्वस्त हो गए। सूचना पर एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम गांव में रेस्क्यू को पहुंच गई। स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही एसडीआरएफ, प्रशासन की टीम मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी रही। एसडीएम पीआर चौहान के अनुसार अभी तक छह शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को मलबे से जिंदा निकाल लिया गया। अभी एक महिला लापता हैं। दूरुस्थ क्षेत्र होने के कारण वहां संपर्क नही हो पा रहा है। उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी, भूस्खलन से बंद यमुनोत्री हाईवे खुला; मकान ध्वस्त यह भी पढ़ें मृतकों के नाम 1-मोर सिंह (32वर्ष) उत्तराखंड में आफत की बारिश, नदी-नालों में उफान; दो लोगों की मौत यह भी पढ़ें 2आशीष पुत्र मोर सिंह 3-अतुल पुत्र हुकम सिंह उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट; यमुनोत्री हाईवे बंद यह भी पढ़ें 4- हंसा देवी (27 वर्ष) 5-संजू देवी (24 )पत्नी हुकम सिंह बारिश से मकान ध्वस्त, सड़कें बंद; अगले 24 घंटे होगी भारी बारिश यह भी पढ़ें 6-स्वाति पुत्री राकेश सिंह घायल कुमारी बबली (14 वर्ष) पुत्री मोर सिंह लापता का नाम 1-लक्ष्मी देवी धर्मपत्नी राकेश प्रदेश में मौसम का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। समूचे उत्तराखंड में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों पर आना-जाना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश में 150 से ज्यादा संपर्क मार्गों पर आवागमन बाधित है। भूस्खलन का सर्वाधिक प्रभाव पौड़ी जिले में है। यहां 80 सड़कें बाधित हैं। बदरीनाथ के पास लामबगड़ में हाईवे सातवें दिन भी नहीं खुल पाया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवान मलबा हटाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन लगातार दरक रही पहाड़ी के कारण मार्ग खोलना चुनौती बन गया है। भूस्खलन प्रभावित इस भाग को यात्री पैदल ही वैकल्पिक मार्ग से पार कर रहे हैं। इसके अलावा चमोली जिले के नारायणबगड़ में पिंडर नदी का कटाव कस्बे पर भारी पड़ा। पिंडर के किनारे पांच दुकानें भरभरा कर ढह गईं। शुक्र यह रहा कि उस वक्त दुकानों में कोई नहीं था। दूसरी ओर हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तटबंध क्षतिग्रस्त होने से गंगा का पानी खेतों में जा घुसा, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे हेल्गुगाड के पास मलबा आने से बंद हो गया। वहीं, यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट में अभी भी बंद है। दूसरी ओर कुमाऊं में मौसम का मिजाज सोमवार रात से गड़बड़ाया हुआ है। पिथौरागढ़ में मुनस्यारी के थापा गांव में भारी बारिश से भू-स्खलन हो गया। दो मकान धराशायी हो गए, जिसमें एक बाइक दब गई। सात परिवारों को रात में ही प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया। नैनीताल जिले में बीती रात हुई तेज बारिश से मल्लीताल में सनवाल पब्लिक स्कूल के पीछे भूस्खलन हो गया और खेल मैदान का मलबा टिन से बने कक्षा कक्ष में जा घुसा। मलबा पूरी क्लास में जमा हुआ है। गनीमत रही कि घटना रात को हुई। स्कूल प्रबंधन ने खतरे को देखते हुए आज अवकाश घोषित कर दिया है। उधर बारिश से जिले में एक स्टेट हाइवे समेत दस ग्रामीण मार्ग बंद हैं। इसमें भोर्सा-पिनरौ, देवीपुरा-सौंड़, काठगोदाम- हैड़ाखान, गर्जिया-बेतालघाट, ओखलाढुंगा-तल्लीसेठी, रानीकोटा-गोतिया, पशयां, तपुआ-बबियाड़, हरीनगर-चंदादेवी आदि शामिल हैं। भीमताल मार्ग पर तीन जगह दरारें, धंसने का खतरा नैनीताल की लोअर मालरोड़ की तरह भीमताल हल्द्वानी मोटर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा झील में समा सकता है। भीमताल और आसपास के क्षेत्र में भारी बरसात के चलते मल्लीताल के बाईपास डायवर्जन से तल्लीताल पंत पार्क तक तीन स्थानों पर दरारें दिख रही हैं। ये मार्ग तीन स्थानों पर धंसा हुआ है। हल्द्वानी-भीमताल मार्ग का लगभग डेढ़ किमी हिस्सा झील की दीवार पर टिका है। इस दीवार की मरम्मत न होने से जगह-जगह पत्थर आदि निकल आए हैं। ऐसे में दीवार के क्षतिग्रस्त होते ही सड़क के झील में विलीन होने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। इस मार्ग पर सुबह से रात तक कई सौ वाहन रोज गुजरते हैं। इससे इस मार्ग पर लोड भी अधिक है। इस बाबत लोक निर्माण विभाग सिंचाई विभाग को झील की दीवार की मरम्मत के लिए पत्र लिख चुका है।

