अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की पर्यावरण पर आयोजित वर्चुअल समिट शुक्रवार को साथ चलने और बदलाव लाने के संकल्प के साथ संपन्न हुई। इस दौरान केन्या को केरोसिन स्टोव से निजात दिलाने और इजरायल की बैट्री क्षमता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। बड़ी स्क्रीन पर दिखाई दे रहे बाइडन ने कहा, लक्ष्य प्राप्ति के लिए हम साथ चलेंगे। उन्होंने यह बात तमाम देशों के सत्ता प्रमुखों, यूनियन लीडर और कारोबारी दिग्गजों को संबोधित करते हुए कही। बाइडन के इस समापन संदेश में केन्या के राष्ट्रपति उहुरू मुगई केन्याता की उस लाचारी में साथ देने का भाव भी था जिसमें धन की कमी को लेकर बेबसी जताई गई थी। केन्याता ने कहा था- केन्या अभावों के चलते बदलते मौसम से नहीं लड़ सकता, हालांकि हमारी दुनिया के साथ चलने की इच्छा है। 
40 देशों की सहभागिता वाले इस सम्मेलन में प्रमुख देशों ने निधि बनाकर पर्यावरण सुधार की इस मुहिम को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस मुहिम का नेतृत्व अमेरिका करेगा। सम्मेलन में हानिकारक गैसों का सर्वाधिक उत्सर्जन करने वाले चीन, भारत, जापान, ब्रिटेन समेत 40 देशों ने हिस्सा लिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संबोधन में पर्यावरण सुधार की इस मुहिम को पूरा सहयोग देने का वचन दिया था। जबकि बाइडन ने चालू दशक में अमेरिका में कोयले और पेट्रोलियम पदार्थो के इस्तेमाल को घटाकर आधा करने की घोषणा की।
कहा, हमें अपनी घोषणाओं को साकार कर दिखाना है। वादा करने के बाद कुछ नहीं करने का अर्थ होगा कि हम बहुत अधिक गर्म हवा से घिर जाएंगे और हमारा चैन चला जाएगा। समिट में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बताया कि उनके देश के विज्ञानी सौर, हवा और अन्य प्राकृतिक स्त्रोतों से चालित बड़ी बैटरी के निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ा रहे हैं। संभवत: जल्द इसमें सफलता मिल जाएगी। बाइडन ने व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में सजाए गए टीवी टॉक शो जैसे सेट से इस समिट में भाग लिया और दुनिया को संबोधित किया।
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