लगातार बारिश से नदी-नालों का उफान और भूस्खलन जानलेवा साबित हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक नुकसान का दौर जारी है। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में दो मकान भूस्खलन के मलबे की चपेट में आकर जमींदोज हो गए। …

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उत्‍तराखंड में लखवाड़ बिजली परियोजना के लिए छह राज्यों ने मिलाए हाथ

मंगलवार को नेशनल मीडिया सेंटर नई दिल्ली में लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के निर्माण के लिए छह राज्यों के मध्य एमओयू किया गया है। ऊपरी यमुना बेसिन क्षेत्र में 3966.51 करोड़ रुपये की लागत वाली लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के एमओयू पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हस्ताक्षर किए। लखवाड़ परियोजना के तहत उत्तराखंड में देहरादून जिले के लोहारी गांव के पास यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध बनाया जाना है। बांध की जल संग्रहण क्षमता 330.66 एमसीएम होगी। इससे 33,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। इसके अलावा इससे यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों में घरेलू तथा औद्योगिक इस्तेमाल और पीने के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना निर्माण का काम उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड करेगा। छह राज्यों के मुख्यमंत्री सुलझाएंगे लखवाड़ का मसला, जल्‍द होगी बैठक यह भी पढ़ें परियोजना पर आने वाले कुल 3966.51 करोड़ रुपये की लागत में से बिजली उत्पादन पर होने वाले 1388.28 करोड़ का खर्च उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। परियोजना पूरी हो जाने के बाद तैयार बिजली का पूरा फायदा भी उत्तराखंड को ही मिलेगा। परियोजना से जुड़े सिंचाई और पीने के पानी की व्यवस्था वाले हिस्से के कुल 2578.23 करोड़ के खर्च का 90 प्रतिशत (2320.41 करोड़ रुपये) केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि बाकी 10 प्रतिशत का खर्च छह राज्यों के बीच बांट दिया जाएगा। इसमें हरियाणा को 123.29 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में से प्रत्येक राज्य को 86.75 करोड़ रुपये, राजस्थान को 24.08 करोड़ रुपये, दिल्ली को 15.58 करोड़ रुपये तथा हिमाचल प्रदेश को 8.13 करोड़ रुपये देने होंगे। लखवाड़ परियोजना के तहत संग्रहित जल का बंटवारा यमुना के बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों के बीच 12.05.1994 को किए गए समझौता ज्ञापन की व्यवस्थाओं के अनुरूप होगा। लखवाड़ बांध जलाशय का नियमन यूवाईआरबी के जरिए किया जाएगा। सीमन उत्पादन के लिए शनिवार को होगा एमओयू यह भी पढ़ें लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के अलावा ऊपरी यमुना क्षेत्र में किसाऊ और रेणुकाजी परियोजनाओं का निर्माण भी होना है। किसाऊ परियोजना के तहत यमुना की सहायक नदी टौंस पर देहरादून जिले में 236 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध बनाया जाएगा। वहीं रेणुकाजी परियोजना के तहत यमुना की सहायक नदी गिरि पर हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में 148 मीटर ऊंचे बांध का निर्माण किया जाएगा। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि लखवाड़ राष्ट्रीय परियोजना है। इससे सभी साझेदार छह राज्यों को लाभ होगा। उत्तराखंड की बिजली जरूरतों को पूरा करने में यह योजना महत्वपूर्ण साबित होगी।

मंगलवार को नेशनल मीडिया सेंटर नई दिल्ली में लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के निर्माण के लिए छह राज्यों के मध्य एमओयू किया गया है। ऊपरी यमुना बेसिन क्षेत्र में 3966.51 करोड़ रुपये की लागत वाली लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के एमओयू पर …

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कार्बेट नेशनल पार्क में सुरक्षा पर खड़े अनुत्तरित सवाल

देश के पहले राष्ट्रीय उद्यान और उत्तर भारत में बाघों की प्रमुख पनाहगाह कार्बेट नेशनल पार्क में सुरक्षा को लेकर एक नहीं अनेक सवाल खड़े हैं, लेकिन इनके निदान की दिशा में सिवाय दावों के कोई ठोस पहल होती नहीं दिख रही। कहने को तो चौकसी बढ़ाने के मद्देनजर कभी उप्र के साथ मिलकर सीमा पर सघन गश्त की बात होती है तो कभी वाच टावरों के जरिए पूरे पार्क क्षेत्र पर निगहबानी की, मगर ये कोशिशें परवान नहीं चढ़ पा रहीं। और तो और पूर्व में भारतीय वन्यजीव संस्थान की ओर से अध्ययन के लिहाज से पार्क में लगवाए गए कैमरा ट्रैप भी हटवा दिए गए। यही नहीं, खुफिया तंत्र को मजबूती देने के प्रयास भी पूरी तरह से फलीभूत नहीं हो पाए हैं। उधर, अपर सचिव वन धीरज पांडे ने माना कि कुछ खामियां हैं। इन्हें दूर करने की दिशा में सभी स्तरों पर प्रयास होने हैं और इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे कार्बेट नेशनल पार्क को वन्यजीव सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है। बाघों समेत दूसरे वन्यजीवों पर नजरें गड़ाए कुख्यात बावरिया गिरोहों के इसी सीमा से पार्क में घुसने की खबरें पूर्व में सुर्खियां बनती रही हैं। 2016 में बरामद हुई बाघ की छह खालों के मामले में जब शिकारी पकड़े गए तो बात सामने आई थी कि इनका शिकार कार्बेट में हुआ। कुख्यात बावरिया गिरोह पार्क की इसी सीमा से होकर घुसे थे। हालांकि, बाद में यह मसला सीमा विवाद में उलझाकर रख दिया गया। वन्यजीवों के शिकार के 70 फीसद मामलों में बावरिया गिरोहों की सक्रियता की बातें सामने आती रही हैं। इस क्रम में पूर्व में राज्य में सक्रिय पांच कुख्यात गिरोह चिह्नित किए गए। बावजूद इसके इन गिरोहों से जुड़े करीब 80 लोगों पर शिकंजा कसने को प्रभावी पहल का अब तक इंतजार है। कार्बेट नेशनल पार्क में ही खतरे में हैं बाघ, सवाल तो उठेंगे ही यह भी पढ़ें यह स्थिति तब है, जबकि वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो शिकारी गिरोहों का डेटा बेस बनाने के साथ ही शिकारियों-तस्करों के संबंध में एक-दूसरे राज्यों से जानकारी शेयर करने पर लगातार जोर देता रहा है। यही नहीं, सुरक्षा के मद्देनजर राज्य पुलिस व एसटीएफ समेत अन्य एजेंसियों के मध्य बेहतर तालमेल के दावे भी अक्सर होते रहे हैं, लेकिन कार्बेट में इनकी कलई जब-तब खुलती रही है। पार्क में बाघ सुरक्षा के लिए वॉच टावर, ई-वॉच योजना की पूर्व में पहल तो हुई, लेकिन बाद में इस कवायद में रखरखाव का पेच फंस गया। पार्क की उप्र से लगी सीमा पर दोनों राज्यों के कार्मिकों की सघन गश्त के अलावा पार्क के भीतर की गश्त पर भी अक्सर प्रश्न उठते रहे हैं। हालांकि, अब विभाग का दावा है कि इन बिंदुओं पर लगातार काम किया जा रहा है।

देश के पहले राष्ट्रीय उद्यान और उत्तर भारत में बाघों की प्रमुख पनाहगाह कार्बेट नेशनल पार्क में सुरक्षा को लेकर एक नहीं अनेक सवाल खड़े हैं, लेकिन इनके निदान की दिशा में सिवाय दावों के कोई ठोस पहल होती नहीं …

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उत्‍तराखंड में रुक रुककर हो रही बारिश, देहरादून में फटा बादल; गंगा का जलस्‍तर बढ़ा

उत्तराखंड में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं में भूस्खलन से मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दून के रायपुर क्षेत्र के सोडा ग्वाड़ गांव में आज बादल फट गया। इससे गांव की पेयजल योजना, नहर, रास्ते को नुकसान हुआ है। ऋषिकेश में आकाशीय बिजली गिरने से बापू ग्राम के दो घरों में मकान की दीवारें फट गईं। वहीं, गंगा का जलस्तर ऋषिकेश और हरिद्वार में चेतावनी रेखा से ऊपर बह रहा है। चमोली में बदरीनाथ हाईवे क्षेत्रपाल, छिनका और लामबगड़ में भूस्‍खलन के कारण मलबा आने से बंद हैं। देहरादून के इस गांव फटा बादल देहरादून के रायपुर क्षेत्र के सोडा ग्वाड़ गांव में बादल फटने की सूचना है। प्रशासन की टीम क्षेत्र की पटवारी मीनाक्षी कठैत के नेतृत्व में मौके के लिए रवाना हो गई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी दीपशिखा रावत ने बताया कि गांव के एक गधेरे में अचानक शुक्रवार सुबह पानी बढ़ गया। इससे गांव की पेयजल योजना, नहर, रास्ते को नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि नदी नाले में किसी के बहने की सूचना नहीं है। गांव के प्रधान महेंद्र सिंह ने बताया कि नाले में पानी बढ़ने से रास्ते और खेती को नुकसान की बात कही। इधर प्रभारी डीएम जीएस रावत ने बताया कि नाले में पानी बढ़ने की सूचना मिली है। इस पर टीम मौके पर रवाना हो गई है। नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उत्‍तराखंड में मूसलाधार बारिश से नदी-नालों में उफान, कई इलाकों में बाढ़ का खतरा यह भी पढ़ें चिड़ियापुर में नदी में बहा एक आयल टैंकर बरस रही आफत, चमोली में दो जगह फटा बादल; भारी बारिश की चेतावनी से स्कूल बंद यह भी पढ़ें रात में कई जिलों में हुई बारिश के चलते जिले में गंगा का जलस्तर सुबह 293.10 मीटर पर पहुंच गया, जो चेतावनी रेखा 293 मीटर से ऊपर है। सुबह दस बजे गंगा का जलस्तर 293.30 मीटर रेकॉर्ड किया गया है। चिड़ियापुर में एक आयल टैंकर कोटावली नदी में बह गया है। इसमें पांच लोग बैठे बताए जा रहे हैं। जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार चार सुरक्षित निकल गए हैं। मौके पर जल पुलिस के जवान पहुंचे हैं वहीं, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया सभी को अलर्ट करते हुए तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है। गंगा किनारे बसे लोगों को तैयार रहने को कहा गया है। दो घरों में गिरी आकाशीय बिजली यमुनोत्री हाईवे पर रुक-रुककर गिर रहा मलबा, पिथौरागढ़ में अभी कई मार्ग बंद यह भी पढ़ें ऋषिकेश में शुक्रवार तड़के पांच बजे आकाशीय बिजली गिरने से बापू ग्राम के दो घरों में मकान की दीवारें फट गईं। दोनों घरों में शार्ट सर्किट हो गया। ऋषिकेश आसपास क्षेत्र में बीती रात से ही बारिश जारी है। रात से ही बादलों की गर्जना लोगों को डरा रही थी। तड़के करीब पांच बजे बापू ग्राम के सुमन विहार गली नंबर एक में आकाशीय बिजली गिरने से पूरा क्षेत्र थर्रा गया। स्थानीय निवासी सूरज सिंह कंडारी व जय सिंह रावत के घर आसपास हैं। इनकी छत से आकाशीय बिजली गिरी और सूरज सिंह कंडारी की घर के दीवार को फाड़ती हुई निकल गई। दोनों घरों में शॉर्ट सर्किट हो गया। जिससे घर में लगे सभी विद्युत उपकरण फुंक गए। गनीमत रहे कि घर मे मौजूद लोगों को कोई नुकसान नहीं पंहुचा। ऋषिकेश में चेतावनी रेखा से ऊपर बह रही गंगा ऋषिकेश में गंगा ने पार की चेतावनी रेखा, दहशत में लोग यह भी पढ़ें लगातार हो रही बारिश से गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। शुक्रवार को तड़के चार बजे ऋषिकेश में गंगा ने चेतावनी रेखा को छू लिया था, जबकि इसके बाद गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से 15 सेंटीमीटर ऊपर चला गया। हालांकि सात बजे गंगा के जलस्तर में 5 सेंटीमीटर की कमी आयी है। बीते कुछ दिनों से मैदानी वह पर्वतीय इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। गंगा घाटी व सहायक नदियों की घाटियों में भी लगातार बारिश जारी है। जिससे गंगा के जलस्तर में इजाफा हो रहा है। इस वर्ष मानसून काल में ऋषिकेश में गंगा ने तीन बार चेतावनी रेखा को छुआ है। जबकि शुक्रवार प्रातः चार बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा 339.50 मीटर पहुंच गया। प्रात: छह बजे चेतावनी रेखा से 15 सेंटीमीटर ऊपर यानी 339.65 मीटर जा पहुंचा। मानसून काल में इस वर्ष का गंगा मैया सर्वाधिक जलस्तर है। अभी भी गंगा चेतावनी रेखा से ऊपर बह रही है। गंगा के बढते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। तीर्थनगरी में में प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट के मुख्य प्लेटफार्म तक गंगा का पानी पहुंच गया है। इसके अलावा लक्ष्मण झूला, स्वर्गाश्रम व मुनिकीरेती क्षेत्र के सभी पक्के घाट जलमग्न हो गए हैं। गंगा के जलस्तर से तटीय इलाकों में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पांच जिलों में भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को भी मौसम में बदलाव नहीं होने वाला। विशेषकर देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में भारी से भारी बारिश की आशंका है। मौसम की चेतावनी के मद्देनजर शासन ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट जारी किया है। आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों को सजग रहने को कहा गया है।

उत्तराखंड में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं में भूस्खलन से मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दून के रायपुर क्षेत्र के सोडा ग्वाड़ गांव में आज बादल फट गया। इससे गांव की पेयजल योजना, नहर, …

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उत्तरकाशी में सामूहिक दुष्कर्म मामले का हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, आरोपित गिरफ्तार

देहरदून: उत्तरकाशी में बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या मामले का उत्तराखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस मामले में मंगलवार को हाई कोर्ट की खंडपीठ सुनवाई करेगी। कार्यवाहक चीफ जस्टिस राजीव शर्मा व जस्टिस मनोज तिवाड़ी …

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हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर अटलजी की अस्थियां गंगा में विसर्जित

यहां से सभी लोग दो अलग-अलग हेलीकॉप्टर से हरिद्वार के लिए रवाना हुए। उनका हेलीकाप्‍टर हरिद्वार के पन्‍ना लाल भल्‍ला नगरपालिका इंटर कॉलेज में उतरा। यहां से अस्‍थि कलश यात्रा हरकी पैड़ी के लिए रवाना हुई। अस्थि कलश रथ में अटलजी के परिजनों के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के साथ ही उत्तराखंड के सरकार के मंत्री मौजदू थे। महिलाओं के लिए खुल सकते हैं हरिद्वार की गंगा सभा के द्वार यह भी पढ़ें अस्थि कलश यात्रा मायापुर से होते हुए हरकी पैड़ी की तरफ बढ़ी। रास्ते भर में दोनों तरफ लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोग पुष्प वर्षा करते गए अटलजी को श्रद्धांजलि दे रहे थे। एक वाहन में देशभक्ति गीत की धुन भी बजाई जा रही थी। करीब दोपहर एक बजे अटलजी की अस्थि कलश यात्रा हरकी पैड़ी पहुंची। यहां पंडित अखिलेश शर्मा त्रिपाठी ने पूरे विधि विधान से अस्थियों को गंगा में विसर्जित कराया। अटलजी की दत्‍तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने अस्थियों को गंगा में प्रभावित किया। इस दौरान अटलजी अमर रहें के नारे लग रहे थे। स्वामी सानंद के स्वास्थ्य में गिरावट, एम्स में भर्ती यह भी पढ़ें जीरो जोन रहेगा हरकी पैड़ी अभिषेक बच्चन उद्योगपति निखिल नंदा के साथ पहुंचे हरिद्वार, निखिल ने पिता की अस्थियां गंगा में की प्रवाहित यह भी पढ़ें हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर प्रात: कालीन गंगा आरती के बाद हरकी पैड़ी को जीरो जोन में तब्दील कर दिया गया। अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के समापन के बाद ही आम जन को यहां आने की अनुमति होगी। हालांकि अन्य घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। 1000 जवान तैनात एसएसपी ने बताया कि सुरक्षा में पुलिस के करीब एक हजार जवानों को तैनात किया गया है। शांतिकुंज से हरकी पैड़ी तक अस्थि कलश यात्रा के दौरान स्पेशल दस्तों की तैनाती की गई है। बहुमंजिला इमारतों से स्नाइपर चारों ओर नजर रखें हैं।

रविवार को दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां उनकी दत्‍तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने पूरे विधि-विधान से हरकी पैड़ी के ब्रह्मकुंड में गंगा में विसर्जित की। पंडित अखिलेश शर्मा त्रिपाठी ने विधि विधान के …

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नाबालिग बहनों के ब्याह ने बदली जीवन की धारा, साइकिल ले मिशन पर निकला

अक्षय भगत, जिसे घर के हालात ने ही विद्रोही बना दिया और निकल पड़ा 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की अलख जगाने। ताकि जो उसके परिवार में घटा, अन्य किसी के साथ न घटे। घर की खराब आर्थिक स्थिति के चलते पिता ने कच्ची उम्र में ही उसकी दो बहनों की शादी कर दी। वह न तो पढ़ाई कर सकीं और न ही ससुराल में उन्हें सुख-चैन मिला। ससुराली उन्हें लगातार प्रताड़ित करते थे। इससे अक्षय इस कदर व्यथित हुआ कि पढ़ाई तक छोड़ बेटियों के भविष्य के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। वर्तमान में वह साइकिल पर देशभर में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा बुलंद कर रहा है। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के ग्राम बुडगा(बगमुंडी) निवासी अक्षय भगत(24 वर्ष) चार बहनों का इकलौता भाई है। बहनों में सबसे बड़ी लक्ष्मी की 2005 में शादी कर दी गई। तब वह मात्र 15 साल की थी। दूसरे नंबर की बहन चांदनी की भी 16 साल की उम्र में 2007 में शादी हो गई। अक्षय तब 13 साल का था। बहन के आग्रह पर उसने पिता भुवनेश्वर भगत के सामने इस शादी का विरोध भी किया। लेकिन, परिवार की जर्जर आर्थिक स्थिति के कारण उसकी एक न चली। हालांकि, 2015 में जब तीसरी बहन मीनाक्षी की महज 16 वर्ष की उम्र में सगाई की जा रही थी तो वह खुलकर विरोध में उतर आया। नतीजा, पिता को झुकना पड़ा और 12वीं करने के बाद ही 2017 में मीनाक्षी की शादी हुई। अक्षय की सबसे छोटी बहन पूनम अभी नवीं में पढ़ रही है।संकल्प यात्रा को मां का आशीर्वाद गुलाब की खेती से गुलाबी हुए काश्तकारों के चेहरे, कर रहे इतनी कमाई यह भी पढ़ें अक्षय बताता है कि उसने दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी। अब उसका उद्देश्य बदल चुका था। मां आशा देवी ने पहले तो उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन जब उसने उन्हें अपने संकल्प से परिचित कराया तो वह राजी हो गईं। इसके बाद पांच मार्च 2018 को वह साइकिल से भारत भ्रमण पर निकल पड़ा। समाज में बेटियों के प्रति सोच बदलने के लिए जागरूकता पैदा करने। डेढ़ वर्ष में पूरी होगी यह यात्रा खतरे में पड़ी धरती की वैतरणी, जानिए वजह यह भी पढ़ें अक्षय ने यात्रा की शुरुआत पश्चिम बंगाल से की और अब तक वह झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश व पंचप्रयाग होते हुए बदरीनाथ धाम की यात्रा कर चुका है। बदरीनाथ से लौटते हुए गोपेश्वर पहुंचने पर अक्षय ने बताया कि अब उसका इरादा हिमाचल प्रदेश होते हुए जम्मू-कश्मीर जाने का है। कश्मीर से वह कन्या कुमारी होते हुए फिर पश्चिम बंगाल लौटेगा। बताया कि इस यात्रा में डेढ़ वर्ष का समय लग सकता है। बाबा रामदेव बोले, 'लगे रहो अक्षय' 12 परिवारों को लेकर जिलाधिकारी ने टेंट में बसाया लातातोली गांव यह भी पढ़ें अक्षय ने बताया कि वह अपने इस मिशन को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव से भी मिला। बाबा ने उसे पूरे मनोयोग से इस मिशन पर लगे रहने को कहा है। साइकिल सबसे अनुकूल साधन ये शिक्षक हर स्वतंत्रता दिवस पर लेते हैं बेटियों को गोद, उठाते हैं शिक्षा का खर्च यह भी पढ़ें अक्षय ने बताया कि उसने साइकिल को यात्रा का माध्यम इसलिए चुना कि इससे खर्चे की कोई दिक्कत नहीं आएगी। साथ ही जगह-जगह लोगों से जुड़ने के लिए साइकिल से बेहतर माध्यम और कोई नहीं है। लोगों का सहयोग मिल रहा है और वह आगे बढ़ रहा है।

अक्षय भगत, जिसे घर के हालात ने ही विद्रोही बना दिया और निकल पड़ा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की अलख जगाने। ताकि जो उसके परिवार में घटा, अन्य किसी के साथ न घटे। घर की खराब आर्थिक स्थिति के चलते …

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उत्तराखंड से था अटल बिहारी वाजपेयी को खास लगाव

उत्तराखंड से था अटल बिहारी वाजपेयी को खास लगाव

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान से उत्तराखंड में शोक की लहर है। दरअसल, वाजपेयी का उत्तराखंड से गहरा नाता रहा। दशकों की लंबी मांग के बाद अगर नौ नवंबर 2000 को उत्तराखंड देश के मानचित्र पर अलग राज्य …

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रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का बड़ा ऐलान : बोले- पूर्वाचल में होगा देश का सबसे बेहतर रेल नेटवर्क

पूर्वांचल में देश के किसी भी क्षेत्र के रेल नेटवर्क से बेहतर नेटवर्क होगा। नरेंद्र मोदी के नेतृव में पूर्वांचल का तेजी से विकास हो रहा है। यह बातें केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने मंगलवार को मऊ में …

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